पालमपुर, जेएनएन। आइये जानते है की इस बार कृषि को लेकर
वैज्ञानिको ने किसानो को क्या सलाह दी है, ताज़ा जानकारी के अनुसार हिमाचल प्रदेश कृषि विश्वविद्यालय पालमपुर के प्रसार
निदेशालय
के वैज्ञानिकों
ने किसानों को सलाह दी है कि रबी फसलों की कटाई के लिए मौसम व जलवायु परिस्थितियों
को देखते हुए तैयारियां शुरू कर सकते है, अनुकूल मौसम को देखते हुए, वैज्ञानिकों ने
बताया कि गेहूं की फसल की कटाई का समय आ रहा है। पक चुके तोरिये या सरसों की फसल को
अतिशीघ्र काट लें। फलियों के अधिक पकने की स्थिति में दाने झड़ने की संभावना होती
है, इस प्रकार के नुकसान से
बचने के लिए यह समय अनुकूल है। अधिक समय तक कटी फसलों को सूखने के लिए खेत पर रखने
से चितकबरा बाग से नुकसान होता है।
अत: जल्द से जल्द
थ्रैसिंग शुरू करें। सूरजमुखी फसल की करें बिजाई पर्वतीय क्षेत्रों में सूरजमुखी
फसल की बिजाई खत्म करें। निचले क्षेत्रों में मूंग और उड़द की फसलों की बिजाई भी
पूरी कर लें, मौसम
के अनुसार ये
अनुकूल समय श्रेष्ठ है। बिजाई से पहले खेतों में फसल विशेष राइजोबियम तथा फास्फोरस
सोलूबलाइ¨जग बैक्टीरिया से अवश्य
उपचार करें, वो किसान भाई जिनके खेत खाली हैं तो वहां
बिजाई शुरू कर
दें। अगर आप भंडारण करने का सोच रहे है, तो भंडारण किए दानों को बचाने के लिए डालें सल्फास भंडारण किए दानों में घुन
लगने की संभावना रहती है। उपचार के लिए सल्फास को
गीले कपड़े में
डालकर भंडारण किए बर्तन के बीच में डालें, उसे हवा रहित करें।
किसान ऊंचे
पर्वतीय क्षेत्रों में ओगरा, फफरा व राजमाश की
फसल लगाने की तैयारी करें। सब्जियों में बेक मोथ की करें निगरानी सब्जियों में
(टमाटर, मिर्च, बैंगन, फूलगोभी व पत्तागोभी) फल छेदक, शीर्ष
छेदक तथा फूलगोभी
व पत्तागोभी में डायमंड बेक मोथ की निगरानी हेतु फिरोमोन प्रपंच तीन -चार प्रति
एकड़ लगाएं तथा प्रकोप अधिक दिखाई दे तो स्पेनोसेड दवा एक मिलीलीटर प्रति चार लीटर
पानी में
मिलाकर छिड़काव
करें। किसान भाइयो से एक अनुरोध है की मिर्च के खेत में विषाणु रोग से ग्रसित
पौधों को उखाड़कर जमीन में गाड़ दें। इसके उपरांत इमिडाक्लोप्रिड तीन मिली. प्रति
लीटर की दर से
छिड़काव करें।
मौसम प्याज की बिजाई के अनुकूल है। फूलगोभी व सब्जियों जैसे मूली, शलगम, पालक के खेतों को खरपतवार रहित रखें।
किसान भाई कद्दूवर्गीय
सब्जियों (लोकी, टिंडा, तुरई, सीताफल, ककड़ी, करेला, तरबूज, खरबूजा आदि) की बिजाई या
रोपाई से पहले बीजों को केप्टान या थीरम दो ग्राम प्रति किलोग्राम बीज की दर से
उपचारित करें।
बिजाई से पहले 10-12 टन प्रति एकड़ की
दर से सड़ी हुई गोबर की खाद खेतों में जुताई के समय उपयोग करें। याद रहे इस मौसम
में बेलवाली सब्जियों में लाल भृंग कीट के आक्रमण को
रोकने के लिए
डांइक्नोरवांस 76 इसी (डीडीवीपी)
एक ग्राम प्रति लीटर पानी की दर से छिड़काव करें।
प्याज की फसल में
छिड़कें रेडोमिल
किसान भाई विशेष
रूप से प्याज व लहसुन की फसल में निराई गुड़ाई करें। याद रहे की प्याज में विभिन्न
रोगों के लिए रेडोमिल 25 ग्राम प्रति 10 लीटर पानी में घोलकर छिड़काव करें। अगर आप आलू
का झुलसा रोग से बचाव करना चाहते है तो आलू में झुलसा रोग आने की संभावना दिखाई
देने पर काबडिज्म एक ग्राम प्रति लीटर पानी या डाइथेन एक-45 की दो ग्राम मात्रा एक लीटर
पानी की दर से
चिपकने वाले पदार्थ के साथ मिलाकर छिड़काव इस तरह करें कि पौधा पूरा भीग जाए। किसान
भाई आलू की फसल में वर्षा के बाद उर्वरक की मात्रा डालें तथा खरपतवार निकाल दें।
टमाटर
में पत्ता धब्बा
रोग की रोकथाम के लिए टिल्ट नामक दवाई का छिड़काव करें। पहले लगे टमाटर में दो
टहनियां रखकर बाकी की कटाई व छंटाई करें।