पोषण अनाज बाजरा के मूल्य संवर्धित उत्पाद
पोषण अनाज बाजरा के मूल्य संवर्धित उत्पाद

पोषण अनाज बाजरा के मूल्य संवर्धित उत्पाद

एल. एन. यादव, कविता बिष्ट, पूजा गुप्ता सोनी, अनामिका शर्मा एवं बत्ती लाल मीणा
कृषि विज्ञान केंद्र (भा. कू. बनु. सं.) शिकोहपुर, गुरुग्राम, हरियाणा

हमारे देश में अनाज वाली फसलों में गेंहू, चावल, मक्का, ज्वार के बाद बाजरा एक महत्वपूर्ण फसल है। बाजरा के उत्पादन में भारत का विश्व में प्रथम स्थान है। यह भारत में मुख्यतः राजस्थान, में हरियाणा, पंजाब, गुजरात, महाराष्ट्र व पश्चिमी उत्तर प्रदेश में उगाया जाता है। इसके तने व पत्तियों का उपयोग पशुओं के चारे के रूप में एवं झोपड़ी आदि बनाने में किया जाता है। पहले बाजरा को गरीबों का अनाज कहा जाता था किंतु इसके पोषक गुणों के लाभ को देखते हुए अब इसे पोषण - अनाजों की श्रेणी में रखा गया है । अध्ययनों से पता चला है कि बाजरा हृदय संबंधी बीमारियों, कैंसर मधुमेह और चयापचय सिंड्रोम आदि में काफी लाभप्रद है। यह शरीर को आवश्यक फाइबर, प्रोटीन, ऊर्जा, खनिज, विटामिन और एंटीऑक्सीडेंट प्रचुर मात्रा में प्रदान करता है।

पोषक मान : बाजरा पोषक तत्वों से भरपूर होने के कारण विभिन्न तरह से स्वास्थ्य लाभ प्रदान करता है । प्रति 100 ग्राम बाजरा में 361 किलो कैलोरी ऊर्जा 124 ग्राम नमी, 5 ग्राम वसा, 2.3 ग्राम खनिज लवण, 11.3 ग्राम कुल आहार रेशा 67.5 ग्राम कार्बोहाइड्रेट, 42.0 मिलीग्राम कैल्शियम, 296.0 मिलीग्राम फॉस्फोरस और 8.0 मिलीग्राम आयरन होता है, जो कि गेहूं एवं चावल में मौजूद पोषक तत्वों से अधिक या उनके समतुल्य है। बाजरा के कार्बोहाइड्रेट घटकों में स्टार्च (62.8-70.5 प्रतिशत), घुलनशील शर्करा (12-2.6 प्रतिशत) एवं आहार रेशा शामिल है। बाजरा ग्लूटेन फ्री होता है तथा इसमें सामान्यतः 9-13 प्रतिशत प्रोटीन होता है। यह आवश्यक थाइमिन (मिलीग्राम) एमिनो एसिड की अधिक मात्रा के साथ सुपाच्य प्रोटीन का एक अच्छा स्रोत है। बाजरे में 5 प्रतिशत वसा होता है जिसका 75 प्रतिशत असंतृप्त वसा के रूप में होता है। बाजरा खनिज लवणों का भी अच्छा स्रोत है। इसमें पर्याप्त मात्रा में कैल्शियम (420 मिग्रा.), फॉस्फोरस (296.0. मि.ग्रा.). मैग्नीशियम ( 137.0 मि.ग्रा.) और आयरन (8.0 मिग्रा.) होता है साथ ही बाजरा थाइमिन (0.33 मि.ग्रा.), राइबोफ्लेविन (25 मिग्रा.) और नायसिन ( 23 मि.ग्रा.) विटामिन्स का अच्छा स्रोत है। उच्च वसा के कारण बाजरा घुलनशील विटामिन ई ( 23 मि.ग्रा./ 100 ग्रा.) का अच्छा स्रोत है। परिणामस्वरूप बाजरा एंटीऑक्सीडेंट के रूप में ट्राइग्लिसराइड को खराब होने से बचाता है।

