बॉक्सिंग छोड़ कर रहे स्ट्राॅबेरी की खेती, सालाना कमाते हैं लाखों रुपए
बॉक्सिंग छोड़ कर रहे स्ट्राॅबेरी की खेती, सालाना कमाते हैं लाखों रुपए
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अमृतसर। गुरदासपुर में पांच साल से 18 वर्षीय चेतन वर्मा अपने पिता के साथ स्ट्राॅबेरी की खेती कर रहे हैं। उन्होंने इस समय 80 हजार पौधे लगाए हैं। इससे उन्हें सालाना 9 लाख रुपए की आमदनी हो जाती है। बता दें कि चेतन जूनियर नेशनल बॉक्सिंग चैंपियन रह चुके हैं। वह अब खेती में अपना करियर बना रहे हैं।
सितंबर-अक्टूबर से स्ट्राॅबेरी की खेती शुरू होती है
चेतन ने बताया कि स्ट्राॅबेरी का फल एंटी-ऑक्सीडेंट होने के कारण दिल और कैंसर के रोगियों, गर्भवती महिलाओं के लिए लाभदायक है। स्ट्राॅबेरी की खेती सितंबर-अक्टूबर से शुरू होती है। फरवरी अंत तक फल लगना शुरू हो जाता है। इसके पकने के मौके 25 से 30 डिग्री तापमान होना चाहिए जो उस समय उपयुक्त होता है। एक पौधे में करीब 15 लगते हैं। इसकी पैदावार के लिए रेतीली जमीन बढ़िया रहती है। भूमि का पीएच लेवल 6 से 7 तक होना चाहिए। उनकी ओर से पैदा की जा रही स्ट्राबेरी को गुरदासपुर, पठानकोट जिलों के अलावा जम्मू में बेचा जा रहा है।
कांट्रेक्ट खेती से मिलेगा रोजगार
चेतन के पिता राकेश वर्मा का कहना है कि यदि पंजाब सरकार इस क्षेत्र में कांट्रेक्ट बेस पर किसानों से स्ट्राॅबेरी की काश्त करवाई जाए और सरकार क्षेत्र में एक स्ट्राॅबेरी जूस के लिए यूनिट स्थापित करे तो प्रदेश के लोगों को रोजगार मिलने के साथ-साथ पंजाब स्ट्राॅबेरी हब के तौर पर विकसित हो सकता है। उन्होंने इस संबंधी मुख्यमंत्री परकाश सिंह बादल से भी विचार-विमर्श किया है। मुख्यमंत्री परकाश सिंह बादल ने उनसे प्रोजेक्ट की रिपोर्ट मांगी है जो वह तैयार करने में लगे हैं और थोड़े ही दिन में मुख्यमंत्री को सौंप देंगे। राकेश वर्मा ने बताया कि स्ट्राॅबेरी की काश्त में सफलता प्राप्त करने के बाद अब उनका बेटा चेतन शर्मा लोगों को इसकी खेती करने की फ्री में जानकारी उपलब्ध करवा रहा है।