कई सालों तक लगातार शिमला मिर्च उगाने से विभिन्न प्रकार के कीटों और बीमारियों की संभावना बढ़ गयी है। एफिड, व्हाइट फ्लाई, टोबैको कैटरपिलर, फ्रूट कैटरपिलर, फ्रूट रोट आदि कुछ प्रमुख बीमारियां हैं।
कीटों को रोकने के लिए जैविक तरीके:
पॉलिथीन शीट्स: भूमि को कीटों और बीमारियों से बचाने के लिए, मिट्टी को गर्म होने से रोकने के लिए तीन सप्ताह के लिए खेतों को पॉलीथीन शीट से ढक दें।
नीम का अर्क: रस चूसने वाले कीड़ों के लिए नीम के अर्क का छिड़काव करें। यह छिड़काव 15-20 दिनों के अंतराल में तीन बार किया जाना चाहिए। इससे रस चूसने वाले कीड़ों से बचाव होता है।
नीम के फल: नीम के फल का उपयोग करें, इसके लिए 5 किलो नीम के फल को बारीक पीस लें और इसकी एक पोटली को महीन कपड़े में बांध लें और इसे 10 लीटर पानी में भिगो दें। सुबह में इसकी हर एक बूंद निकालने के लिए एक किलोग्राम सस्ते साबुन और नीम के फलों के बंडल को मिलाकर 100 लीटर घोल तैयार करें। इसका उपयोग रस चूसने वाले कीटों के प्रकोप को कम करने के लिए किया जाता है जैसे कि सफेद मक्खी और एफिड रोग जैसे।