कृषि और निर्माण उपकरण वाहनों के लिए दोहरी ईंधन नीति घोषित
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नई दिल्ली। सरकार ने ट्रैक्टर, बिजली टिलर, डंपर्स, बुलडोजर, रोड रोलर्स और संयुक्त हार्वेस्टर्स जैसे कृषि और निर्माण उपकरण वाहनों में डीजल के अलावा सीएनजी और बायो-सीएनजी के उपयोग को बढ़ावा देने के लिए दोहरी ईंधन उपयोग नीति की घोषणा की है।

 

इसके लिए केंद्रीय मोटर वाहन नियम 1980 के विनियमन 115 एए और 115 बीबी के नियम में संशोधन की अधिसूचना जारी की गई है। अधिसूचना के अनुसार, इन दोहरी ईंधन वाहनों (द्रव्यमान उत्सर्जन मानदंड) से भाप के लिए हानिकारक धुएं और उत्सर्जन मानदंड डीजल वाहनों के लिए लागू होंगे। मापन के आधार पर, हाइड्रोकार्बन (एचसी) के बजाय, गैर-मीथेन हाइड्रोकार्बन (एनएमएचसी) लिया जाएगा। जैसा कि नियम 115 ए में दिया गया है।

 

पार्टिकुलेट मैटर तथा दृश्यमान प्रदूषकों के उत्सर्जन के परीक्षण भी 115ए के अनुसार उसी तरह लागू होंगे जैसे सीएनजी अथवा बायोफ्यूल अथवा एलएनजी इंजन वाले दोहरी फ्यूल वाहनों के मामले में लागू होते हैं। रिट्रो फिटमेंट के लिए सीएनजी अथवा बायोफ्यूल अथवा एलएनजी दोहरी फ्यूल किट के लिए टाइप अप्रूवल सर्टिफिकेट तीन वर्ष के लिए वैध रहेगा। इसके बाद इसका नवीकरण होगा। मूल निर्माता कंपनी अथवा रिट्रो फिटमेंट करने वाली एजेंसी वाहन अथवा इंजन अथवा किट की सुरक्षा संबंधी मानक तथा कोड को पूरा करने के लिए जिम्मेदार होगी।