प्रोफेसर (डॉ) एस.के.सिंह
सह मुख्य वैज्ञानिक (पौधा रोग)
प्रधान अन्वेषक, अखिल भारतीय फल अनुसंधान परियोजना एवम्
सह निदेशक अनुसंधान
डॉ. राजेन्द्र प्रसाद केन्द्रीय विश्वविद्यालय
पूसा, समस्तीपुर - 848 125
आम के मुख्य तने से निकला हुआ आम का मंजर.....पहले आपने देखा था क्या?
आम के मुख्य तने मे से यदि मंजर निकला हो और उसमे फल लगे, यह कोई शुभ संदेश नहीं है यह इस बात को द्योतक है कि इस पेड़ की देखभाल बहुत दिन से नहीं हुआ है, मंजर भी कई साल के बाद आया है और यह अब मरने ही वाला है। इसे कॉलोफ्लरी कहते है। कटहल मे फल इसी तरह से लगते है, वहां के लिए यह सामान्य है, लेकिन आम एवम् नींबू मे यदि कई साल फूल एवम् फल नहीं आने के बाद यदि आवश्यकता से अधिक फूल एवम् फल लगे तो समझना चाहिए की अब यह मरने वाला है, एवम् हमने बाग में पेड़ों का प्रबन्धन ठीक से नहीं किया है। इस तरह के लक्षण अधिकांशतः पुराने पेड़ों मे देखने को मिलता है। अतः इस तरह के पेड़ से फल लेने की बजाय इस पेड़ को बचाने का उपाय करना चाहिए। इस तरह का लक्षण सामान्यतः आम में 20-25 साल या इससे भी पुराने पेड़ मे देखने को मिलता है।
इस तरह के आम के पेड़ मे 500-550 ग्राम डाइअमोनियम फॉस्फेट, 850 ग्राम यूरिया एवं 750 ग्राम म्यूरेट ऑफ़ पोटाश एवं 25 किग्रा खूब अच्छी तरह से सड़ी गोबर की खाद या वर्मी कम्पोस्ट पेड़ के चारों तरफ मुख्य तने से 6-8 फीट दूर रिंग बना कर खाद एवं उर्वरकों का प्रयोग करना चाहिए। यह डोज 10 वर्ष या 10 वर्ष से बड़े आम के पेड़ के लिए है।
तत्पश्चात सुखी एवम् रोगग्रस्त टहनियों की कटाई-छटाई करने के बाद बोर्डो पेस्ट से मुख्य तने की पुताई 5-5.5 फीट तक करें। साफ नामक फफूंदनाशक @2 ग्राम प्रति लीटर पानी की दर से छिड़काव भी करना चाहिए।