20 अप्रैल के बाद करें मक्का की बुवाई, ये 5 किस्में देंगी कम पानी में बंपर पैदावार

20 अप्रैल के बाद करें मक्का की बुवाई, ये 5 किस्में देंगी कम पानी में बंपर पैदावार
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Kisaan Helpline

Crops Apr 21, 2025

मक्का की खेती: कम लागत, कम पानी और बेहतर मुनाफे वाली फसल

 

रबी फसलों जैसे गेहूं, चना और सरसों की कटाई के बाद अब किसानों के पास खेत खाली पड़े हैं। ऐसे समय में किसान एक ऐसी फसल की तलाश में रहते हैं जो कम समय में तैयार हो जाए, कम लागत में ज्यादा उत्पादन दे और बाजार में अच्छी कीमत भी दिला सके। ऐसे में मक्का की खेती एक बेहतरीन विकल्प के रूप में सामने आई है।

 

रबी फसलों की कटाई के बाद खेत खाली हो जाते हैं और किसान अगली फसल की तैयारी में जुट जाते हैं। ऐसे समय में मक्का की खेती एक बेहतरीन विकल्प बनकर सामने आती है। यह फसल न केवल कम लागत में तैयार होती है, बल्कि कम पानी वाले इलाकों में भी इसकी खेती सफलतापूर्वक की जा सकती है।

 

विशेषज्ञों की मानें तो मक्का की कई ऐसी उन्नत किस्में हैं, जिनसे किसान कम समय में अधिक उपज प्राप्त कर सकते हैं। 20 अप्रैल के बाद मक्का की बुवाई का समय शुरू होता है, जो खरीफ सीजन के लिए एक आदर्श अवधि मानी जाती है।

 

मक्का की खेती क्यों है लाभकारी?

मक्का एक बहुउपयोगी फसल है, जिसका उपयोग अनाज, चारे और उद्योगों में किया जाता है। इसकी खेती के लिए ज्यादा सिंचाई की आवश्यकता नहीं होती, और यह कई प्रकार की मिट्टी में उगाई जा सकती है। जहां अन्य फसलें सूखा या बदलते मौसम की मार नहीं सह पातीं, वहीं मक्का की कुछ किस्में ऐसे हालात में भी बेहतर उत्पादन देती हैं।

 

मक्का की खेती के फायदे

·         कम लागत, अधिक मुनाफा: मक्का की खेती में खाद, बीज और सिंचाई का खर्च बहुत कम आता है।

·         कम पानी में तैयार: यह फसल सूखा सहन करने वाली होती है और कम पानी में भी अच्छी तरह तैयार हो जाती है।

·         तेजी से फसल तैयार: अधिकतर मक्का की किस्में 80 से 100 दिनों के भीतर तैयार हो जाती हैं।

·         उपज और पोषण: मक्का में ऊर्जा, प्रोटीन और फाइबर की मात्रा अधिक होती है, जिससे यह पशु आहार और मानव भोजन दोनों के लिए उपयुक्त है।

 

प्रमुख मक्का की किस्में और उनका उत्पादन

 

गंगा-5 किस्म

·         उपयुक्त राज्य: उत्तर प्रदेश, मध्य प्रदेश, राजस्थान, हरियाणा

·         विशेषता: मौसम परिवर्तन को सहन करने वाली

·         उत्पादन: 50-55 क्विंटल/हेक्टेयर

·         पानी की आवश्यकता: कम

 

पार्वती हाइब्रिड किस्म

·         उपयुक्त राज्य: राजस्थान, मध्य प्रदेश, गुजरात

·         बोआई समय: अगेती और पछेती दोनों

·         उत्पादन: 45-50 क्विंटल/हेक्टेयर

·         फसल अवधि: 90-100 दिन

 

पूसा हाइब्रिड-1

·         उपयुक्त राज्य: तमिलनाडु, आंध्र प्रदेश, कर्नाटक

·         फसल अवधि: 80-85 दिन

·         उत्पादन: 55-60 क्विंटल/हेक्टेयर

·         लाभ: जल्दी पकने वाली किस्म

 

शक्तिमान किस्म

·         प्रमुख क्षेत्र: मध्य प्रदेश, राजस्थान

·         फसल अवधि: 90-110 दिन

·         उत्पादन: 60-70 क्विंटल/हेक्टेयर

·         विशेषता: अधिक उपज और रोग प्रतिरोधक क्षमता

 

शक्ति-1 किस्म

·         फसल अवधि: 95 दिन

·         उत्पादन: 55-60 क्विंटल/हेक्टेयर

·         उपयुक्तता: देश के लगभग सभी हिस्सों में

·         उपयोग: भोजन और पशु आहार दोनों में उपयुक्त

 

बुवाई का समय और विधि

मक्का की बुवाई मार्च से मई तक की जाती है। बुवाई से पहले खेत की अच्छी तरह से जुताई करें और 8-10 टन गोबर की खाद मिलाएं। बीजों को फफूंदी रोधी दवा से उपचारित कर बुवाई करें। बीजों की दूरी 20 से 25 सेंटीमीटर और कतार से कतार की दूरी 60 से 70 सेंटीमीटर रखें।

 

सिंचाई और देखरेख

·         मक्का की खेती में शुरुआती दिनों में 2 से 3 बार सिंचाई पर्याप्त होती है।

·         खरपतवार नियंत्रण के लिए दो बार निराई-गुड़ाई करना फायदेमंद होता है।

·         फसल को दीमक, तना छेदक जैसे कीटों से बचाने के लिए उचित कीटनाशकों का प्रयोग करें।

 

किसानों के लिए सुझाव

·         मक्का की खेती करते समय खेत की तैयारी अच्छी तरह करें और समय पर बुवाई करें।

·         उन्नत किस्मों का चयन करें जो आपके क्षेत्र के जलवायु के अनुसार अनुकूल हों।

·         रोग और कीट नियंत्रण के लिए जैविक और रासायनिक दोनों उपायों को संतुलित रूप से अपनाएं।

·         कटाई के समय नमी की मात्रा का विशेष ध्यान रखें, ताकि भंडारण में कोई समस्या न हो।

 

मक्का की खेती आज के समय में एक व्यवहारिक और लाभकारी विकल्प बन चुकी है। खासतौर पर वे किसान जो सीमित संसाधनों में खेती करते हैं, उनके लिए मक्का की उन्नत किस्में एक नई उम्मीद की तरह हैं। यदि सही जानकारी और तकनीक से इसका उत्पादन किया जाए, तो यह किसानों की आय बढ़ाने में अहम भूमिका निभा सकती है।

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