बाजरा के स्वास्थ्य लाभ :
1. पाचन में सुधार करना :
बाजरा फाइबर से भरा होता है। फाइबर से भरपूर खाद्य पदार्थ पाचन तंत्र के लिए बहुत अच्छे होते हैं। यह कब्ज की समस्या से निजात दिलाकर भोजन को पचाने में मदद करने के साथ-साथ गैस, पेट दर्द, ऐंठन, अल्सर, एसिडिटी, सूजन और पेट के कैंसर जैसे कई पाचन समस्याओं का समाधान करता है।

2. कोलेस्ट्रॉल को नियंत्रित रखना : बाजरे में मौजूद फाइबर तत्व कोलेस्ट्रॉल को कम करने में मददगार साबित होते हैं। फाइबर वास्तव में शरीर से बुरे कोलेस्ट्रॉल को समाप्त करता है और अच्छे कोलेस्ट्रॉल के प्रभाव को बढ़ाता है। यह धमनियों में खून के प्रवाह को सुचारू रखता है और हृदय रोग से बचाता है।

3. हृदय को स्वस्थ रखना : बाजरा मैग्नीशियम से भरपूर होता है, जो रक्तचाप को कम करके हृदय प्रणाली की मदद करता है और दिल का दौरा या स्ट्रोक की संभावना को भी कम करता है। इसके अलावा बाजरे में उच्च मात्रा में पोटेशियम मौजूद होता है जो इसे एक अच्छा वासोडिलेटर बनाता है। यह समग्र रक्तचाप को कम करने में मदद करता है।

4. मधुमेह नियंत्रण करना : बाजरे के आटे का इस्तेमाल मधुमेह जैसी बीमारी से निजात पाने में मददगार साबित हुआ है। बाजरे में मैग्नीशियम तत्व पाया जाता है जो टाइप 2 मधुमेह को कम करने में मदद करता है। मैग्नीशियम एक ऐसा महत्वपूर्ण खनिज है जो शरीर में इंसुलिन और ग्लूकोज की क्षमता बढ़ाने में सहायक है। डायबिटीज के मरीजों को भरपूर मात्रा में मैग्नीशियम युक्त आहार लेना चाहिए। बाजरे का ग्लाइसेमिक इंडेक्स कम होता है जिस कारण यह अचानक से ब्लड शुगर लेवल बढ़ने नहीं देता है। बाजरा फाइबर और नॉन-स्टार्ची पॉलीसेकेराइड दो तरह के कार्बोहाइड्रेट्स से भरपूर होता है जो जल्दी से पचते नहीं हैं। यह दोनों ब्लड शुगर लेवल सामान्य बनाए रखने में सहायता करते हैं। जिससे मधुमेह को कंट्रोल करने में मदद मिलती हैं।

5. विषाक्त पदार्थों को बाहर निकालना : बाजरे को खाने का एक और बड़ा फायदा यह है कि यह शरीर को डिटॉक्स करता है। बाजरे में पाए जाने वाले एंटीऑक्सीडेंट तत्व शरीर से खासतौर पर लिवर और किडनी से विषाक्त पदार्थों को निकालने में मदद करते हैं तथा साथ ही ये एंटीऑक्सीडेंट पाचन क्रिया को स्वस्थ रखते हैं। इसके अतिरिक्त मल के साथ शरीर की गंदगियों को बाहर निकालकर शरीर को विषाक्त पदार्थों से मुक्त करने में भी सहायता करते हैं। शरीर से विषाक्त पदार्थों के निकलने से लिवर और किडनी स्वस्थ बने रहते हैं तथा शरीर का रोग प्रतिरोधक क्षमता भी मजबूत होता है।

6. वजन नियंत्रित करना : बाजरे में प्रोफेन तत्व मौजूद होता है जो एक अमीनो एसिड है। यह अधिक भूख लगने की समस्या को कम करता है। कम भूख लगने की वजह से अधिक वजन को नियंत्रित किया जा सकता है। बाजरा से बनाया गया कोई भी व्यंजन बहुत देर तक पेट को भरा हुआ रखता है जिससे भूख नहीं लगती है। इसमें मौजूद फाइबर भी वजन को नियंत्रित रखने में कारगर है।

