फसल उतपादन में जिंक तत्व का महत्वपूर्ण योगदान हे ! पोधो में जिंक की कमी से फसल उत्पादन पर विपरीत प्रभाव पड़ता हे जिससे अनाज उत्पादन कम होता हे ! जिंक की कमी वाले क्षेत्रों में फसल उतपादन में ४० प्रतिशत तक की कमी देखने को मिली हे जिसके कारण किसान भाइयो की आर्थिक स्थिति पर भी असर पड़ता है !
संतुलित उर्वरक उपयोग में जिंक को बढ़ावा देने की आवश्यकता है क्योंकि इससे मृदा स्वास्थ्य व फसलों के उत्पादन में बढ़ोत्तरी होती है जिसके फलस्वरूप खाद्य व पोषण सुरक्षा सुनिश्चित होती है !
जिंक पोषण तत्व को बढ़ावा देने से मृदा , फसल व मनुष्यो में जिंक की कमी की पूर्ति होती हे ! इस सन्दर्भ में दीर्घकालीन स्थायी समाधान के लिए जिंक युक्त उर्वरक अनाज उत्पादन में अति आवश्यक है आप सभी किसान बंधुओ से आग्रह है आप सभी अपने खेतो में आवश्यकता अनुसार खाद ही प्रयोग करे!
धन्यवाद किसान हेल्पलाइन