Tobacco (तम्बाकू)
Basic Info
तम्बाकू की फसल कम मेहनत वाली व्यावसायिक और नगदी फसल हैं, तम्बाकू का उपयोग स्वास्थ के लिए हानिकारक होता है। इसको धीमा जहर भी कहा जाता है। तम्बाकू को सुखाकर इसका इस्तेमाल धुँआ और धुँआ रहित नशे की चीजों में किया जाता है। तम्बाकू से सिगरेट, बीडी, सिगार, पान मसालों, जर्दा और खैनी जैसी और भी बहुत सारी चीजें बनाई जाती है। भारत में लगभग सभी राज्य तम्बाकू उगाते हैं, लेकिन महत्वपूर्ण हैं आंध्र प्रदेश, गुजरात, तमिलनाडु, कर्नाटक, बिहार, पश्चिम बंगाल और उत्तर प्रदेश। भारत कई प्रकार के व्यावसायिक प्रकार के तम्बाकू का उत्पादन करता है।
Seed Specification
बुवाई का समय
तंबाकू की रोपाई का उचित समय 20 सितंबर से 10 अक्टूबर माना गया है।
बुवाई का तरीका
तंबाकू के बीजों की बुवाई नर्सरी में की जाती हैं। नर्सरी में पौधे तैयार होने के बाद उन्हें खेत में रोपा जाता है। नर्सरी तैयार करने का समय 15 अगस्त से 15 सितम्बर तक उचित समय होता है।
दुरी
पौधरोपण के लिए 90X75 से.मी. की दुरी सबसे उत्तम होती है।
बीज की मात्रा
बुवाई के लिए बीज की मात्रा किस्मों के अनुसार 1.2-2 किलोग्राम/एकड़ बीज पर्याप्त होते है। तथा पौधरोपण हेतु पौधे की संख्या लगभग 6000 पौधे/एकड़ पर्याप्त होते हैं।
बीज उपचार
नर्सरी में बीज बुवाई से पहले थीरम या मेंकोजेब 2.5 ग्राम/किलो बीज की दर से उपचारित करना चाहिए।
Land Preparation & Soil Health
अनुकूल जलवायु
तम्बाकू की खेती के लिए ठंडी और शुष्क जलवायु की जरूरत होती है, इसकी खेती के लिए अधिकतम 100 सेंटीमीटर बारिश काफी होती है। इसके पौधे को अंकुरण के लिए 15 डिग्री के आसपास तापमान की जरूरत होती है, और विकास करने के लिए 20 डिग्री के आसपास तापमान की आवश्यकता होती है।
भूमि का चयन
तम्बाकू की खेती के लिए लाल दोमट और हलकी भुरभुरी मिट्टी सबसे उपयुक्त होती है, जिसका पी.एच. मान 6 से 8 तक उपयुक्त होता हैं।
खेत की तैयारी
बुवाई से पूर्व खेत की 2-3 बार जुताई करना चाहिए, अंतिम जुताई के समय पाटा लगाकर खेत को समतल और भुरभुरा कर देना चाहिए। और खेत को खरपतवार मुक्त रखना चाहिए।
Crop Spray & fertilizer Specification
खाद एवं रासायनिक उर्वरक
खेत तैयारी के समय गोबर की खाद 7-10 टन/एकड़ और एन.पी.के. की मात्रा 40:40:25 किग्रा /एकड़ बेसल के रूप में लागू करें। तथा साथ में कैल्शियम की मात्रा 50 किलोग्राम/एकड़ की दर से देवे।
Weeding & Irrigation
खरपतवार नियंत्रण
खरपतवार की रोकथाम के लिए समय-समय पर आवश्यकतानुसार निराई-गुड़ाई करें।
सिंचाई
तम्बाकू के पौधों की पहली सिंचाई पौधरोपण के तुरंत बाद कर देनी चाहिए, पहली सिंचाई के बाद इसके पौधों की हर 15 दिन पर हल्की सिंचाई करते रहना चाहिए। तथा आवश्यकतानुसार सिंचाई करते रहना चाहिए।
Harvesting & Storage
कटाई-छटाई
तंबाकू के पौधे की देखभाल करना बहुत आवश्यक होता है, तम्बाकू अधिक मात्रा में प्राप्त करने के लिए पौधों पर बनने वाले डोडों ( फूल की कलियाँ ) और साइड शाखाओं को तोड़ देना चाहिए, लेकिन ध्यान रहे इसकी खेती बीज बनाने के लिए की जाये तो डोडों को नही तोडना चाहिए।
फसल की कटाई
तंबाकू की फसल 120 से 130 दिन में पककर तैयार हो जाती है, जिसके बाद जब इसके नीचे के पत्ते सूखने लगे और कठोर हो जाएँ तब इनकी कटाई कर लेनी चाहिए, इसके पौधों की कटाई जड़ के पास से करनी चाहिए।
कटाई के बाद
तम्बाकू को काटकर उसे दो से तीन दिन तक खेत में सुखाया जाता है, उसके बाद उन्हें एक जगह एकत्रित कर कुछ दिन के लिए ढक दिया जाता है या मिट्टी में दबा देते हैं, सुखाने के दौरान इसके पौधों की पलटते रहते है, सुखाने के वक्त इसके पौधों में नमी और सफेदी जितनी ज्यादा आती है, तम्बाकू उतनी ही अच्छी बनती है। सुखने के बाद इसके पौधों की कटाई कर तैयार कर लिया जाता है।
उत्पादन
तंबाकू की फसल का उत्पादन लगभग 2 से 2.5 क्विंटल/एकड़ प्राप्त होता हैं। तथा दक्षिण काली मिट्टी में इसका उत्पादन 5 से 7 क्विंटल/एकड़ प्राप्त होता हैं।