Discription:

जुलाई 2020 में केंद्रीय मंत्रिमंडल ने कृषि अवसंरचना कोष नामक एक नई अखिल भारतीय केंद्रीय क्षेत्र योजना को मंजूरी दी है। यह योजना फसलोत्तर प्रबंधन के लिए व्यवहार्य परियोजनाओं में निवेश के लिए एक मध्यम-दीर्घकालिक ऋण वित्तपोषण सुविधा प्रदान करेगी, ब्याज सबवेंशन और वित्तीय सहायता के माध्यम से बुनियादी ढांचा और सामुदायिक कृषि संपत्ति।

योजना की अवधि 2020 से 2029 (10 वर्ष) तक होगी।

इच्छित लाभार्थी
योजना के तहत रु. प्राथमिक कृषि ऋण समितियों (पीएसीएस), विपणन सहकारी समितियों, किसान उत्पादक संगठनों (एफपीओ), स्वयं सहायता समूह (एसएचजी), किसानों, संयुक्त देयता समूहों (जेएलजी), बहुउद्देशीय ऋण के रूप में बैंकों और वित्तीय संस्थानों द्वारा एक लाख करोड़ रुपये प्रदान किए जाएंगे। सहकारी समितियां, कृषि-उद्यमी, स्टार्टअप, एग्रीगेशन इंफ्रास्ट्रक्चर प्रदाता और केंद्रीय/राज्य एजेंसी या स्थानीय निकाय प्रायोजित सार्वजनिक निजी भागीदारी परियोजना।

लाभ
इस वित्तपोषण सुविधा के तहत सभी ऋणों पर रु. की सीमा तक 3% प्रति वर्ष की ब्याज छूट होगी। 2 करोड़। यह सबवेंशन अधिकतम सात साल की अवधि के लिए उपलब्ध होगा।
इसके अलावा, सूक्ष्म और लघु उद्यमों के लिए क्रेडिट गारंटी फंड ट्रस्ट (सीजीटीएमएसई) योजना के तहत इस वित्तपोषण सुविधा से पात्र उधारकर्ताओं के लिए क्रेडिट गारंटी कवरेज रुपये तक के ऋण के लिए उपलब्ध होगा। 2 करोड़। इस कवरेज के लिए शुल्क का भुगतान सरकार द्वारा किया जाएगा।
एफपीओ के मामले में कृषि, सहकारिता एवं किसान कल्याण विभाग (डीएसीएफडब्ल्यू) की एफपीओ प्रोत्साहन योजना के तहत सृजित सुविधा से ऋण गारंटी प्राप्त की जा सकती है।
इस वित्तीय सुविधा के तहत चुकौती के लिए अधिस्थगन न्यूनतम 6 महीने और अधिकतम 2 वर्षों के अधीन भिन्न हो सकता है।

योजना संबंधित जानकारी के हेतु 
स्रोत:  राष्ट्रीय बागवानी बोर्ड

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