रोजगार के साधन मधुमक्खी पालन
रोजगार के साधन मधुमक्खी पालन

  • अनुराग कुमार 
  • बी. एस. सी. एग्रीकल्चर
  • तृतीय वर्ष 
  • सेक्शन सी
  • शिवालिक इंस्टीट्यूट ऑफ प्रोफेशनल स्टडीज (2019-2023), देहरादून

मधुमक्खी पालन क्या है ?

विधिवत ढंग से लकड़ी के बने बक्सों में मधुमक्खी को पालकर शहद मोम पराग प्रोफोलिस मधुमक्खी डंक विष, रॉयल जेली प्राप्त करना मधुमक्खी पालन कहलाता है। मधुमक्खी की आदतों को समझते हुए उनकी आवश्यकता को समयानुसार समझकर पूरी करना तथा उन्हें कम से कम कष्ट पहुंचा कर अधिक से अधिक लाभ प्राप्त करना आधुनिक मधुमक्खी पालन कहलाता है।

मधुमक्खी पालन क्यों करें ?

कृषि आधारित एक मात्र उद्योग जो कृषि उपज को खाता नहीं बल्कि उत्पादन में वृद्धि करता है । फसलों को यदि मधुमक्खियों द्वारा पराग की सुविधा मिल जाती है तब 30 से 80% तक उत्पादकता में वृद्धि सुनिश्चित है । मधुमक्खी वर्ष में कम से कम 4 फसलों को प्रभावित करती है। एक मधुमक्खी परिवार का प्रभावी कार्य क्षेत्र लगभग 1/2 एकड़ है। इस प्रकार वर्ष में एक मधुमक्खी परिवार 2 एकड़ फसल को प्रभावित करेगी दलहनी तिलहनी फसलों की उत्पादकता लगभग 5 क्विंटल प्रति एकड़ मान ली जाए तथा 20% उत्पादकता में वृद्धि माने तब भी एक मधुमक्खी परिवार 1 वर्ष में लगभग 2 क्विंटल दलहन या तिलहन फसल के उत्पादन में वृद्धि करेगा। इसलिए मधुमक्खी पालक के पास अपनी कृषि भूमि होना अनिवार्य नहीं।

मधुमक्खी पालन कौन करें ?
मधुमक्खी पालन का कार्य पहले ग्रामीण क्षेत्र में रहने वाले व्यक्ति तक ही सीमित था मगर अब वह व्यक्ति ग्रामीण पृष्ठभूमि का नाम भी हो तब भी वह मधुमक्खी का कार्य कर सकता है। वह मात्र 10 मधुमक्खी परिवार से कार्य प्रारंभ सके 1 वर्ष में 50 मधुमक्खी परिवार तैयार कर सकता है । कम पूंजी वालों के लिए आसानी से रोजगार पैदा करने का मधुमक्खी पालन अच्छा साधन है। इसके साथ-साथ मधुमक्खी पालन रोजगार भी विकसित हो सकते हैं जैसे :- 

  • मधुमक्खी पालन के लिए लकड़ी के बॉक्स बनाना।
  • मोम की सीट बनाना। 
  • अन्य उपकरण मधु निष्कासन यंत्र रक्षक जाली दस्ताने स्टैंड |
  • मधु की प्रोसेसिंग करना पैकिंग करना बिक्री करना 

मधुमक्खी पालन से प्राप्त उत्पाद

प्रोफोलिस के लाभ

  • बैक्टीरिया को मारता है
  • हड्डी की बीमारी का इलाज करता है। 
  • घायल दातों की रक्षा करता है।
  • घाव भरने की दवा,
  • सर्दी और गले में खराश को रोकने के लिए उपयोग की जाती है 

शहद के लाभ

  • एटीऑक्सीडेंट से भरा हुआ
  • एंटीबैक्टीरियल और एंटी फंगल से भरा हुआ
  • डायबिटीज के खतरे को कम करता है
  • प्रतिरक्षा को बढ़ावा देता है
  • हृदय स्वस्थ बनाए रखता है।

