Rosemary (रोजमैरी)
Basic Info
रोज़मेरी को हिंदी में गुलमेंहदी कहा जाता है। इस बारहमासी जड़ीबूटी का वैज्ञानिक नाम Rosamarinus officinalis है, लेकिन दुनिया में इसे सामान्यत: रोज़मेरी या गुलमेंहदी के नाम से ही जाना जाता है।रोजमेरी रसोईघर में सबसे अधिक पाए जाने वाली जड़ी-बूटियों में से एक है। यह भूमध्यसागरीय क्षेत्र में उगाए जाने वाला चिकित्सीय पौधा है। यह 2-3 फीट ऊँचा बहुवर्षीय शाकीय पौधा है। इसकी पत्तियॉं सुई के आकार की 3-4 से.मी.तक लम्बी होती है। पत्तियों में सुगन्धित तेल पाया जाता है। इसके फूल नीले रंग के होते हैं । यह पुदीना परिवार लैमियेसी (Lameaceae) की प्रजाति का पौधा है। यह गर्म, कड़वा और अधिक कसैले स्वाद का होता है और सूप, सॉस, स्टॉज, रोस्ट्स और स्टफिंग आदि के लिए उपयोग किया जाता है। भारत में इसकी खेती हिमाचल प्रदेश, जम्मू कश्मीर, उत्तराखण्ड में की जा रही है।
Seed Specification
बुवाई का समय
रोजमेरी की खेती अक्टूबर से फरवरी के बीच हो सकती है।
बुवाई का तरीका
रोजमेरी की बुवाई बीज द्वारा या कटिंग (कलम) विधि द्वारा की जाती है।
नर्सरी तैयार करना
बीज द्वारा प्रति हैक्टर 2 किलो बीज के अनुसार नर्सरी तैयार की जाती है। जिसके लिये 2 ग्राम बीज प्रति 1 वर्ग मी. भूमि में छिड़ककर रेत से ढक देते हैं। 14-15 ºC से. तापमान पर बीज का जमाव होता है। 8-10 सप्ताह में पौध रोपण हेतु तैयार हो जाते हैं। रोजमेरी का उत्पादन/प्रवर्धन कटिंग द्वारा भी किया जा सकता है।
पौधरोपण का तरीका
नर्सरी में तैयार पौध के खेत में 45 x 45 सेमी. दूरी पर रोपित करना चाहिये।
बीज की मात्रा
प्रति हैक्टेयर 30,000 पौध से अच्छी उपज प्राप्त होती है।
Land Preparation & Soil Health
अनुकूल जलवायु
रोजमेरी की फसल के लिए शीतोष्ण जहाँ वर्ष भर मौसम ठण्डा रहता है तथा पाला युक्त हो जलवायु उपयुक्त होती है।
भूमि का चयन
इसकी खेती विभिन्न प्रकार की भूमि में की जा सकती है, लेकिन इसके लिए हल्की कंकड़ युक्त मृदा उपयुक्त होती है।
खेत की तैयारी
पौधरोपण से पहले खेत की अच्छी तरह से गहरी जुताई कर खेत में खाद डाल कर समतल और भुरभुरा कर लेना चाहिए। तथा खेत में अच्छे जलनिकासी व्यवस्था करना चाहिए।
Crop Spray & fertilizer Specification
खाद एवं रासायनिक उर्वरक
रोजमेरी की अच्छी बढ़वार के लिए खेत तैयारी के समय 20 टन अच्छी सड़ी हुई गोबर की खाद और 20 किलो ग्राम माइक्रो भू-पावर के अनुसार प्रति एकड़ में मिला देते है। ध्यान रहे रोज़मेरी एक जड़ीबूटी है लिहाज़ा इसकी खेती में किसी भी तरह की रासायनिक खाद का इस्तेमाल नहीं करना चाहिए। इसके लिए आपको ऑर्गेनिक/Organic खाद तैयार करके ही खेती करनी चाहिए।
Weeding & Irrigation
खरपतवार नियंत्रण
खरपतवार की रोकथाम के लिए समय-समय पर आवश्यकतानुसार निराई-गुड़ाई करना चाहिए।
सिंचाई
रोज़मेरी की खेती के लिए सिंचाई आवश्यकता अनुसार करना बहुत ज़रूरी है। रोज़मेरी की खेती के लिए बुआई के तुरन्त बाद 3-4 बार लगातार सिंचाई करनी होती है और बाद में समय-समय पर सिंचाई करते रहना चाहिये।
Harvesting & Storage
फसल की कटाई
पहले साल में बुवाई के 4 माह बाद 50 प्रतिशत फूल आने पर कोमल भाग को काट कर हर्ब्स एकत्र कर ली जाती है। प्रथम वर्ष में दो बार तथा तीसरे वर्ष से साल में तीन से चार बार हर्ब्स प्राप्त की जाती है।
उत्पादन
सूखी हर्बेज से 0.7-3 प्रतिशत 85-100 किलों प्रति हैक्टर, प्रतिवर्ष तेल मिलता है। तेल प्रति हेतु प्रत्येक आसवन में 3 घंटे लगते हैं।