फरवरी माह में केला में किए जाने वाले प्रमुख कृषि कार्य
फरवरी माह में केला में किए जाने वाले प्रमुख कृषि कार्य

प्रोफेसर (डॉ)एस.के.सिंह
सह मुख्य वैज्ञानिक (पौधा रोग)
प्रधान अन्वेषक, अखिल भारतीय फल अनुसंधान परियोजना एवम्
सह निदेशक अनुसंधान
डा. राजेन्द्र प्रसाद केन्द्रीय विश्वविद्यालय
पूसा, समस्तीपुर - 848 125

जनवरी माह में उत्तर भारत में अत्यधिक ठंढक की वजह से केला जैसे फल फसलों के विकास पर बहुत ही विपरित प्रभाव पड़ता है, बाग बीमार एवं रोगग्रस्त दिखाई देते है। फरवरी माह में जब तापक्रम बढ़ने लगता है, उस समय बाग पर विशेष ध्यान देने की आवश्यकता है अन्यथा आशातीत लाभ नहीं मिलेगा। केला के बाग के प्रबंधन में फरवरी माह का विशेष स्थान है। आइए जानते है इस माह में क्या करना चाहिए....
अत्यधिक ठंढक की वजह से केला की अधिकांश पत्तियां सुख जाती है, सभी सुखी एवं रोगग्रस्त पत्तियों को काटकर खेत से बाहर करें जिससे रोग की उग्रता में कमी आयेगी। इसके बाद हल्की गुड़ाई करने के बाद प्रति केला 200 ग्राम यूरिया, 200 ग्राम म्यूरेट आफ पोटाश एवं 100 ग्राम सिंगल सुपर फास्फेट का प्रयोग करें। समयानुसार हल्की हल्की सिचांई करते रहे अप्रैल आते आते केला का बाग पुनः हरा भरा दिखने लगेगा।