रॉयल जेली के लाभ

  • प्रतिरक्षा को मजबूत करना और एलर्जी की प्रतिक्रिया को काउंटर करता है ।
  • पुरुष बांझपन में सुधार
  • मधुमेह का इलाज करता है
  • कम खराब कोलस्ट्रॉल 
  • स्तन कैंसर को रोकना
  • अस्थमा और फीवर में उपयोगी
  • त्वचा विकार और बालों के झरने को रोकना

पराग के लाभ

  • स्वास्थ्य को बढ़ावा देता है
  • प्रतिरक्षा प्रणाली का समर्थन करता है
  • जीवन काल बढ़ सकता है
  • कैंसर को रोकने और उसका इलाज करने में मदद कर सकता है।
  • एंटीबायोटिक गुणवत्ता

मधुमक्खी डंक विष का लाभ

  • गठिया और गठिया में प्रभावी है
  • नसों की सूजन एकाधिक काठिन्य
  • उच्च रक्तचाप
  • घाव और निशान अस्थमा और एलर्जी

मोम से लाभ

  • दुर्गंध 
  • लोशन और फटा हाथ पैर 
  • लिप बाम और लिप हीलर
  • मोमबत्ती
  • मुंहासे उपचार 
  • कवक त्वचा संक्रमण

बाजार में शहद की मौजूदा कीमत 400 रुपए से 700 रुपए तक है। अगर प्रति बॉक्स 1000 किलोग्राम की शहद बनाते हैं, तो आपको 5,00,003 रुपए (5 लाख) तक का शुद्ध मुनाफा होगा। अगर आप बड़े स्तर पर मधुमक्खी पालन करना चाहते हैं तो 100 बॉक्स लेकर यह काम शुरू कर सकते हैं....

  • मधुमक्खी पालन में कुछ ध्यान देने वाली बातें । 
  • मधुमक्खी पालन करने के लिए सही समय का निर्णय करें।
  • मधुमक्खी पालन के लिए सही प्रजाति का चुनाव करना जरूरी होता है । 
  • मधुमक्खी के छत्ते से शहद निकालने के लिए सबसे सटीक समय का चयन करें ।
  • शहद निकालने से पहले यह बात जरूर ध्यान रखें कि मधुमक्खी के छत्ते में मधुमक्खी या उनके अंडे नहीं हो तभी शायद निकाले ।
  • जिस जगह आप मधुमक्खी पालन कर रहे हैं वह जगह साफ और स्वच्छ होनी चाहिए क्योंकि कई तरह के कीड़े मकोड़े से मधुमक्खियों को अधिक नुकसान हो सकता है।
  • मधुमक्खी को रोग से बचाने के लिए आप पानी में शक्कर मिलाकर दे इनसे मधुमक्खी की रोग प्रतिरोधक क्षमता अच्छी रहती है

मधुमक्खी पालन के लिए सरकार ने बहुत सारी योजनाएं और अनुदान देने की शुरुआत की है जैसे कि मधु ग्राम योजना आदि । मधुमक्खी पालन से कई लोग अच्छी कमाई कर रहे हैं । अभी इसमें काफी संभावनाएं हैं मधुमक्खी पालन को बढ़ावा देने के लिए आत्मनिर्भर पैकेज में वित्त मंत्री ने 500 करोड़ की योजनाएं का ऐलान किया है। कृषि और किसान कल्याण मंत्रालय ने फसल उत्पादकता में सुधार के लिए मधुमक्खी पालन का विकास नाम से एक केंद्रीय योजना शुरू की है इस योजना में इस सेक्टर को विकसित करना प्रोडक्टिविटी बढ़ाना प्रशिक्षण कराना और जागरूकता फैलाना है। राष्ट्रीय मधुमक्खी बोर्ड ने नाबार्ड के साथ मिलकर भारत में मधुमक्खी पालन बिजनेस के लिए फाइनेंस स्कीम शुरू की है। केंद्र सरकार मधुमक्खी पालन पर 80 से 85% तक सब्सिडी देती है।