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पारंपरिक कृषि विकास योजना (PKVY)

भारत में जैविक खेती की परंपरा और महत्व शुरू से ही रहा है। पूरी तरह से जैविक खादों पर आधारित फसलों को उगाना जैविक खेती कहलाती है। दुनिया के लिए भले ही यह नई तकनीक हो, लेकिन परंपरागत रूप से देश में जैविक खाद पर आधारित खेती होती रही है. देश में जैविक खाद के प्रयोग की परंपरा रही है।

पारंपरिक खेती की तुलना में जैविक खेती सेहत के लिए फायदेमंद है। जैविक खेती में कम कीटनाशकों का उपयोग किया जाता है। इसके अलावा, जैविक खेती भूजल और सतही जल में नाइट्रेट के निक्षालन को भी कम करती है। इसी को ध्यान में रखते हुए सरकार द्वारा किसानों को जैविक खेती करने के लिए प्रोत्साहित किया जा रहा है। जिसके लिए सरकार ने परम्परागत कृषि विकास योजना शुरू की है। परम्परागत कृषि विकास योजना के माध्यम से किसानों को जैविक खेती करने के लिए आर्थिक सहायता प्रदान की जाएगी।

पारंपरिक कृषि विकास योजना
इस योजना के माध्यम से कृषि क्षेत्र में विकास के लिए पारंपरिक ज्ञान और आधुनिक विज्ञान दोनों का उपयोग जैविक खेती के लिए किया जाएगा। सरकार इसके लिए देश के किसानों को आर्थिक मदद भी देगी। सरकार किसानों को जैविक खेती करने के लिए 36 महीने यानी 3 साल तक कुल 50 हजार रुपये की आर्थिक सहायता देगी। जिसमें जैविक कीटनाशक, जैविक खाद एवं बीज के लिए 31000 रुपये प्रति हेक्टेयर, जड़ वर्धक (मूल्य पता) एवं बिक्री के लिए 8800 रुपये प्रति हेक्टेयर दिया जाएगा।

पारंपरिक कृषि विकास योजना का उद्देश्य
योजना का उद्देश्य देश के किसानों को जैविक खेती के लिए प्रोत्साहित करना है। अगर किसान जैविक खेती करेंगे तो मिट्टी की उर्वरता और बढ़ेगी। जिससे किसान भाइयों को अच्छी गुणवत्ता वाली मिट्टी के लिए किसी भी प्रकार के रसायन और कीटनाशकों का प्रयोग नहीं करना पड़ेगा और जो भी खेती होगी वह स्वस्थ और पौष्टिक होगी। इस योजना से किसानों की आय भी बढ़ेगी और वे जैविक खेती के बारे में अधिक जानकारी भी प्राप्त कर सकेंगे।

परम्परागत कृषि विकास योजना (पीकेवीवाई)
योजना का नाम - परम्परागत कृषि विकास योजना
योजना की घोषणा - भारत सरकार
संबंधित मंत्रालय - कृषि एवं किसान कल्याण मंत्रालय भारत सरकार
लाभार्थी - देश के सभी किसान नागरिक
उद्देश्य - जैविक खेती को बढ़ावा देने के लिए आर्थिक सहायता प्रदान करना।
रजिस्ट्रेशन - ऑनलाइन ,ऑफलाइन
वित्तीय सहायता राशि - 50000
आधिकारिक वेबसाइट - pgsindia-ncof 

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