Bay Leaf (तेज पत्ता)
Basic Info
यदी आप तेजपत्ता की खेती करने में दिलचस्पी रखते है तो आप बहुत आसानी से इसकी खेती और बेहतर कमाई कर सकते है। इसे अंग्रेजी में ‘बे लीफ‘ कहा जाता है। यह एक प्रकार का शुष्क और सुगन्धित पत्ता होता है। इसके ताजे और सूखे पत्तों का ज्यादातर उपयोग खाने को सुगंधित और स्वादिष्ट बनाने के लिए मसाले के रूप में किया जाता है। इसका उत्पादन वर्षो से किया जा रहा है। इसके मुख्य उत्पादक देश भारत, रूस, मध्य अमेरिका, इटली, फ्रांस, उत्तर अमेरिका और बेल्जियम आदि है। यह औषधीय गुणों से भी भरपूर होता है, वजन घटाने के लिए लोग चाय में तेजपत्ता तथा दालचीनी का उपयोग करते हैं। हमारे देश में तेजपत्ता का ज्यादातर उत्पादन उत्तर प्रदेश, बिहार, केरल, कर्नाटक के अलावा उतरी पूर्वी भारत के पहाड़ी क्षेत्रों में किया जाता है।
Seed Specification
बुवाई का समय
तेजपत्ता की बुवाई जून - जुलाई महीने में की जाती है।
बुवाई का तरीका
इसकी बुवाई सीधे बीज द्वारा तथा कलम विधि अपनाकर पौध तैयार की जा सकती है।
पौध रोपण की विधि
नर्सरी में बीजों तथा कायिक प्रवर्धन विधियों (कलम विधि) द्वारा तैयार पौधे को चुने हुए खेत में 50 से.मी. गहरे गड्ढे खोदकर इनमें सतही मिट्टी व खाद या कम्पोस्ट का मिश्रण भर देते है। गड्ढे 3x3 मी. की दुरी पर खोदे जाते है। फिर जून-जुलाई महीनें में नर्सरी या डालियों से पौध को इन गड्ढो में रोपा जाता हैं।
Land Preparation & Soil Health
अनुकूल जलवायु
इसके लिए उष्ण जलवायु अथवा हल्के ठंढे वाले क्षेत्रों में इसे सफलतापूर्वक उगाया जा सकता है।
भूमि का चयन
यह मुख्य रूप से ऊसर और पथरीली जमीनों पर उगाया जाता है। वैसे अब इसे हर प्रकार की मिट्टी में उगाया जाता है, जिसका पी एच मान 6-8 के मध्य हो। मिट्टी सुखी तथा कार्बनिक पदार्थ से युक्त होनी चाहिए।
खेत की तैयारी
पौधरोपण पहले खेत की अच्छी तरह से गहरी जुताई करके मिट्टी को भुरभुरा और समतल बना लेना चाहिए, खेत को खरपतवार रहित तथा जल निकास की उचित व्यवस्था रखनी चाहिए। इसके बाद गड्ढो की खुदाई करना चाहिए।
Crop Spray & fertilizer Specification
खाद एवं रासायनिक उर्वरक
पौधे की समुचित विकास के लिए खाद और उर्वरक देना चाहिए, 20 किलो गोबर की खाद, 20 ग्राम नाइट्रोजन, 18 ग्राम फास्फोरस तथा 25 ग्राम पोटाश प्रति पौधा की दर से देना चाहिए। उर्वरक की मात्रा को समान भागों में बाटकर एक भाग को सितम्बर-अक्टूबर माह तथा दूसरे भाग को गोबर खाद की पूरी मात्रा के साथ मई-जून माह में देना चाहिए। खाद एवं उर्वरक की मात्रा हर वर्ष आवश्यकता अनुसार बड़ा कर देना चाहिए।
Weeding & Irrigation
खरपतवार नियंत्रण
खरपतवार की रोकथाम के लिए आवश्यकता अनुसार निराई-गुड़ाई करना चाहिए।
सिंचाई
पौधरोपण के तुरंत बाद सिंचाई करें। और इसके बाद आवश्यकता अनुसार सिंचाई करना चाहिए।
Harvesting & Storage
कटाई छटाई
इसकी समय पर छटाई करने से पेड़ों का विकास पूरी तरह होता है। अतः समय-समय पर छटाई आवश्यक है। वैसे अलग से इसके छटाई की आव्यशकता कम ही पड़ती है।
पत्तों की तुड़ाई
तेजपत्ता का पौधा एक सदाबहार पौधा होता है, जिसमे पुरे साल पत्ते निकलते रहते हैं, पत्तो की तुड़ाई के बाद इन्हे सुखाकर इनका उपयोग कर सकते है।
उत्पादन
तेजपत्ता की उपज इनके पौधों पर निर्भर करती हैं, एक हेक्टेयर में लगे पौधों से लगभग 6 टन पत्तियां प्राप्त हो जाती हैं।