खरीफ 2025 के लिए मध्य प्रदेश में सोयाबीन की अधिक पैदावार वाली किस्में: किसान जानें कौन-सी वैरायटी आपके खेत के लिए है सबसे बेहतर

खरीफ 2025 के लिए मध्य प्रदेश में सोयाबीन की अधिक पैदावार वाली किस्में: किसान जानें कौन-सी वैरायटी आपके खेत के लिए है सबसे बेहतर
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Kisaan Helpline

Crops May 26, 2025

मध्य प्रदेश, जिसे भारत का "सोयाबीन राज्य" भी कहा जाता है, खरीफ 2025 के लिए तैयार है। इस बार किसानों को अधिक पैदावार और बेहतर आय देने के लिए केंद्र और राज्य सरकार द्वारा कई उन्नत व अनुशंसित सोयाबीन किस्मों को जारी किया गया है। खेती की आधुनिक तकनीकों के साथ इन उन्नत किस्मों का समावेश किसानों की आमदनी को दोगुना करने की दिशा में एक बड़ा कदम हो सकता है। आइए जानते हैं कि इस सीजन में कौन-कौन सी किस्में खरीफ की फसल में क्रांतिकारी बदलाव ला सकती हैं।

 

सोयाबीन की बुआई का सही समय और तैयारी

सोयाबीन की बुआई का सबसे उपयुक्त समय जून के दूसरे सप्ताह से लेकर जुलाई के पहले सप्ताह तक माना गया है। लेकिन यह भी जरूरी है कि बुआई के पहले कम से कम 100 मिमी बारिश हो जाए, ताकि मिट्टी में पर्याप्त नमी मौजूद हो और बीज का अंकुरण अच्छे से हो सके।

 

मिट्टी की तैयारी कैसे करें?

·         ग्रीष्मकालीन गहरी जुताई हर 3 साल में एक बार अवश्य करनी चाहिए।

·         अगर आपने अभी तक यह नहीं किया है तो दो बार क्रॉस हैरो और एक बार पाटा लगाकर खेत तैयार करें।

·         यह नमी को संरक्षित करने के साथ-साथ खरपतवार और कीटों को भी नियंत्रित करता है।

 

खरीफ 2025 के लिए अनुशंसित उन्नत सोयाबीन किस्में

इस बार खरीफ 2025 के लिए कृषि वैज्ञानिकों और अनुसंधान केंद्रों द्वारा कई उच्च उत्पादकता वाली किस्मों की अनुशंसा की गई है। ये किस्में न सिर्फ अधिक उपज देती हैं, बल्कि रोग प्रतिरोधक क्षमता भी रखती हैं। नीचे हम इन किस्मों के बारे में विस्तृत जानकारी दे रहे हैं:

 

1. NRC 165 (संध्या)

·         उपज क्षमता: 20-25 क्विंटल/हेक्टेयर

·         विशेषताएं: पीले रंग के बीज, जल्दी पकने वाली किस्म (90-95 दिन), टिकाऊ और रोग-प्रतिरोधक।

·         अनुकूल क्षेत्र: मध्य प्रदेश, महाराष्ट्र, राजस्थान

 

2. JS 22-12

·         उपज क्षमता: 22-28 क्विंटल/हेक्टेयर

·         विशेषताएं: मध्य समय की किस्म (95-100 दिन), जलवायु सहिष्णु, टिकाऊ बीज।

·         कीट प्रतिरोध: जड़ सड़न और पत्ती धब्बा रोग के प्रति सहनशील।

 

3. JS 22-16

·         बीज रंग: हल्का पीला

·         खासियत: सूखा और अत्यधिक वर्षा दोनों परिस्थिति में बेहतर प्रदर्शन।

·         फसल अवधि: 90-100 दिन

·         उपज: 25-30 क्विंटल/हेक्टेयर तक

 

4. NRC 150 (नैना)

·         फसल अवधि: लगभग 95 दिन

·         उपज: 22-26 क्विंटल/हेक्टेयर

·         रोग प्रतिरोधक क्षमता: कवक जनित रोगों के प्रति सहनशील।

·         अनुकूल क्षेत्र: मध्य और पश्चिम भारत

 

5. NRC 152 (विजेता)

·         खासियत: मध्यम अवधि की फसल, बेहतर तेल गुणवत्ता

·         फसल अवधि: 95-100 दिन

·         रोग प्रतिरोध: पत्ती झुलसा और बैक्टीरियल ब्लाइट से सहनशील।

 

