Kisaan Helpline
देशभर में मक्का की खेती करने वाले किसानों के लिए एक बड़ी चेतावनी सामने आई है। भारतीय कृषि अनुसंधान संस्थान (IARI), पूसा ने जानकारी दी है कि इन दिनों फॉल आर्मी वर्म (Fall Armyworm) नामक कीट मक्का की फसलों पर तेजी से हमला कर रहा है। अगर समय पर इसका इलाज नहीं किया गया, तो यह पूरे खेत को नष्ट कर सकता है और किसानों को भारी नुकसान झेलना पड़ सकता है।
क्या है फॉल आर्मी
वर्म?
फॉल आर्मी वर्म,
जिसे वैज्ञानिक भाषा में स्पोडोप्टेरा फ्रूगीपर्डा (Spodoptera
frugiperda) कहा जाता है,
एक बेहद खतरनाक कीट है। यह मक्का की पत्तियों,
डंठलों और यहां तक कि भुट्टों को भी खा जाता है। यह कीट
पौधों में सुराख करके अंदर घुस जाता है और पौधे को अंदर से खोखला कर देता है। एक
बार अगर यह फैल गया तो खेत से खेत में बहुत तेजी से फैलता है।
कैसे पहचाने इस कीट को?
अगर आपकी मक्का की फसल
में पत्तियों पर छेद नजर आएं, पौधे मुरझाने लगें या नई पत्तियाँ बीच से कटी-फटी दिखें तो
यह संकेत हो सकते हैं कि फॉल आर्मी वर्म ने हमला कर दिया है।
IARI ने दिया समाधान
IARI के
वैज्ञानिकों ने इस कीट को रोकने के लिए क्लोरेंट्रानिलिप्रोल (Chlorantraniliprole)
नामक कीटनाशक का इस्तेमाल करने की सलाह दी है।
उपयोग की विधि:
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70 से 80 मिलीलीटर कीटनाशक को 200 लीटर पानी में मिलाएं।
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इस
घोल को एक एकड़ खेत में छिड़कें।
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छिड़काव
करते समय पत्तियों के ऊपर और नीचे दोनों हिस्सों पर अच्छी तरह से दवा पहुंचनी
चाहिए ताकि जो कीड़े पत्तियों के अंदर छिपे हों वे भी नष्ट हो सकें।
तुरंत कार्रवाई जरूरी
IARI ने
किसानों को चेताया है कि यह कीट गर्मी और नमी में बहुत तेज़ी से फैलता है। इसलिए
अगर खेत में इसके लक्षण दिखें तो तुरंत छिड़काव करें।
इसके अलावा,
अगर आपके आस-पास के खेतों में भी यह कीट नजर आ रहा है तो
सभी किसानों को मिलकर एक साथ दवा का छिड़काव करना चाहिए। ऐसा करने से कीट के फैलाव
को रोका जा सकता है।
किसानों के लिए सलाह
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हर 2-3 दिन में अपने खेत का निरीक्षण करें।
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समय
पर कीटनाशक का छिड़काव करें।
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कीट
को शुरुआत में ही पकड़कर रोका जा सकता है।
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गाँव
के अन्य किसानों से बात करें और मिलकर योजना बनाएं।
अगर मक्का की फसल को
फॉल आर्मी वर्म से बचाना है तो तुरंत एक्शन लेना जरूरी है। समय पर दवा का छिड़काव
करके आप अपनी फसल और मेहनत दोनों को बचा सकते हैं।