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tulsi ki kheti
tulsi ki kheti

pl tell me about tulsi ki kheti aur kese bechna hain tulsi ko . full details do

  • Manmohini krishi trading company
    20-07-2016 08:19:13 AM
    tulsi farming beej basil seeds शाम तुलसी और  राम तुलसी का बीज सबसे उत्तम मानी  जाने वाली किस्म की खेती कैसे करें ? तुलसी शब्द संस्कृत का है और इंग्लिश में  इसको बेसिल कहते हैं। इसके और नाम शाम तुलसी ,त्रितवु  तुलसी  भी कहते है। शाम तुलसी काळा हरे रंग की होती है राम तुलसी में शाम तुलसी के मुकाबले कम सुगन्धि और औषधिक तत्व कम होते हैं। इसकी और  भी  परजतिअं  हीमलिया में  मिलती हैं। इसके पौधे  की  लम्बाई तीन फुट  तक   होती है। तुलसी औषदि से हट  कर कॉस्मेटिक और परफ्यूम इंडस्ट्री में में छा  चुकी है। तुलसी सबसे कम समय में सबसे जियादा  फ़ायदा  देने वाली फसल है। ये ( बुआई )बीज  लगने के तीन महीने के अंदर हो जाती है। ) और  तीन महीने बाद  इसका  तेल  निकाल सकते है  और  उसी खेती  में  फिर  से  तुलसी  भी लगा सकते हैं। और तीन महीने बाद बीज बना  कर  भी  बेच सकते हैं और  अच्छा  मुनाफा  कमा सकते  हैं। तुलसी  के लिए जलवायु :-  इसके लिए  कोई खास जलवायु की  जरूरत नहीं है ये हर  मौसम  में हो जाता है। तुलसी को  लगने का समय :- तुसली  लगने  का समय अप्रैल से  अगस्त होता है। मिटटी :-  तुलसी  काम उपजाऊ मिटटी में  भी अच्छी फसल दे  देता है। वैसे पांच से सात पी एच तक अच्छी फसल देता है तुलसी की खेती के  लिए बीज की मात्रा :- तुलसी को एक एकर के लिए एक सो पचीस ग्राम तुलसी बीज बहुत   है। बुआई :- तुलसी  से  बीज की सीधी बुआई भी  कर  सकते है और  पौध  भी तैयार  क्र  सकते हैं। मिटटी को पंद्रह से बीस सेंटीमीटर तक हल के साथ खोद कर खेत से नदीन  खरपतवार निकाल दें। और खेत को अच्छे से साफ़ कर लें। फिर उसमे उर्वरक और गोबर खाद जरूरत औसर डाल  दें। जैसे  की  बारह टन  गोबर खाद। खेत में से पानी  की निकासी अच्छे से रखे पनि खड़ा न हो पाए। अगर पौध  लगते है तो  पौध चार से पांच सप्ताह में  तैयार हो   जाती है फिर इसको खेत में लगा सकते हैं। खेत  में  लगने  के लिए  बेड्स बना सकते है जो के एक मीटर चौड़े  हों। एक लाइन से दूसरी लाइन की दूरी पेंतालिस से साठ  मीटर  हो  और पौध  से  पौध  दूरी तीस सेंटीमीटर  हो। तुलसी की सिंचाई :- तुलसी ट्रॉपिकल और सुब्त्रोपिकल दोनों जलवायु में हो जाती है। वैसे  तो बारिश से  पनि से  भी काम चल जाता  है अगर  जरुरत  पड़े  तो  दो से तीन पानी जियादा  से  जियादा  चाहिए  होते हैं। तुलसी की बीमारियां :- वैसे तो तुलसी  को   जियादा  कोई  बीमारी नहीं लगती  अगर  कोई छोटी मोटी बीमारी  हो  तो हमारे व्हाट्सप्प नंबर  पर  फोटो भेज  कर सलाह मांग  सकते हैं  या  फिर   जैविक दवाई वालो से मुलाकात  कर सकते है। तुलसी की तुड़वाई :- तुलसी के बूटे  को जड़ से  उखड  दें और चार पांच घंटे  तक सूखने दें ता   के इसमें से नमि उड़  जाये  और  अच्छे से  तेल की मात्रा निकल पाए। पातियो  को पौधे  से  अलग  करके डिस्टिलेशन तकनीक से तेल निकलें। भारत सरकार दिलस्टिलशन प्लांट lagane  में  भी sahayta  करती है अगर  खेती  दस  एकड़  से  जियादा  हो तो। तुलसी की पैदावार :-  तुलसी  एक एकर  में दस से बारह टन  हो  जाती  है। जिस से अस्सी से सो लीटर तेल निकाल सकते हैं। एक लीटर  तेल की अंदाज़न कीमत एक हज़ार  रुपये  है। और एक एकर में खर्च जियादा से जियादा दस से पंद्रह हज़ार आता है। सब खर्चे निकाल  कर  भी किसान साठ  से  पहसठ  हज़ार  रुपये  तीन महीने  में कमा  सकते  हैं।  पंजाबी किसानों के लिए ये वरदान है धान से बचने के लिए और  ये वातावरण को भी शुद्ध करती है। मल्टी फसल :- एक से जियादा फसल लेने के लिए  भी  ये  एक अच्छा साधन है।  हम गन्ने  , सरसों , गेहूं , और धान  के खाली खेतों में खाली  जगह पर  भी लगा सकते हैं। और ये फसल आसानी से हो सकती है। बीज  का  जमाव बहुत  ही अच्छा है टेस्टेड है। अच्छे जमाव  के लिए जियादा  ध्यान रखें तुलसी के फायदे :- ये बुखार , खांसी , ठण्ड से बचाती   है। ये खराब गला ठीक करती है। कैंसर से रहत मिलती है। दिल को मज़बूती  देती है। ये तुवचा और बालों के लिए  ठीक है। इस  से सरदरद  ठीक होता है। बच्चों की यादाश्त के लिए  बौर  ठण्ड  से  बचाव  के लिए  थोड़ी  थोड़ी  बूँद देते  रहना चाहिए। ये ब्लॅड शुगर  को कम करने  भी सहायक होती है। ये  किडनी स्टोन  के  लिए  भी अच्छी है। =========== Shama Tulsi Seeds
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