बाजरा के मूल्य संवर्धित उत्पाद: यदि बाजरे के उत्पाद सुगमता से उपलब्ध होने लगे तो देश से कुपोषण को काफी हद तक दूर किया जा सकता है। बाजरे के आटा उत्पाद जल्दी खराब हो जाते हैं। अतः आटा को लंबे समय तक सुरक्षित रखने हेतु ब्लाँचिंग तकनीक का उपयोग में किया जाता है। इस तकनीक के तहत बाजरे को कपड़े की पोटली में बांधकर 1 से 2 मिनट तक उबलते पानी में डुबाते हैं। तत्पश्चात् तुरंत ठंडे पानी में डुबोकर निकाल लेते हैं और धूप में अच्छे से सुखा कर आटा तैयार कर लेते हैं। इस प्रकार तैयार बाजरे के आटे को लंबे समय तक सुरक्षित रखा जा सकता है। अंकुरित बाजरा को भी फ्रिज में रखकर चार-पांच दिनों तक काम में लिया जा सकता है। परंपरागत रूप में बाजरे की रोटी, खिचड़ी, राबड़ी व चूरमा बनाकर खाया जाता है परंतु इसके निम्न सर्वार्धित उत्पाद बनाकर इसके उपभोग एवं लोकप्रियता को और भी अधिक बढ़ाया जा सकता है ।

1. बिस्कुट


सामग्री: बाजरा आटा - 1 कटोरी, दूध- 2 बड़ी चम्मच, बेकिंग पाउडर -4 छोटी चम्मच, अमोनिया पाउडर-4 छोटी चम्मच, वनीला एसेन्स 3-4 बूंद पिसी हुई चीनी व घी आवश्यकतानुसार। 
विधि : सबसे पहले आटे में बेकिंग पाउडर डालकर अच्छी तरह से छान लें। फिर तेल या घी लेकर उसमें पिसी हुई चीनी मिलाकर फेंटे। जिससे चीनी पूर्ण रूप से पिघल कर मिक्स हो जाए। इसके बाद वनीला एसेन्स व अमोनिया पाउडर डालकर दूध की सहायता से आटा गूंथ लें। फिर 1 इंच मोटाई रखते हुए आटे को बेलें । अब इस रोटीनुमा आकार से बिस्किट कटर की सहायता से अंडाकार या गोल या चौकोर आकार में बिस्किट काट लें। फिर ओवन में 180 डिग्री तापमान पर 15-20 मिनट तक बेक कर लें।

2. केक


सामग्री: बाजरा आटा-1 कटोरी, मैदा-1 कटोरी, पिसी हुई चीनी- 1 कटोरी, मिल्क पाउडर- 1 कटोरी, घी/ तेल-1 कटोरी, वनीला एसेन्स-5 से 6 बूंद, बेकिंग पाउडर - 1 छोटी चम्मच, सोडा- आधा चम्मच।
विधि: मैदा, बाजरे का आटा, मिल्क पाउडर, बेकिंग पाउडर व सोडा को मिलाकर एक साथ अच्छी तरह छान लें। घी या तेल में पिसी हुई चीनी को मिलाकर अच्छे से फेंटे। इसके बाद आटे का मिश्रण बना लें। घोल को चमच्च से गिराने पर रिबन जैसी परत बनने पर घोल तैयार हो जाता है। केक के टिन में चिकनाई लगाकर घोल उसमें डालें व पूर्व में गर्म किए ओवन में 180 डिग्री सेंटीग्रेड पर 40 मिनट तक बेक करें। केक को ठंडा कर खाने हेतु परोस सकते है।

