kisan

Orange (संतरा)

Basic Info

संतरे की खेती की उन्नत खेती देश में बड़े पैमाने में की जाती है। संतरा एक नींबू वर्गीय फल है। भारत में केला और आम के बाद संतेरे को सबसे ज्यादा उगाया जाता है। इसका मुख्य रूप से इस्तेमाल खाने और जूस निकालकर पीने में किया जाता है. इसको पीने के कई गुणकारी फायदें हैं। ये हमें कई तरह की बीमारियों से बचाता है। इसका रस शरीर को शीतलता प्रदान कर थकान और तनाव को दूर करता है। भारत में, राजस्थान, हिमाचल प्रदेश, पंजाब, हरियाणा और उत्तर प्रदेश संतरा उगाने वाले प्रमुख राज्य है| मध्यप्रदेश में संतरे की किस्म नागपुर संतरा प्रचलित है। 

Seed Specification

बुवाई का समय
इसका रोपण बसंत ऋतु फरवरी से मार्च और पौधे लगाने के लिए जूलाई से अक्टूबर माह का समय उपयुक्त है

दुरी 
मीठे संतरों के लिए 5x5 मीटर दुरी रखें| 1x1x1 मीटर, गड्ढे खोदे और कुछ दिन तक धूप में रहने दें| प्रत्येक गड्ढे में 15-20 किलो गाय का गोबर, 500 ग्राम सिंगल सुपर फासफेट डालें|

बीज की गहराई
पौधे के अंकुरण के लिए 60×60×60 सैं.मी. आकार के गड्ढे तैयार करें|

पौधो के लिए नर्सरी तैयार करने की विधि 
संतरे की खेती के लिए संतरे के पौधे नर्सरी में तैयार किये जाते हैं। बीजों को नर्सरी में 2 मीटर x 1 मीटर आकार के सीड बेड पर बोयें । जिसमें लाइन से लाइन 15 सेंटीमीटर का दुरी रखें । जब पौधों की ऊँचाई 10 से 12 सेंटीमीटर हो जाये। बागवानी हेतु पहले से तैयार गड्ढों रोपाई करें। एक बात का ध्यान रखें कि रोपाई के लिए सेहतमंद और समान आकार के पौधे ही हों । छोटे और कमज़ोर पौधों को पहले ही निकाल दें । आवश्यक लगे तो पड़े तो रोपाई से पहले जड़ों की छंटाई कर लें व जड़ों को उपचारित कर लें ।

बीज की मात्रा
208 पौधे प्रति एकड़ का घनत्व बना कर रखना चाहिए।

Land Preparation & Soil Health

भूमि 
पौधे के लिए उचित जल निकासी वाली हल्की दोमट मिट्टी अच्छी रहती है। इसमें पैदावार काफी ठीक होती है। संतरे की खेती के जलभराव वाली भूमि उपयुक्त नही होती। भूमि का पी.एच.मान करीब 6 से 8 के बीच होना चाहिए।

खेत की तैयारी 
संतरा खेती के लिए शुरुआत में खेत में मौजूद पुरानी फसलों के अवशेषों को हटाकर खेत की गहरी जुताई कर दें। उसके बाद खेत में कल्टीवेटर के माध्यम से दो से तीन अच्छी तिरछी जुताई कर दें। जुताई के बाद खेत में पाटा लगाकर उसे समतल बना दे।

जलवायु 
संतरे की बागवानी के लिए अधिकतम 16 से 20 व अधिकतम 32 से 40 डिग्री तापमान की जरूरत होती है । सामान्य जलवायु में संतरे के पौधे में वानस्पतिक वृद्धि होती है । कम तापमान व ठंड/ पाले से संतरे की खेती को बड़ी हानी होती है।    

Crop Spray & fertilizer Specification

खाद एवं रासायनिक उर्वरक 
पहले वर्ष में 10 कि.ग्रा. गोबर खाद, 150 ग्राम नाइट्रोजन, 50 ग्राम फास्फोरस, 75 ग्राम पोटाश। 
दूसरा वर्ष में 20 कि.ग्रा. गोबर खाद, 300 ग्राम नाइट्रोजन, 100 ग्राम फास्फोरस, 150 ग्राम पोटाश।
तीसरे वर्ष में 30 कि.ग्रा. गोबर खाद, 450 ग्राम नाइट्रोजन, 150 ग्राम फास्फोरस, 225 ग्राम पोटाश। 
चौथे वर्ष में 40कि.ग्रा. गोबर खाद, 600 ग्राम नाइट्रोजन, 200 ग्राम फास्फोरस, 300 ग्राम पोटाश। 
पाचवां वर्ष व अधिक 50 कि.ग्रा. गोबर खाद,750 ग्राम नाइट्रोजन, 250 ग्राम फास्फोरस, 375 ग्राम पोटाश। 
इसके आलावा किसान भाई आवश्यकतानुसार जिंक सल्फेट और अन्य टॉनिक खादों का प्रयोग कर सकते है| पानी में घुलनशील खादों के छिड़काव से पैदावार पर काफी अच्छा प्रभाव पड़ता है| ध्यान रहे रासायनिक उर्वरक का प्रयोग मिट्टी परिक्षण के आधार पर करें। 

Weeding & Irrigation

खरपतवार नियंत्रण
संतरे के खेत में खरपतवारों को हाथ से गोडाई करके या रासायनों द्वारा नियंत्रित किया जा सकता है, खरपतवार निकलने के पश्चात् - ग्लायफोसेट 4 लीटर या पेराक्वाट 2 लीटर 500 से 600 लीटर पानी मे मिलाकर प्रति हेक्टेयर से उपयोग करे। जहा तक संभव हो खरपतवारनाशक फूल निकलने से पहले उपयोग करे। खरपतवारनाशक का प्रयोग मुख्य पौधो पर नही करना चाहिए।

