गर्मी की सब्जियों की बुवाई शुरू: उन्नत किस्मों से पाएं अधिक उपज, जानें पूरी जानकारी

गर्मी की सब्जियों की बुवाई शुरू: उन्नत किस्मों से पाएं अधिक उपज, जानें पूरी जानकारी
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Kisaan Helpline

Agriculture May 03, 2025

देशभर में तापमान के बढ़ने के साथ ही खेतों में गर्मी की सब्जियों की बुवाई का समय शुरू हो गया है। कृषि विशेषज्ञों और भारतीय कृषि अनुसंधान संस्थान (IARI) के अनुसार, अप्रैल से जून तक का समय गर्मी की सब्जियों की खेती के लिए सबसे उपयुक्त माना जाता है। यदि किसान इस समय पर उन्नत किस्मों का चयन करते हैं और वैज्ञानिक तरीके अपनाते हैं, तो उन्हें बेहतर पैदावार और अधिक मुनाफा मिल सकता है।

 

मिट्टी की तैयारी और बुवाई का समय

 

गर्मी की फसलों के लिए हल्की, भुरभुरी और पानी निकास वाली मिट्टी सबसे उपयुक्त होती है। बुवाई से पहले खेत को अच्छी तरह से जुताई कर के एक समान किया जाना चाहिए। हल्की सिंचाई करने के बाद बीज बोने से अंकुरण अच्छा होता है। मिट्टी में पर्याप्त नमी होनी चाहिए ताकि बीजों को प्रारंभिक वृद्धि के लिए जरूरी वातावरण मिल सके।

 

इन सब्जियों की हो रही है बुवाई

इस मौसम में जिन सब्जियों की बुवाई की जाती है, उनमें प्रमुख रूप से फ्रेंच बीन, सब्जी लोबिया, चौलाई (अमरंथ), भिंडी, लौकी, खीरा, तोरई, घीया और गर्मी की मूली शामिल हैं। ये सभी सब्जियाँ गर्म जलवायु में अच्छी उपज देती हैं।

 

IARI द्वारा सुझाई गई प्रमुख किस्में

फ्रेंच बीन:

इस सब्ज़ी के लिए ‘पूसा पर्वती’ और ‘कॉन्टेंडर’ किस्मों को उपयुक्त माना गया है। ये किस्में जल्दी पकने वाली होती हैं और बाजार में अच्छी कीमत दिलवा सकती हैं।

 

सब्जी लोबिया:

पूसा कोमल’ और ‘पूसा सुकोमल’ किस्में विशेष रूप से कीट प्रतिरोधक होती हैं और कम देखरेख में भी अच्छी पैदावार देती हैं।

 

चौलाई:

चौलाई की ‘पूसा किरण’ और ‘पूसा लाल चौलाई’ किस्में आयरन और पोषण से भरपूर होती हैं। यह गर्मी की एक बेहतरीन हरी साग वाली फसल है।

 

भिंडी (लेडी फिंगर):

ए-4’, ‘परभणी क्रांति’ और ‘अर्का आनामिका’ किस्में गर्मियों में रोपण के लिए सर्वश्रेष्ठ मानी जाती हैं क्योंकि ये पीली मक्खी जैसे कीटों के प्रति प्रतिरोधी होती हैं।

 

लौकी:

पूसा नवीन’ और ‘पूसा संदेश’ किस्मों की लौकी आकार और स्वाद में बेहतरीन मानी जाती हैं और बाज़ार में भी इनकी मांग अधिक होती है।

 

खीरा:

खीरे के लिए ‘पूसा उदय’ एक उच्च गुणवत्ता वाली किस्म है जो गर्मी में बेहतर उत्पादन देती है।

 

किसानों के लिए सुझाव

 

·         हमेशा प्रमाणित स्रोतों से ही बीज खरीदें, जिससे बीज की गुणवत्ता सुनिश्चित हो सके।

·         मिट्टी परीक्षण करवाकर उर्वरक का संतुलित उपयोग करें।

·         बुवाई के समय हल्की सिंचाई करें और अंकुरण के बाद आवश्यकतानुसार पानी देते रहें।

·         खरपतवार नियंत्रण और जैविक कीटनाशकों का प्रयोग उत्पादन बढ़ाने में मदद करता है।

·         टपक सिंचाई या स्प्रिंकलर प्रणाली अपनाने से पानी की बचत के साथ-साथ पौधों को बेहतर नमी मिलती है।

 

सरकार और कृषि विज्ञान केंद्रों की मदद लें

 

कृषि विज्ञान केंद्र (KVK) और स्थानीय कृषि विभाग द्वारा गर्मी की सब्जियों से जुड़ी प्रशिक्षण और योजनाएँ चलाई जा रही हैं। किसान इनसे जुड़कर तकनीकी जानकारी प्राप्त कर सकते हैं।

 

इस समय गर्मी की सब्जियों की खेती न सिर्फ पोषण की दृष्टि से महत्वपूर्ण है, बल्कि यह किसानों को आर्थिक रूप से भी सशक्त बना सकती है। अगर किसान वैज्ञानिक विधियों और उन्नत किस्मों को अपनाते हैं, तो कम लागत में अधिक लाभ संभव है।

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