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सोनभद्र जिला भारत के उत्तर प्रदेश राज्य का एक जिला है। ज़िले का मुख्यालय राबर्ट्सगंज है।

आत्मनिर्भर भारत अभियान के अंतर्गत खाद्य प्रसंस्करण सूक्ष्म इकाइयों को बढ़ावा देने के लिए भारत सरकार द्वारा प्रधानमंत्री सूक्ष्म खाद्य उद्योग उन्नयन योजना का आरंभ किया गया है। इस योजना के अंतर्गत असंगठित क्षेत्र के इकाईयों को एकत्र कर उन्हें आर्थिक और विपणन की दृष्टि से मजबूत किया जाएगा। 

टमाटर को किया गया चयनित
एक जिला एक उत्पाद के अंतर्गत जिले को खाद्य सामग्री में टमाटर के लिए चयनित किया गया है। जिसकी यूनिट लगाने पर मार्केटिग, पैकेजिग, फाइनेंशियल मदद, ब्रांडिग की मदद इस योजना के अंतर्गत किसानों को मिलेगी।

टमाटर हमारे किचन का एक अहम हिस्सा है और इसकी मांग साल भर बनी रहती है। कुछ ही राज्य में टमाटर की बड़े पैमाने पर खेती है। यहीं कारण है कि अन्य क्षेत्रों में इसकी कीमत अच्छी मिल जाती है।

जिले में टमाटर की खेती करने वाले किसान काफी ज्यादा हैं। करीब पांच हजार हेक्टेयर में इसकी खेती होती है।

करीब दो लाख हेक्टेयर खेती योग्य भूमि वाले जनपद की प्रमुख फसल वैसे तो धान, गेहूं और मोटा अनाज है, लेकिन बीते एक दशक से बाहरी व्यापारियों की चहलकदमी ने कैश क्रॉप वाली खेती को भी बढ़ावा दे दिया। यहां हजारों हेक्टेयर में मिर्च और टमाटर की खेती होने लगी। इसका इतना क्रेज बढ़ा कि धान और गेहूं की खेती छोड़ किसान टमाटर और मिर्च की खेती की ओर बढऩे लगे।

टमाटर एक सब्जी की फसल है। यह आमतौर पर ताजे रूप में या कई पकाए गए व्यंजनों में एक घटक के रूप में उपयोग किया जाता है। ताजा टमाटर सलाद और सब्जी के रूप में भी प्रयोग किया जाता है। जो आर्थिक मूल्य के अलावा, मानव पोषण के लिए अच्छा है क्योंकि यह विटामिन सी, ए, के और  पोटेशियम और लाइकोपीन और कैरोटीन जैसे कैरोटीनॉइड का स्रोत है जो एंटीऑक्सिडेंट के रूप में कार्य करते हैं।

टमाटर को लम्बे समय तक बिना खराब हुये उसकी गुणवत्ता व पौश्टिकता के साथ संरक्षित करके रखना परिरक्षण कहलाता है। यह एक कृषि औद्योगीकरण की प्रक्रिया है जिसके द्वारा  मूल्य सवंर्धित उत्पादों का निर्माण किया जाता है। जिसके कई कारण है-
  • टमाटर टिकाऊ नही है किन्तु इनके उत्पाद जैसे टमाटर की प्यूरी, सास , जैम परिरक्षित किए जा सकते हैं जो टिकाऊ होने के साथ-साथ आमदनी में भी वृद्धि करते हैं।
  • सुरक्षित भोजन की बढ़ती मांग के कारण इन डि‍ब्‍बा बंद पदार्थों का बाजार में विस्तार हुआ है जो इस उद्योग के संवर्धन में सहायक हैं।
  • शहरीकरण के विस्तार एवं आर्थिक स्थिति के सुधार के कारण, पौष्टिक, स्वादिश्ट एवं सीीधे उपयोग होने वाले पदार्थो की मांग बढ़ रही है।
  • ग्रामीण क्षेत्र में आर्थिक सुधार के लिए कृषि‍ काेे अधिक लाभप्रद होना आवश्यक है ओैर उसका एक सरल एवं सहज उपाय परिक्षण है।

टमाटर की खेती के लिए उपयुक्त मिट्टी
टमाटर की खेती भारत के लगभग सभी प्रकार की मिट्टी में की जा सकती है | दोमट मिट्टी मे टमाटर की कोई भी किस्म सर्वोधिक फल-फूलती है | लेकिन वहां टमाटर की पौध या खेती ना करें जहां बारिश होने के पश्चात पानी भरा रहे या पानी निकलने में काफी समय लग जाता है |