Kisaan Helpline
देश के कई हिस्सों में अगले कुछ दिनों में मौसम में बड़ा बदलाव देखने को मिलेगा। भारतीय मौसम विभाग (IMD) के अनुसार, उत्तर भारत, पूर्वोत्तर भारत, मध्य भारत और दक्षिणी राज्यों में बारिश, आंधी और तेज़ हवाओं की संभावना जताई गई है। किसानों को सलाह दी जाती है कि वे मौसम की इस गतिविधि को ध्यान में रखते हुए खेती से जुड़ी योजनाओं को सावधानी से तय करें।
मौसम प्रणाली का हाल:
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राजस्थान,
मध्य प्रदेश, और असम
के ऊपर ऊपरी हवा में चक्रवाती परिसंचरण सक्रिय है।
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एक ट्रफ रेखा (द्रोणिका) राजस्थान से लेकर तमिलनाडु तक फैली
हुई है, जिससे
दक्षिण भारत में भी मौसमी असर देखने को मिलेगा।
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पूर्वी मध्यप्रदेश से गंगा के मैदानी क्षेत्रों और सिक्किम
से ओडिशा तक एक और ट्रफ लाइन बनी हुई है।
बारिश और आंधी की
चेतावनी:
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पूर्वोत्तर भारत (असम,
मेघालय, अरुणाचल)
और पूर्वी भारत (बिहार,
झारखंड, पश्चिम
बंगाल) में हल्की से मध्यम बारिश,
गर्जना, बिजली
कड़कने और तेज हवाओं (40-50
किमी/घंटा) की संभावना है।
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बिहार,
असम और मेघालय में भारी वर्षा 17
अप्रैल और फिर 20 से 22 अप्रैल तक हो
सकती है।
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गंगीय पश्चिम बंगाल और बिहार में 17 और 18 अप्रैल को
थंडरस्क्वॉल (50-60
किमी/घंटा की तेज हवाएं) चल सकती हैं।
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केरल,
कर्नाटक, तेलंगाना, आंध्र प्रदेश
और तमिलनाडु में 19
अप्रैल तक हल्की बारिश और गरज-चमक के साथ तेज हवा चलने की संभावना है।
पश्चिमी हिमालयी
क्षेत्र में विशेष स्थिति:
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17 से 20 अप्रैल तक एक
तेज पश्चिमी विक्षोभ का असर देखने को मिलेगा।
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जम्मू-कश्मीर,
लद्दाख, और
हिमाचल प्रदेश में 18 व 19 अप्रैल को
ओलावृष्टि, बिजली, और तेज हवाओं
के साथ भारी बारिश हो सकती है।
तापमान का उतार-चढ़ाव
और हीट वेव चेतावनी:
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उत्तर पश्चिम भारत (राजस्थान, पंजाब,
हरियाणा) में 18
अप्रैल तक तापमान में 2-4°C
की बढ़ोतरी हो सकती है,
इसके बाद 2-3°C की
गिरावट।
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पश्चिम राजस्थान में 17 और 18 अप्रैल को
गंभीर लू (Severe
Heatwave) के हालात बन सकते हैं।
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पूर्वी राजस्थान और गुजरात में भी 17-19 अप्रैल के बीच
लू का असर देखने को मिल सकता है।
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गुजरात,
महाराष्ट्र और केरल के कुछ हिस्सों में गर्मी और उमस (Hot & Humid) का
मौसम बना रहेगा।
किसानों के लिए सुझाव:
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धान,
गेहूं और दलहनी फसलों की कटाई या ढुलाई करते समय मौसम की स्थिति देखकर कार्य
करें।
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आंधी और बिजली गिरने के समय खुले खेतों से दूर रहें।
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जिन इलाकों में ओलावृष्टि की संभावना है, वहाँ फलदार
पेड़ों और सब्ज़ियों को ढकने की कोशिश करें।
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जिन क्षेत्रों में लू पड़ने की संभावना है, वहाँ पशुओं को
छांव में रखें, उन्हें
पर्याप्त पानी पिलाएं।
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मौसम की ताजा जानकारी के लिए स्थानीय कृषि विज्ञान केंद्र
या मौसम विभाग की वेबसाइट से अपडेट लेते रहें।