Discription:

 “Chief Minister Agricultural Solar Feeder Scheme” or “Chief Minister Saur Krishi Vahini Yojana”

मुख्यमंत्री सौर कृषि वाहिनी योजना महाराष्ट्र
Mukhyamantri Agricultural Solar Feeder Scheme (Chief Minister Saur Krishi Vahini Yojana)
      महाराष्ट्र सरकार अपने किसानों के हालात सुधारने के लिए एक नयी स्कीम “सौर कृषि वाहिनी योजना” लेकर आयी है. इस योजना के जरिये महाराष्ट्र सरकार किसानों को सस्ते दामों में निरंतर बिजली पहुँचायेगी, इसके लिए सरकार सौर ऊर्जा का इस्तेमाल करेगी, इसलिए इसका दूसरा नाम “सौर ऊर्जा योजना” रखा गया है.

मुख्यमंत्री सौर कृषि वाहिनी योजना की घोषणा
(Launch Details of Chief Minister Saur Krishi Vahini Yojana)
      इस योजना को महाराष्ट्र सरकार द्वारा आधिकारिक तौर पर अभी तक लागू नहीं किया गया है. फ़िलहाल इस योजना के प्रथम चरण पर काम चल रहा है, इस योजना के चलते सोलर पैनल के टेंडर को सरकार पूरा करा चुकी है. इन सोलर पैनलस को पूरी तरह से बिजली उत्पन्न करने लायक बनाने के लिए सरकार को मार्च 2018 तक का समय लग सकता है. अगर इस हिसाब से देखा जाय तो महाराष्ट्र सरकार द्वारा अप्रैल सन् 2018 तक इस योजना को पूरी तरह लागू करने की सम्भावना है.

    3 साल में योजना का लक्ष्य
महाराष्ट्र सरकार का इस योजना से बिजली को 3 साल के अंदर कुछ जिलों तक सीमित ना रखते हुए पूरे राज्य में देने का लक्ष्य है, सरकार इस योजना का लाभ मध्यम वर्गीय एवं निम्नतम वर्गीय दोनों तरह के किसानों को प्रदान करेगी.

    कम दाम में बिजली
इस योजना में बिजली सौर ऊर्जा से उत्पन्न की जाएगी, इसलिए दाम कम होने के बहुत आसार हो सकते है. इन सोलर प्लांट के शुरू होते ही महाराष्ट्र सरकार इस किसानों की बिजली की समस्या का काफी हद तक समाधान करेगी और साथ में मात्र 3 रुपए प्रति यूनिट की दर से बिजली प्रदान करेगी जो कि काफी कम है.

    किसानों के लिए किराया
अगर सरकार किसी किसान की जमीन सोलर प्लांट लगाने के लिए मांगती है, तो उसे इसके लिए किसान को किराया देना होगा. महाराष्ट्र सरकार यह किराया 15 साल तक किसानों को देगी और इस किरायें एवं समय की गणना प्लांट शुरू होने वाले दिन से ही होगी.

    200 किसानों को 1 मेगावाट बिजली
इस योजना के अंतर्गत लगभग 200 किसानों को एक मेगावाट तक की बिजली दे दी जाएगी, वहीं 4000 अतिरिक्त किसानों को भी उनकी जरुरत के हिसाब से 20 मेगावाट सोलर प्लांट भी दिए जायेगे.

    आर्गो पम्पस को 12 घंटे की सप्लाई
सरकार का सोलर प्लांट की सहायता से इस योजना में आर्गो पम्प के लिए लगातार बिना रुके 12 घंटे बिजली देने का लक्ष्य है, जिससे किसान अपनी फसल की सिंचाई अच्छे तरीके से कर पाए.

    डेडिकेटेड फीडरस को फायदा
किसी योजना में सौर ऊर्जा वाली इस तकनीक को सिंचाई के लिए पहली बार आजमाया जा रहा है, अर्थात इस पर अभी प्रयोग होते रहने की सम्भावना है. इसलिए इसके प्रयोग के लिए इसे सबसे पहले डेडिकेटेड फीडर्स को ये सोलर प्लांट दिये जायेगें. इसके चलते अभी हाल में कुछ सोलर यूनिट लातूर एवं सोलापुर में लगाए जाएंगे.

    प्लांट की पूरी तरह से स्थापना
सरकार को इस योजना के लिए प्लांट लगाने वाले टेंडर को पहले ही मंजूरी मिल चुकी है, और इस स्कीम के अंतर्गत 500 MW की सौर ऊर्जा उत्पन्न करने वाले प्लांट पर काम शुरू हो चुका है.

