kisan

Tapioca (टैपिओका)

Basic Info

भारत में मुख्यतः “टपिओका” (Manihot esculenta) नामक कंद से प्राप्त होने वाले स्टार्च से साबूदाना बनाया जाता है, टपिओका को कसावा भी कहते हैं। बल्कि शायद यह कहना बेहतर होगा कि कसावा के पौधे से टपिओका उत्पन्न होता है। यह दक्षिण अमरीकी मूल का है और पश्चिम द्वीप समूहों के अतिरिक्त भारत तथा अन्य देशों में भी बहुतायत से पैदा किया जाता है। वास्तव में टपिओका करोड़ों लोगों के लिए भोजन का प्राथमिक स्रोत है क्योंकि इसके पौधे अनुपजाऊ भूमि में तथा अल्प वर्षा वाले जगहों में भी आसानी से पनपते हैं। टैपिओका या कसावा एक कन्द वाली फसल की श्रेणी में आती है। इसकी जड़ों में स्टार्च की भारी मात्रा होती है, जिसे साबूदाना बनाने में उपयोग किया जाता है। इसकी खेती के लिए उष्णकटिबंधीय जलवायु की जरुरत होती है। भारत में इसकी ज्यादातर खेती केरल, तामिलनाडू और आन्ध्र प्रदेश में होती है।

Seed Specification

बुवाई का समय
टैपिओका के कंद की सालभर में कभी भी इसकी रोपाई की जा सकती है किन्तु दिसम्बर माह रोपाई के लिए अनुकूल होता है।

बुवाई का तरीका
टैपिओका की फसल को तने की कटिंग के द्वारा लगाया जाता है। इस कटिंग को रासायनिक दवाइयों के घोल से उपचारित कर लगाया जाता है और फिर 1 मीटर की दूरी पर लगाया जाता है। 2-3 सेंटीमीटर डायमीटर वाले परिपक्व स्वस्थ तनों का का चयन करना चाहिए। तने के ऊपरी भाग का चयन करे तथा कठोर भाग को हटा दे. 15-20 सेमी लंबाई के सेट्स तैयार कर लें। लगभग 15 दिनो बाद इन सेट्स पर पत्तियाँ उग आती हैं और अंकुरण शुरू हो जाता है।

दुरी
ब्रांचिंग या सेमी-ब्रांचिंग पौधों के लिए पंक्ति से पंक्ति और पौधों से पौधों की 90 सेमी दूरी पर पौधे लगाने चाहिए। गैर ब्रांचिंग प्रकार के पौधों के लिए पंक्ति से पंक्ति और पौधों से पौधों की 75 सेमी दूरी पर पौधे लगाने चाहिए।

गहराई 
सेट्स को 5 सेमी गहरा लम्बवत लगाया जाता है।

बीज उपचार
टैपिओका तने की कटिंग को रासायनिक दवाइयों के घोल से उपचारित कर लगाया जाता है।

Land Preparation & Soil Health

अनुकूल जलवायु
टैपिओका की फसल गर्म एवं आद्र जलवायु में अच्छी वृद्धि करती है। इसका पौधा एक बार स्थापित होने के बाद सूखा भी सहन कर लेता है।

भूमि का चयन
टैपिओका सभी प्रकार की मिट्टी पर उगता है, लेकिन खारा, क्षारीय और गैर-सूखा मिट्टी उपयुक्त नहीं है। और जलनिकास की समुचित व्यवस्था होनी चाहिए।

खेत की तैयारी
तने की कटिंग की रोपाई से पूर्व खेत की अच्छी गहरी जुताई करना चाहिए। अंतिम जुताई के समय पाटा लगाकर खेत को समतल और भुरभुरा बना लेना चाहिए। बाद में आवश्यकता अनुसार उचित दुरी पर मेड़ या क्यारियाँ बनाना चाहिए।

