अधिक से अधिक लाभ कमाने के लिए अगेती गर्मी की सब्जियों की नर्सरी लो कॉस्ट पॉली टनल में उगाए
अधिक से अधिक लाभ कमाने के लिए अगेती गर्मी की सब्जियों की नर्सरी लो कॉस्ट पॉली टनल में उगाए

प्रोफेसर (डॉ) एसके सिंह
सह निदेशक अनुसन्धान 
डॉ. राजेंद्र प्रसाद केन्द्रीय कृषि विश्वविद्यालय, पूसा, समस्तीपुर, बिहार

वैसे तो आजकल हर सब्जी को पॉली हाउस में नियंत्रित वातावरण में पूरे साल भर उगाया जा सकता है। यहीं वजह है की हर तरह की सब्जियां लगभग पूरे साल खाने के लिए उपलब्ध हैं। जब हम सब्जियों को ऑफ सीजन में उगाते हैं तो उसमे रोग एवं कीड़ों को नियंत्रित करने के लिए अधिक केमिकल्स पर निर्भर रहना पड़ता है। आजकल सेहत को लेकर सचेत व्यक्ति या उपभोक्ता अत्यधिक रसायनों के उपयोग से उगाई गई सब्जियों को खाना पसंद नहीं कर रहे हैं। अब गर्मी में सब्जियों को उगाने का मौसम आ गया है। यदि इस समय उगाने की तैयारी करते हैं तो रसायनों पर निर्भरता कम होगी व लागत में कमी आएगी। इससे किसानों को अच्छी कमाई हो सकती है।

उत्तर भारत के अधिकांश हिस्सों में फरवरी के दूसरे हफ्ते तक ग्रीष्मकालीन कद्दू वर्गीय की सब्जियों के साथ साथ बैंगन, मिर्च और टमाटर के पौधे नर्सरी में तैयार नहीं कर पाते है क्योंकि इस समय तक रात का तापमान 10 डिग्री सेल्सियस के आस पास रहता है, इस कारण से विभिन्न सब्जियों के बीज अंकुरित नहीं हो पाते हैं। इसलिए कारण से अधिकांश किसान फरवरी के अंत या मार्च के पहले हफ्ते में इन मौसमी सब्जियों की बुवाई/रोपाई करते हैं। इस समय बोई गई मौसमी सब्जियां मई-जून के महीने में तैयार हो जाती है एवं अधिकांश किसानों की उपज के बाजार में एक साथ आने से उनको अच्छा लाभ नहीं मिलता है। अधिक मुनाफा कमाने के उद्देश्य से यदि किसान इन सब्जियों को जनवरी के महीने में जब वातावरण में बहुत ठंडक होती है उसे लो कॉस्ट पॉली टनल में उगा कर जब फरवरी में तापक्रम उपायुक्त होने पर मुख्य खेत में लगा कर सब्जियों की अगेती उपज ले सकते हैं और किसान इन सब्जियों की उपज को समय से पहले बाजार में बेचकर अधिक मुनाफा कमा सकते हैं। लो कॉस्ट पॉली टनल तकनीक सस्ती एवं अधिक लाभ देने वाली तकनीक है।

आइए जानते है लो कॉस्ट पॉली टनल क्या है?
जो लाभ बड़े किसान पॉली हाउस से प्राप्त करते है, लगभग वही लाभ गरीब किसान लो कॉस्ट पॉली टनल से प्राप्त कर सकते है। इसे बनाने के लिए बांस की फट्टी या लोहे की छड़, जिसे आसानी से मोड़ा जा सकता है और इसके लिए 20 से 30 माइक्रोन मोटी और दो मीटर चौड़ी सफेद पारदर्शी पॉलीथीन शीट की जरूरत होती है। इसमें खेतों में पहले 1 मीटर चौड़ी, 15 सेंटीमीटर उंची एवं आवश्यकतानुसार लंबी लंबी क्यारियां बनाते हैं। इन क्यारियों में कद्दू वर्गीय सब्जियों (लौकी, करेला, तरबूज, खरबूजा, कद्दू, ककड़ी) के आलावा बैगन, मिर्च और टमाटर इत्यादि के बीज को  2 सेंटीमीटर की गहराई पर लाइनों में बोये जाते हैं। सामान्यतः एक हेक्टेयर खेत में लगने के लिए लगभग 300 ग्राम से लेकर 400 ग्राम तक हाइब्रिड (संकर) बीज और 1.5 से 2.0 किलोग्राम सामान्य बीज की जरूरत होती है। नर्सरी के लिए सर्वप्रथम मिट्टी को भुरभुरा बना लेते है, इसके बाद प्रति वर्गमीटर के हिसाब से दो किग्रा कम्पोस्ट/वर्मी कम्पोस्ट, 25 ग्राम  ट्राइकोडरमा एवं 75 ग्राम एनपीके नर्सरी बेड़ में मिलाते है। खाद या उर्वरक मिलने का कार्य यदि 10 दिन पहले कर लिया जाय तो बेहतर रहेगा। इसके बाद नर्सरी बेड को समतल कर लाइनों में बीजों की बुवाई करते हैं। इसके बाद लाइनों को मिट्टी और सड़ी खाद से ढक दें और हो सके तो अंकुरण तक पुआल और घास से ढक दें, उसके उपरान्त लोहे की छड़ों को 2-3 फीट ऊंचा उठा ले, और घुमाकर दोनों तरफ से जमीन में धसा दिया जाता है। इसके बाद उपर से पारदर्शी पालथीन से ढक दिया जाता हैं। इस प्रकार से को कॉस्ट पॉली टनल तैयार हो जाता है। आवश्यकतानुसार फब्बारे से पौधों पर पानी का छिड़काव करना चाहिए। इस तरह चार से पांच सप्ताह के बाद पौधे मुख्य खेत में रोपण के लिए तैयार हो जाते हैं। फरवरी के महीने में जब भी अनुकूल वातावरण मिले नर्सरी में तैयार पौधो को मुख्य खेत में स्थानांतरित कर देने से किसान का समय बचता है तथा फसल अगेती तैयार हो जाती है, जिसे बेच कर किसान को अधिक लाभ मिलता है। लगभग 30 से 35 दिन में नर्सरी में पौधे तैयार हो जाते है। लो कॉस्ट टनल में पौधे तैयार करने के क्रम में रोग एवं कीट भी कम लगते है। बाहर की तुलना में पॉली टनल में 5 से 7 डिग्री सेल्सियस तापक्रम ज्यादा रहता,जिससे बीजों का अंकुरण आसानी से हो जाता है। इस तकनीक में गरीब किसान भी लगभग वह सभी लाभ प्राप्त करता है, जो बड़े किसान महंगे  महंगे पॉली हाउस में प्राप्त करता है। इस तकनीक से किसान बड़े पैमाने पर सीडलिंग्स (Seedlings) तैयार करके उसे बेच कर कम समय में ही अधिक से अधिक लाभ कमा सकता है।
लो कॉस्ट पॉली टनल को किसान स्वयं बहुत आसानी से स्थानीय सामानों जैसे बांस की फट्टियो लोहे की सरिया (छड़ो) से बना सकते है। इसे इन लाइन प्लेटफार्म यथा एमेजॉन, फ्लिक्कार्ट स्नैपडील से मंगा सकते है।