बाड़मेर। राजस्थान की महिलाएं कमा रही है सालाना अच्छा खासा मुनाफा और पति का आर्थिक सहयोग कर रही हैं।
बाड़मेर से महज 12 किलोमीटर दूर शिवकर गांव में महिलाएं सब्जी से सालाना 80 हजार रुपए कमा रही है। इन महिलाओं ने कृषि विज्ञान केन्द्र से प्रशिक्षण प्राप्त किया और सब्जी के बीज और खाद्य भी कृषि विज्ञान केन्द्र से ही लिया। उन्हें कैसे बोया जाए और उनसे किस प्रकार हरी सब्जी प्राप्त की जाए। यह बस कृषि विज्ञान केन्द्र से सीखा।
शिवकर गांव में किसानो के द्वारा मौसम के हिसाब से सब्जी बोई जाती है। इन सब्जी को बोना, खाद्य डालना और पानी से सींचने का काम घरेलु महिलाओं का ही है। ये महिलाएं पति का आर्थिक सहयोग करती हैं। पहले ये महिलाएं खाली बैठी रहती थीं। लेकिन इन महिलाओं ने कृषि विज्ञान केन्द्र में कार्यरत कार्मिक रेखा से कृषि के बारे में सीखा। पहले इन महिलाओं का पति की कमाई से घर चलना मुश्किल होता था, लेकिन अब इन महिलाओं ने अपने पति का सहयोग करना शुरु कर दिया है।
बैंगन को पका कर करती है बीज तैयार
पहले ये महिलाएं बैंगन की सब्जी तैयार करने के लिए हर बार बाजार से बीज खरीदती थी, लेकिन अब इन महिलाओं ने बैंगन से ही बीज तैयार करना सीखा है। इन महिलाओं ने कृषि विज्ञान केन्द्र से सीखा है की किस प्रकार बैंगन को पका कर बीज तैयार किया जाए। इससे बीज के पैसों की तो बचत होती है साथ ही साथ देशी बीज भी मिल जाता है।
मौसम के अनुसार उगाती हैं सब्जियां
ये महिलाएं मौसम के अनुसार सब्जियां उगाती है, अभी गर्मी में बैंगन की सब्जी उगाती है तो सर्दी में हरे प्याज, पालख, धनिया आदि की खेती करती है। बारिश में मूली बोती है।
यहाँ की अधिकतर महिलाएं प्रशिक्षण प्राप्त हैं-
शिवकर गांव की अधिकतर महिलाएं प्रशिक्षण प्राप्त है। इन्होंने बीज बोना और खाद्य डालना सीख लिया है। ये महिलाएं ग्रुप में कृषि विज्ञान केन्द्र दांता आती थी ओर कई बार मैं भी इन्हें समझाने के लिए शिवकर आकर प्रशिक्षण देती थी। आज इन की आमदनी सालाना 80 हजार सुन कर अच्छा लगा। —रेखा, कृषि विज्ञान केन्द्र, दांता