6. JS 21-72

·         तेजी से बढ़ने वाली किस्म, 90-95 दिनों में तैयार

·         उपज: 24-28 क्विंटल/हेक्टेयर

·         अनुकूल मौसम: सामान्य से कम वर्षा वाले क्षेत्र

·         बीज का आकार: मध्यम

 

7. RVSM 2011-35

·         खासियत: नई किस्म, प्रयोगशालाओं में प्रमाणित

·         रोग प्रतिरोध: सोयाबीन मोज़ेक वायरस और रूट रॉट के प्रति सहनशील

·         उपज: 25-30 क्विंटल/हेक्टेयर

 

8. NRC 138, EMS 100-39, RVS 76, NRC 142

·         इन सभी किस्मों को नवीन तकनीक से विकसित किया गया है और ये विभिन्न प्रकार के रोगों व कीटों से बचाव करती हैं।

·         इनकी उपज क्षमता 20-28 क्विंटल/हेक्टेयर तक देखी गई है।

 

अन्य प्रमुख किस्में जो बाजार में उपलब्ध हैं


किस्म का नामफसल अवधि (दिन)उपज (क्विंटल/हे.)खासियत
NRC 13090-9520-24बीजों में अधिक तेल मात्रा
MACS 1520 9524-28लंबी फलियों वाली किस्म
RSC 10-4610022-26पत्ती धब्बा रोग के प्रति सहनशील
RSC 10-529021-25सूखे क्षेत्र के लिए उपयुक्त
AMS-M-B-5-1895 23-27कम लागतअधिक उत्पादन
AMS 1001 10025-30बाजार मांग में अग्रणी
JS 20-116 9022-26 रोग सहनशील
JS 20-9410024-28लोकप्रिय और व्यापक रूप से बोई जाने वाली किस्म
JS 20-98  9523-26स्थिर उपज क्षमता
NRC 127 9524-28कीट प्रतिरोधक क्षमता


राज्य विशेष अनुशंसित किस्में

मध्य प्रदेश सरकार द्वारा किसानों के लिए विशेष रूप से अनुशंसित किस्में:

 

1. NRC 157

·         स्थानिक अनुकूलता: मध्य प्रदेश की काली मिट्टी के लिए उपयुक्त

·         रोग सहनशीलता: सोयाबीन येलो मोजेक वायरस से सहनशील

 

2. NRC 131

·         तेल की मात्रा: अधिक

·         उपज: 25 क्विंटल/हेक्टेयर

·         खासियत: तेजी से अंकुरण, मजबूत पौधे

 

3. NRC 136

·         कीट प्रतिरोधक क्षमता: सफेद मक्खी और बाल कीट के प्रति सहनशील

·         मिट्टी की अनुकूलता: सभी प्रकार की मिट्टी में प्रदर्शन बेहतर

 

किस किस्म का चयन करें?

·         भूमि की स्थिति के अनुसार: अगर आपकी भूमि हल्की है, तो जल्दी पकने वाली किस्म चुनें जैसे JS 21-72 या NRC 150

·         बीते वर्षों की उपज देखें: जो किस्म पहले आपके खेत में बेहतर उत्पादन दे चुकी है, उसे प्राथमिकता दें।

·         बीज की उपलब्धता: अपने नजदीकी सहकारी समिति या कृषि केंद्र से बीज की उपलब्धता की पुष्टि करें।

·         स्थानीय मौसम की परिस्थिति: बारिश की मात्रा और समय के अनुसार फसल चुनें।

 

कृषि विशेषज्ञों की सलाह

·         बीजोपचार अवश्य करें — ट्राइकोडर्मा या कार्बेन्डाजिम जैसे जैविक या रासायनिक एजेंट से।

·         प्रति हेक्टेयर 65 से 75 किलोग्राम बीज की आवश्यकता होती है।

·         पौधों की दूरी 30x10 सेमी. रखें ताकि हवा का प्रवाह बना रहे और रोग न फैलें।

 

खरीफ 2025 में सोयाबीन की सफल खेती के लिए किसानों को वैज्ञानिक दृष्टिकोण अपनाना होगा। अच्छी मिट्टी की तैयारी, मानसून की सही प्रतीक्षा, उन्नत किस्मों का चयन और कृषि वैज्ञानिकों की सलाह से इस वर्ष किसानों को बेहतर उपज और मुनाफा मिलेगा। सरकार और कृषि विज्ञान केंद्रों द्वारा अनुशंसित किस्मों की सहायता से किसान न सिर्फ आत्मनिर्भर बन सकते हैं, बल्कि देश की खाद्य तेल उत्पादन में भी योगदान दे सकते हैं।

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