Crop Spray & fertilizer Specification

खाद एवं रासायनिक उर्वरक
टैपिओका की फसल की अच्छी बढ़वार के लिए वर्मी कम्पोस्ट या ग्रीन खाद का प्रयोग करना चाहिए। रासायनिक उर्वरक मिट्टी परिक्षण के आधार पर और कृषि विशेषज्ञ की सलाह पर ही प्रयोग में लाना चाहिए।

Weeding & Irrigation

खरपतवार नियंत्रण
खरपतवार की रोकथाम के लिए समय-समय पर आवश्यकता अनुसार उचित साधनों के प्रयोग से निराई-गुड़ाई करना चाहिए।

सिंचाई
टैपिओका के तने की कटिंग के रोपण के बाद तुरंत हल्की सिंचाई करें। और बाद में आवश्यकता अनुसार सिंचाई करना चाहिए।

Harvesting & Storage

फसल की कटाई 
रोपाई के 8 महीने बाद तना कटाई के लिए और 12 महीने बाद जड़ कटाई के लिए तैयार हो जाता है।

साबूदाना बनाने की प्रक्रिया
साबूदाना टैपिओका स्टार्च से बनाया जाता है, और टैपिओका स्टार्च कसावा कंद से बनाया जाता है। कसावा कंद जो की शकरकंद तरह ही दिखता है, के गूदे को निकालकर 8-10 दिन तक बड़े-बड़े बर्तनों में पानी में रखा जाता है। इस प्रक्रिया को बार-बार 4-6 महीनो तक किया जाता है और उसके बाद गूदे को निकालकर मशीनों में डाल के साबूदाना प्राप्त किया जाता है। बाजार में आने से पहले इन दानों पर ग्लूकोज और स्टार्च से बने पाउडर की पॉलिश की जाती है।

पैकेजिंग:- साबूदाना को प्लास्टिक के पाउच में जिसपे कंपनी का नाम और लोगो प्रिंट हो में भर के पैकेजिंग करे। इससे आपके उद्योग का प्रचार भी होगा।

Crop Related Disease

Description:
वेक्टर-पसंदीदा तापमान अनुमान 27 डिग्री सेल्सियस से 32 डिग्री सेल्सियस तक भिन्न होते हैं लेकिन आम तौर पर उच्च मलगुंदता, तेजी से विकास और अधिक दीर्घायु से जुड़े उच्च तापमान होते हैं।
Organic Solution:
पतला खनिज तेल वायरस के संचरण को कम कर सकता है।
Chemical Solution:
10 दिनों के अंतराल पर डिमेक्रोन (0.05%) या मोनोक्रोटोफ़ॉस (0.05%) के 2-3 पर्ण स्प्रे के साथ एफिड्स को नियंत्रित करके रोग की प्रभावी जाँच की जा सकती है।
Description:
पत्ती के धब्बे भूरे रंग के होते हैं, आकार में गोलाकार और बड़े होते हैं। धब्बों के भीतर रिंग्स देखी जा सकती हैं। रोग की गंभीरता सकारात्मक रूप से बादल, गीले मौसम के साथ संबंधित है। यह रोग मुख्य रूप से परिपक्व पत्तियों पर होता है जो अक्सर निचली पत्तियों पर शुरू होते हैं और अन्य पत्तियों की ओर बढ़ते हैं और डंठल के ऊपर बढ़ते हैं।
Organic Solution:
कॉपर ऑक्सीक्लोराइड पर आधारित ऑर्गेनिक कवकनाशी अल्टरनेरिया ब्राउन स्पॉट के खिलाफ अच्छे परिणाम दिखाते हैं।
Chemical Solution:
IProdione, क्लोरोथालोनिल और एजोक्सिस्ट्रोबिन पर आधारित कवकनाशी अल्टरनेरिया ब्राउन स्पॉट का अच्छा नियंत्रण प्रदान करते हैं। प्रोपिकोनाज़ोल और थियोफैनेट मिथाइल पर आधारित उत्पाद भी अत्यधिक प्रभावी साबित हुए हैं।

Tapioca (टैपिओका) Crop Types

You may also like

No video Found!