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Sweet Flag (बच)

Basic Info

आप जानते है स्वीट फ्लैग (बच) एक बारहमासी सुंगंधित औषधीय पौधा है जिसकी खेती भारत में हिमालय, मणिपुर और नागा हिल्स की झीलों तथा नदियों के किनारे की जाती है। इसका उपयोग बड़े स्तर पर आयुर्वेदिक दवाईयों के निर्माण में किया जाता है। भारत के अलावा स्वीट फ्लैग की खेती हालैंड, बर्मा, उत्तरी अमेरिका तथा यूरोप के कई देशों में की जाती है। इस औषधीय पौधे की लंबाई  2 मीटर तथा पत्तियां तलवार के आकार की होती है। स्वीट फ्लैग के राइजोम का तेल स्वास रोग, बदहजमी, मूत्र रोग और दस्त रोग सहित कई बीमारियों में इस्तेमाल होता है।

Seed Specification

बुवाई का समय
इसकी बुवाई जुलाई-अगस्त के महीने में करनी चाहिए, पर इसकी बुवाई के लिए सबसे उचित समय जून के दूसरे सप्ताह में होता है।

दुरी
कतार से कतार और पौधे से पौधे की दूरी 30 सेंटीमीटर रखना चाहिए।

गहराई
बीजों को 4  से.मी. गहराई पर  बुवाई करें।

बुवाई का तरीका
स्वीट फ्लैग को सीधे बीजों या कंदों के द्वारा लगाया जा सकता है। खेत में स्वीट फ्लेग के कंदों को छोटे टुकड़ें करने के बाद ही रोपाई करें। वहीं बीजों को सीधे खेत में बोया जा सकता है जिसमें दो सप्ताह बाद अंकुरण हो जाता है।

बीज की मात्रा
स्वीट फ्लेग की खेती के लिए उचित दुरी में बुवाई हेतु आवश्यकता अनुसार कंदों का प्रयोग करें। स्वीट फ्लैग के पौधरोपण हेतु एक एकड़ में लगभग एक लाख पौधे लगते हैं।

Land Preparation & Soil Health

अनुकूल जलवायु
स्वीट फ्लेग की खेती के लिए तापमान 10 डिग्री से 38 डिग्री तक उपयुक्त होता है। इसके पौधे अत्यधिक गर्मी में बढ़ नहीं पाते हैं।

भूमि का चयन 
स्वीट फ्लेग की खेती के लिए बलुई दोमत मिट्टी उपयुक्त मानी जाती है, और यह फसल रेतली, चिकनी और जलोढ़ मिट्टी में भी अच्छी पैदावार देती है। इसके लिए मिट्टी का पी.एच. 5-7 होना चाहिए।

खेत की तैयारी
स्वीट फ्लेग की खेती के लिए खेत को पहले से तैयार करना जरूरी है। इसकी खेती के लिए जल जमाव वाली भूमि उत्तम मानी जाती है। बुवाई या रोपाई से पहले खेत में पलेवा कर लें जिसके बाद मिट्टी की जुताई करके मिट्टी को भुरभुरा बना लें। जिसके बाद खेत में गोबर और हरी खाद डालकर खेत में क्यारियां बना लें।

Crop Spray & fertilizer Specification

खाद एवं रासायनिक उर्वरक
अच्छी फसल के लिए गोबर खाद या कम्पोस्ट खाद डालना जरूरी है। इसकी अच्छी पैदावार के लिए खेत तैयारी के समय 6-10 टन/एकड़ की दर से अच्छी सड़ी हुई गोबर की खाद मिट्टी में अच्छी तरह मिला दें।  इसके अलावा रासायनिक उर्वरक के रूप में प्रति एकड़ नाइट्रोजन 18 किलो, फास्फोरस 5 किलो और पोटाश 5 किलो डालना चाहिए। नाइट्रोजन को तीन बराबर भागों में बांटकर पहली खुराक फास्फोरस और पोटाश के साथ रोपाई के समय दें।

Weeding & Irrigation

खरपतवार नियंत्रण
खरपतवार की रोकथाम के लिए आवश्यकतानुसार समय-समय पर निराई गुड़ाई करना चाहिए।

सिंचाई
स्वीट फ्लेग की खेती में पानी की जरूरत ज्यादा होती है। बरसात में इसमें सिंचाई करने की जरूरत नहीं पड़ती है, लेकिन गर्मी के दिनों में सप्ताह में एक या दो सिंचाई जरूर करें। वहीं सर्दियों के दिनों में 10 से 12 में सिंचाई करना चाहिए।

Harvesting & Storage

फसल की कटाई
8-9 महीने बाद इसकी फसल तैयार होने लगती है। जब इसकी पत्तिया पीली पड़ने लगती हैं या सूखने लगती हैं तब पौधों को जड़ समेत जमीन से निकाल लिया जाता है। राइजोम (प्रकंद) को नुकसान न हो, इसका खास ध्यान रखा जाता है। मिट्टी से निकाले गए राइजोम (प्रकंद) को धोना नहीं होता है। इसे छायादार जगह पर सूखाया जाता है।

फसल कटाई के बाद
अच्छी तरह सूखने के बाद फसल की खुदाई करके कंदों को अलग निकाल लिया जाता है। जिसकी दो तीन पर कुटाई करके मिश्रण बना लें। इसी मिश्रण को बाजार में बेचा जाता है। इससे कई उत्पाद जैसे कि आरक, तेल और पाउडर आदि तैयार किये जाते हैं।

Crop Related Disease

Description:
A. calamus . के प्रायोगिक क्षेत्रों में पत्तियों के दोनों ओर 2 से 3 मिमी व्यास के भूरे रंग के धब्बे देखे गए धब्बे बाद में पीले घेरे के साथ गहरे परिगलित घावों में बदल गए। रोग की घटना 25 से 30% तक थी।
Organic Solution:
ग्रोइंग मीडिया में पीएएस 100-ग्रेड ग्रीन कम्पोस्ट और कम्पोस्ट चाय के उपयोग की चयनित फसलों पर लीफ स्पॉट के एकीकृत प्रबंधन में महत्वपूर्ण भूमिका है।
Chemical Solution:
कैप्टन 10 ग्राम और क्लोरपाइरीफोस 20 मि.ली./10 लीटर की मात्रा में पत्ती वाली जगह को नियंत्रित करने में मदद करनी चाहिए।
Description:
स्क्लेरोटियम रॉल्फ्सि के कारण प्रकंद सड़ांध ने मुख्य रूप से हमला किया पौधे के बेसल क्षेत्र में जिसके परिणामस्वरूप धीरे-धीरे सूख जाता है कुल पत्ते
Organic Solution:
फसल की उपज के नुकसान के लिए पौधे की जड़ सड़न रोग जिम्मेदार हैं। इस रोग का जैविक नियंत्रण एक व्यवहार्य वैकल्पिक और पर्यावरण के अनुकूल तरीका माना जाता है। पौधों की ऊंचाई और वजन सहित पौधों के फाइटोसैनिटरी मापदंडों को बायोएजेंट के आवेदन के परिणामस्वरूप बहुत बढ़ाया गया था।
Chemical Solution:
जड़ और तना सड़न को बीज या भीगी हुई मिट्टी को थीरम या बेनोमाइल से उपचारित करके नियंत्रित किया जा सकता है। बेनोमाइल और थियोफैनेट-मिथाइल को लगातार प्रभावी बताया गया है

Sweet Flag (बच) Crop Types

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