3. मफिंस


सामग्री
: बाजरे का आटा-1 कटोरी, मैदा- 1 कटोरी, पिसी हुई चीनी- 1 कटोरी, दूध पाउडर- 1 कटोरी, तेल/ घी- 1 कटोरी, बेकिंग पाउडर- 1 चम्मच, वनीला एसेंस- 5-6 बूंद व सोडा आधा चम्मच।
विधि: मैदा, बाजरे का आटा, मिल्क पाउडर, बेकिंग पाउडर व सोडा को एक साथ मिलाकर अच्छे से छान लें। घी या तेल व पिसी हुई चीनी को अच्छे से फेंट कर आटे का मिश्रण बना लें घोल को चमच्च से गिराने पर रिबन जैसी परत बने तो समझे की घोल तैयार है। घोल बनने के बाद छोटे-छोटे आकार के टिन में घोल डालकर 30 मिनट तक 150 डिग्री सेंटीग्रेड तापमान पर ओवन में रख दें। ठंडा होने पर खाने हेतु परोस सकते हैं।

4. लड्डू


सामग्री
: बाजरे का आटा - 1 कटोरी, चने का आटा-1 कटोरी, गुड़-1 कटोरी, घी- 1 कटोरी, गोंद- 25 ग्राम, सूखे मेवे - आवश्यकतानुसार। 
विधि : बाजरे में चने के आटे को मिलाकर छान लें। मिश्रित आटे को थोड़ी मात्रा में लेकर कढ़ाई में कम आंच पर सुनहरा होने तक भुने। भुने हुए आटे से सोंधी खुशबू आने लग जाएगी । आंच से उतारकर इसमें गुड मिलायें कढ़ाई में थोड़ा घी डालकर उसमें गोंद को फुला लें व आटे में मिला लें। बाकी बचे घी को गर्म करके आटे मैं अच्छे से मिला लें। छोटे-छोटे लड्डू बना कर खाने हेतु परोस सकते हैं।

5. मठरी


सामग्री
: बाजरे का आटा - 1 कटोरी, मैदा - 1 कटोरी, कसूरी मेथी- चम्मच, अजवाइन- 4 चम्मच, नमक- स्वादानुसार, तेल तलने के लिए।
विधि : बाजरे का आटा और मैदा को छानकर उसमें कसूरी मेथी व अजवाइन को मिला लें। आटे में थोड़ा तेल का मोयन डालकर पानी से सख्त गूंथे आटे से छोटे-छोटे गोले बनाकर इसकी पतली रोटी बेले फिर चाकू से मठरी काट लें। तेल गर्म कर कम आंच पर मठरियों को सुनहरा होने तक तले। ठंडा होने पर मठरियों को हवा रहित डब्बों में बंद करके रख लें।

6. खाखरा


सामग्री: बाजरे का आटा - 1 कटोरी गेहूं का आटा-1 कटोरी, नमक और लाल मिर्च- स्वादानुसार, कसूरी मेथी - 1 चम्मच। 
विधि : बाजरा व गेहूं के आटे को मिलाकर छान लें। आटे में लाल मिर्च, नमक व कसूरी मेथी मिलाकर सख्त आटा गुथे । आटे का छोटा गोला बनाकर पतली रोटी बेल लें। तवे पर इस रोटी को कम आंच पर करारी सेक लें। ठंडा होने पर डब्बों में पैक कर रख लें।

7. सेव


सामग्री
: बेसन- 1 कटोरी, बाजरे का आटा एक चौथाई कटोरी, नमक और लाल मिर्च- स्वादानुसार, जीरा- छोटी चम्मच,  तेल - तलने के लिए। 
विधि : बाजरे के आटे व बेसन में नमक, लाल मिर्च और जीरा डाल दें। फिर इसे पानी के साथ थोड़ा सख्त गूंथ लें। कड़ाही में तेल गर्म करें। गुथे हुए आटे की सेव बनाने वाली मशीन में डालकर सेव बना लें फिर गर्म तेल में सुनहरा भूरा होने तक तले। सेव को कागज पर निकालकर रखे फिर तेल सोखने व ठंडा होने पर हवा रहित डब्बों में भरकर भर कर रख लें।