आम में फल छेदक एवं फल मक्खी के आक्रमण के प्रति रहे सचेष्ट अन्यथा होगा भारी नुकसान
आम में फल छेदक एवं फल मक्खी के आक्रमण के प्रति रहे सचेष्ट अन्यथा होगा भारी नुकसान

प्रोफेसर (डॉ)एसके सिंह
प्रधान अन्वेषक अखिल भारतीय समन्वित फल अनुसंधान परियोजना एवं
सह निदेशक अनुसंधान
डॉ राजेंद्र प्रसाद केन्द्रीय कृषि विश्वविद्यालय
पूसा ,समस्तीपुर, बिहार-848 125

इस समय वर्षा होने से आम में फल का विकास बहुत अच्छा होता है। वैसे भी किसानों को सलाह दी जाती है की फल विकास के क्रम में मिट्टी को हमेशा नम रक्खे। यहां पर यह बताना आवश्यक है की फल शुरुवाती दौर में ज्यादा झड़ता है, इस समय फल कम झड़ते है। मंजर में कुल जितने फल लगते है उसका मात्र 5 से 7 प्रतिशत फल ही अंततः पेड़ पर लगा रहता है। वर्षा के बाद इस समय फल मक्खी का प्रकोप बढ़ जाएगा, अतः जिन किसानों ने फल मक्खी के प्रबंधन हेतु फेरोममैन ट्रैप लगाया हो उसका लूर बदल दे। यदि आप ने फेरोमन ट्रैप नही लगाया है एवं फल छेदक या फल मक्खी की समस्या है तो क्विनलफोस (Quinalphose) @ 2 मिलीलीटर या Lambdacyhalothrin @ 1 मिलीलीटर प्रति लीटर पानी में घोलकर छिड़काव करें, इससे कीट की उग्रता में भारी कमी आती है, यहां पर ध्यान देने योग्य बात यह है की इन कीटनाशकों का छिड़काव फल की तुड़ाई से 15 दिन पहले अवश्य बंद कर देना चाहिए।

एक परिपक्व आम के फल की तुड़ाई करने में फलों के सेट होने से लेकर तुड़ाई के मध्य लगभग 120 से 140 दिन लगते हैं, यह प्रजाति के अनुसार अलग अलग होते है। परिपक्व होने पर आम के फल के कंधे (पक्ष) ऊपर उठ जाते हैं, और आंशिक रूप से डंठल से जहां जुडे होते  हैं, धँस जाते हैं। गहरे हरे फल परिपक्वता के समय हल्के पीले रंग में बदलने लगते हैं। कुछ आम की किस्मों में, फल की त्वचा पर एक स्पष्ट सफेद परत परिपक्वता पर बनती है। बाग में जब आम के फल अपने आप पक कर गिरने लगते है, तब भी बागवान समझ जाता है की अब आम की तुडाई किया जा सकता है, और पका कर बाजार में भेजा जाने योग्य हो गया है। यहां पर यह बताना आवश्यक है की यदि आम को सही परिपक्वता पर नही तोड़ा गया तो उसमे आशातीत उस प्रजाति विशेष की खुशबू एवं स्वाद नही मिलेगा। इसलिए आवश्यक है की सही परिपक्वता पर ही आम के फलों को तुड़ाई की जाय।