मुख्यमंत्री प्याज प्रोत्साहन योजना - 200 नहीं अब 800 रुपये क्विंटल बिकेगा प्याज, बोनस सरकार देगी
मुख्यमंत्री प्याज प्रोत्साहन योजना - 200 नहीं अब 800 रुपये क्विंटल बिकेगा प्याज, बोनस सरकार देगी
Android-app-on-Google-Play

मध्यप्रदेश - जो प्याज मंडी में 200 रुपए क्विंटल बिक रहे थे, वह अब 800 रुपए क्विंटल में मंडी में ही खरीदा जाएगा। जिन किसानों का प्याज इससे कम दाम में बिकता है, तो सरकार अंतर की राशि पंजीकृत किसानों के खातों में डालेगी एवं साथ ही जो व्यापारी किसानों के प्याज को 800 या इससे अधिक कीमत पर खरीदता है तो सरकार उसे भी अनुदान देगी। इसके साथ ही सहकारी समितियों, किसान उत्पादक संगठनों व निजी संस्थाओं को भी फायदा होगा। फिलहाल सरकार ने प्याज को समर्थन मूल्य खरीदी से दूर रखा है। जिले में साढ़े पांच हजार हेक्टेयर में प्याज की बुवाई हुई थी।

 

प्रदेश के साथ-साथ जिले की मंडी में किसानों का प्याज 2 रुपए किलो तक खरीदी जा रहा था जबकि किसानों को उसकी बुवाई से लेकर निकलवाई तक में 10 रुपए प्रति किलो तक का खर्च आया। कम दाम मिलने पर जिले के कुछ हिस्सों में किसानों ने प्याज फेंककर उस पर से बैलगाड़ी व गाड़ियों के चक्के चलवाए। मुख्यालय पर नगर निगम के बाहर शहरवासियों को मुफ्त में प्याज भी बांटा।

 

प्रदेशभर में किसानों के आक्रोश व प्रदर्शन को देखते हुए प्रदेश सरकार ने मुख्यमंत्री प्याज प्रोत्साहन योजना लागू कर दी। योजना में प्याज के दाम 800 रुपए प्रति क्विंटल तय किए गए। जिस किसान की प्याज इससे कम दाम में बिकता है तो अंतर की राशि राज्य सरकार पंजीकृत किसान के खाते में जमा करेगी। इसके साथ ही यह भी तय किया गया है कि जो व्यापारी किसानों की प्याज 800 रुपए क्विंटल या इससे अधिक कीमत पर खरीदेंगे, उन्हें भी राज्य सरकार अनुदान देगी। इससे राज्य की सहकारी विपणन समितियों, कृषक उत्पादक सगठनों, राज्य के सार्वजनिक उपकरण, निजी संस्थाओं और व्यापारियों को फायदा होगा।

 

75% तक का अनुदान मिलेगा: राज्य के जो व्यापारी 800 रुपए प्रति क्विंटल से अधिक दर पर प्याज खरीद कर प्रदेश के बाहर की मंडियों में बेचेंगे उन्हें परिवहन और भंडारण पर होने वाले खर्चों का 75% तक अनुदान दिया जाएगा। राज्य की सहकारी विपणन समितियों अथवा कृषक उत्पादन संगठन द्वारा यदि किसानों से ली गई प्याज का प्रदेश के बाहर विक्रय होता है तो उन्हें परिवहन और भंडारण पर होने वाले खर्चों की शत-प्रतिशत पूर्ति की जाएगी। किसान प्याज को एक साथ ना बेचते हुए उसका भंडारण कर थोड़ा-थोड़ा भी बेचता है तो उसे अंतर की राशि के साथ भंडारण पर किया गया खर्च भी दिया जाएगा।

 

प्याज की सरकारी खरीदी के आदेश अभी हमारे पास नहीं आए हैं। ऐसे में किसानों की प्याज 8 रुपए किलो में मंडी में व्यापारी ही खरीदेंगे। जो भी अंतर की राशि आएगी वह पंजीकृत किसानों के खातों में डाली जाएगी। साथ ही व्यापारियों को भी इसी तरह भुगतान किया जाएगा।

 

अमित तिवारी, जिला विपणन अधिकारी