योजना से होने वाले लाभ ( Benefits of the Chief Minister Saur Krishi Vahini Yojana )
    इस योजना में बिजली काफी सस्ते दामों में दी जाएगी. जिसके फलस्वरूप किसानों को कम खर्च करके अपनी फसल का उत्पादन अच्छे तरीके से कर पाएंगे. इन सभी सुविधाओं का सीधा असर कृषि उत्पादन में बढ़ोतरी पर पड़ेगा और किसान आर्थिक रूप से मजबूत होंगे.
    इस योजना के माध्यम से कृषि के क्षेत्र में बिजली से संबंधित समस्याओं को छुटकारा देने में मदद मिलेगी. इसके जरिये सरकार किसानों को 12 घंटे बिजली की सुविधा देगी और विशेष तौर पर इसका फायदा आर्गो फीडर्स को मिलेगा.
    आजकल के समय में बार-बार बिजली काट दिए जाने की वजह से किसानों को सिंचाई में काफी समस्याओं का सामना करना पड़ता है. इस योजना के काम में आते ही इस समस्या का भी समाधान जायेगा.
    इस योजना में सौर ऊर्जा का इस्तेमाल होने जा रहा है इसलिए हो सकता है कि, किसान इससे बहुत ज्यादा ऊर्जा हासिल न कर पाए. परन्तु इसके इस्तेमाल से हमारे पर्यावरण पर कोई असर नहीं होगा, साथ में किसानों को लगातार बिजली मिलती रहेगी.
    कुछ समय पहले महाराष्ट्र सरकार ने किसानों के लिए पोर्टेबल सोलर पम्पस को इस्तेमाल करने की योजना चलायी थी, जो कि असफल साबित हुयी. इन्ही कारणों को ध्यान में रखते हुए इस योजना में सरकार खुद छोटे छोटे सोलर प्लांट लगाकर देगी.
    इसकी वजह से खेती करने वाले किसानों को दोहरा लाभ मिलेगा, एक तो बिजली की समस्या का समाधान और दूसरा आय का दूसरा स्रोत. जमीन पर प्लांट लगवाने वाले किसान अपनी फसल में हुई हानि की भरपायी, सरकार द्वारा प्राप्त किराये से भी कर सकते है.

सौर ऊर्जा योजना के लिए बजट (Budget Allocation)
वर्तमान समय में उपलब्ध जानकारी के अनुसार अभी तक मुख्यमंत्री सौर कृषि वाहिनी योजना के लिए किसी भी बजट की घोषणा नहीं की गयी है.  ऊर्जा संसाधन विभाग पहले ही 2500 करोड़ रोड लाइट एवं डोमेस्टिक खपत के लिए 1200 करोड़ रुपए खर्च कर चुका है. अगर सरकार इस योजना को भलीभाँति चलाना चाहती है, तो उसको कुछ राशि ऊर्जा संसाधन विभाग को देनी होगी. सरकार इसकी आपूर्ती के लिए डोमेस्टिक जगहों पर किये जाने वाले खर्च को घटा सकती है.

निष्कर्ष
इस योजना की सहायता से महाराष्ट्र सरकार केवल बिजली के बिल में कमी लाने का काम ही नहीं कर रही, बल्कि आर्थिक रूप से भी सहायता दे रही है. यह एक बेहतरीन स्कीम है जो कृषि के क्षेत्र में एक नई तकनीकी को जोड़ने का प्रयास कर रही है. भारत की इकॉनमी अधिकतर कृषि के उत्पादन पर निर्भर है, इसलिए इस योजना को बहुमुखी योजना कह सकते है. इस योजना से सभी प्रकार के किसानों को लाभ मिलेगा, लेकिन इसकी सहायता से ग्रामीण इलाकों के किसान अपनी फसल के उत्पादन को नया मुकाम देने में सफल हो पाएंगे. सौर ऊर्जा से सम्बंधित होने के कारण इसके निरंतर मिलते रहने की भी संभावना कर सकते है, और इसकी वजह से पर्यावरण पर भी कोई बुरा असर नहीं पड़ेगा. इसके आने से भारत में कृषि करने में एक नए सिरे बिजली आपूर्ति में मदद मिलेगी.

Details of Agricultural Solar Feeder Yojana Maharashrta
* राज्य सरकार अप्रैल 2018 में मुख्य मंत्री सौर कृषि वाहिनी योजना का उद्घाटन करेगी।
* सरकार 200 किसानों के एक समूह को 1 मेगावाट सौर ऊर्जा प्रदान करेगी।
* सरकार 4,000 किसानों के एक समूह को 20 मेगावाट सौर ऊर्जा प्रदान करेगी।
* हाल ही में सरकार ने सोलापुर और लातूर जिले में सार्वजनिक निजी भागीदारी (पीपीपी) आधार पर सौर ऊर्जा उत्पादन परियोजनाएं निष्पादित की हैं।
* सौर ऊर्जा पैनलों की स्थापना के लिए किसानों से 15 वर्ष की अवधि के लिए किसानों से किराए पर कृषि भूमि खरीदने           की भी योजना बना रही है।
* महाराष्ट्र सरकार ने इस योजना के लिए निविदा प्रक्रिया पूरी कर ली है।
* यदि योजना सफल हो जाएगी तो किसानो को सबसे सस्ती दर से बिजली मिलेगी है।
* सौर पैनलों को इनपुट लागत को कम करने और किसानों के पैसे की बचत सुनिश्चित करने में मदद मिलेगी।
* बचाया पैसा किसानों के विकास के लिए बिजली पैदा करने में इस्तेमाल किया जाएगा।
* इस योजना का मुख्य उद्देश्य किसानों को 12 घंटे बिजली की आपूर्ति उपलब्ध करना है।
* राज्य जल संसाधन मंत्री ने कहा कि सौर ऊर्जा क्षेत्र के आजीविका में बढ़ोतरी करेंगे
* राज्य की पहली सौर कृषि फीडर परियोजनाएं स्थापित करने के लिए रालेगण-सिद्धी आदर्श विकल्प हैं।

“इस कृषि सौर फीडर योजना के साथ किसानों को दिन के दौरान बिजली प्रदान करने में सक्षम होंगे। यह एक स्वच्छ और प्राकृतिक ऊर्जा है। जो पर्यावरण के अनुकूल है और मुझे विश्वास है कि तीन वर्षों में यह पूरे परिदृश्य को बदल देगा। कृषि क्षेत्र, “मुख्यमंत्री फडनवीस ने कहा। उन्होंने कहा कि इस योजना ने नीती आइड से नाम कमाया है, जिसने अन्य राज्यों को इसके अनुकरण के लिए कहा है।

Website- http://www.krishi.maharashtra.gov.in/Site/Home/Index.aspx

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