इन्होंने बनाया 3.5 लाख का सैटेलाइट, 6 महीने में मिलेगा फ्री इंटरनेट
इन्होंने बनाया 3.5 लाख का सैटेलाइट, 6 महीने में मिलेगा फ्री इंटरनेट
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इंदौर(मध्यप्रदेश). इंदौर के सिद्धार्थ राजहंस ने फ्री इंटरनेट के लिए देश का पहला क्यूब सैटेलाइट तैयार किया है जिसे बुधवार को श्रीहरिकोटा से लॉन्च किया गया। मूल रूप से बुधवार को टीलियॉस वन सैटेलाइट लॉन्च किया गया लेकिन साथ में दो माइक्रो सैटेलाइट और तीन नैनो सैटेलाइट भी लॉन्च किए गए हैं। क्यूब सैट नैनो सैटेलाइट की श्रेणी में ही आता है।

मात्र 10 सेंटीमीटर क्यूब साइज़ का यह सैटेलाइट 8 हज़ार डॉलर यानी तकरीबन साढ़े तीन लाख रुपए में तैयार किया गया है और सोलर एनर्जी से चलेगा। क्यूब सैटेलाइट से इंटरनेट अब डीटीएच पर आ जाएगा और बैंड विड्थ अच्छी मिलेगी।
कलाम साहब ने बुलाया था दिल्ली
सिद्धार्थ फिलहाल एपल सिंगापुर में कार्यरत हैं। उन्होंने बताया कि "जब मैं नॉर्थ वेस्टर्न यूनिवर्सिटी अमेरिका से अपना पोस्ट ग्रेजुएशन कर रहा था तब कॉलेज से कलाम साहब का ई-मेल आईडी लेकर उन्हें अपने इस प्रोजेक्ट के बारे में लिखा था। फिर जब नवम्बर 2014 में मुझे अर्ली कॅरियर अवॉर्ड मिला तो कलाम सर ने मुझे ई-मेल पर बधाई दी और आउटरनेट के सिलसिले में मिलने के लिए कहा।'
क्या है क्यूब सैटेलाइट
10 क्यूब सेंटीमीटर के इस सैटेलाइट का नाम है INSAT KR ...। इसमें K यानी कलाम और R यानी राजहंस। इसी प्रोजेक्ट को लेकर सिद्धार्थ 4 मई 2015 को 10 राजाजी मार्ग नई दिल्ली स्थित एपीजे अब्दुल कलाम के निवास पर उनसे मिले। उन्हें यह आइडिया पसंद आया और उन्होंने सिद्धार्थ को इसके लिए ज़रूरी सुझाव दिए। सिद्धार्थ ने बताया कि यह क्यूब सैटेलाइट उसी तरह काम करेगा जैसे डीटीएच हमारे टीवी सेट के लिए करता है। छत पर डिश रहेगी और घर में सेटटॉप बॉक्स की जगह आउटरनेट रहेगा।

ऐसे काम करेगा INSAT KR
अब तक हम INSAT 4A, INSAT 3C और TES जैसे सैटेलाइट से डीटीएच चला रहे हैं। इसमें हम फ्रीक्वेंसी रेज़ोनेटर इस्तेमाल कर रहे थे। इससे डीटीएच सर्विसेस भी काम कर रही हैं इसलिए हमें इंटरनेट के लिए बैंडविड्थ कम मिल रही थी।
इसमें 2U कॉन्फिगरेशन है जिससे बैंडविड्थ अच्छी मिलेगी। इंटरनेट भी अब डीटीएच पर आ जाएगा और स्पीड से मिलेगा।
क्यूब सेट आउटरनेट डिवाइस है। इंटरनेट और इंट्रानेट के बाद आउटरनेट कनेक्टिविटी का एक नया फॉर्म है। घर पर एक डिश लगाएंगे और सेट टॉप बॉक्स की जगह राउटर रहेगा। इसे सैटेलाइट के द्वारा सिग्नल मिलेंगे।
लॉन्च के छह महीने बाद भारत में फ्री इंटरनेट मिलने लगेगा।