सिंचाई
संतरे की खेती में अच्छे उत्पादन के लिए सिंचाई का विशेष ध्यान रखना होता है। मार्च से जून तक 10 से 12 दिन के अंतराल पर सिंचाई करते है, जब कि वर्षा ऋतू में सिंचाई नहीं कि जाती सितम्बर से दिसंबर तक 20 दिन के अंतराल पर सिंचाई करते रहना चाहिए|

Harvesting & Storage

कटाई 
फलों की तुड़ाई तब की जाती है, जब वे पूर्ण आकार प्राप्त करते हैं। जब फलों का रंग पीला और आकर्षक दिखाई दें। तब उन्हें डंठल सहित काटकर अलग करना चाहिए।  जिससे फल ज्यादा वक्त तक ताज़ा रहता है। फलों की तुड़ाई गीले मौसम में या बारिश के दौरान नहीं करनी चाहिए। संतरों की तुडाई करने के बाद साफ गिले कपड़े से पूंछ लें और छायादार स्थान पर सूखा दें। इसके बाद फलों को किसी हवादार बॉक्स में सूखी घास के साथ भर देते हैं। अब बॉक्स को बंद कर बाज़ार में भेज सकते है।

सफाई एवं सुखाई
वे फल जो तिरछे, अपरिपक्व, झोंके (सूजे हुए), फूला हुआ (फलों की सतह पर धब्बे वाला), विकृत, (प्राकृतिक आकार न होने वाला), गहरे हरे रंग के, फल (डार्क फ्रूट) और रोग के कारण सफाई के दौरान हटा दिए जाते हैं।

कटाई के बाद 
कटे हुए फलों को आमतौर पर क्लोरीन (1000 पीपीएम) से धोया जाता है और सतह के पानी को निकालने के बाद उन्हें स्टेफ्रेश हाई शाइन वैक्स (2.5%) के साथ लेपित किया जाता है, जिसमें बाविस्टिन (4000 पीपीएम) होता है और अंत में सुरंग ड्रायर में 500-550C सूख जाता है।



Crop Related Disease

Description:
एन्थ्रेक्नोज कवक आमतौर पर कमजोर टहनियों को संक्रमित करता है। लंबे समय तक गीली फुहारों के साथ स्प्रिंग्स के दौरान यह बीमारी सबसे आम है और जब बाद में सामान्य से अधिक बारिश होती है। गीले या धुंधले मौसम के दौरान, एन्थ्रेक्नोज बीजाणु फलों पर टपकता है, जहाँ वे छिलके को संक्रमित करते हैं और सुस्त छोड़ देते हैं, अपरिपक्व फल पर हरे रंग की लकीरें और परिपक्व फल (भूसे के दाग) पर काले रंग की लकीरें दिखाई देती हैं। एन्थ्रेक्नोज आंसू के दाग अक्सर सेप्टोरिया स्पॉट के साथ होते हैं। सेप्टोरिया कवक, और संभवतः कुछ पर्यावरणीय परिस्थितियों, भी आंसू धुंधला हो सकता है। दाग को धोया नहीं जा सकता है, लेकिन आमतौर पर विकार निवारक कार्यों की आवश्यकता के लिए पर्याप्त गंभीर नहीं है। हालांकि, कुछ परिस्थितियां, जैसे कि कीटनाशक साबुन के अनुप्रयोग, जो फलों के छिलके पर सुरक्षात्मक मोम को नुकसान पहुंचाते हैं, इस बीमारी की गंभीरता को बढ़ा सकते हैं।
Organic Solution:
जब संभव हो प्रतिरोधी पौधे की किस्में चुनें और पश्चिमी उगाए गए बीजों का उपयोग करें जो रोग के संपर्क में नहीं आए हैं। संक्रमित पत्तियों, फलों या तनों को खाद न दें और फसल के बाद बगीचे के क्षेत्रों को अच्छी तरह से साफ करें, फसल के बाद, फफूंद बीजाणुओं के लिए सर्दियों के स्थलों को कम करें। नीम के तेल का स्प्रे एक कार्बनिक, बहुउद्देश्यीय फफूंदनाशक / कीटनाशक / माइटाइड है जो कीड़ों के अंडे, लार्वा और वयस्क चरणों को मारता है और साथ ही पौधों पर फंगल के हमले को रोकता है। वसंत नवोदित के पहले संकेत पर, हर 7-14 दिनों में एक निवारक उपाय के रूप में या मौजूदा समस्याओं को समाप्त करने तक 7-दिन के शेड्यूल पर लागू करें।
Chemical Solution:
सेरेनेक गार्डन के साथ सबसे अधिक फंगल और जीवाणु रोगों का इलाज करें। यह व्यापक स्पेक्ट्रम जैव-कवकनाशी बेसिलस सबटिलिस के एक पेटेंट तनाव का उपयोग करता है जो कार्बनिक उपयोग के लिए पंजीकृत है। सभी के सर्वश्रेष्ठ, SERENADE मधु मक्खियों और लाभकारी कीड़ों के लिए पूरी तरह से गैर विषैले है। तरल तांबे के स्प्रे और सल्फर पाउडर को साप्ताहिक रूप से लागू किया जाना चाहिए, जब शुरुआती वसंत में पत्ते का विकास शुरू हो जाता है और पूरे मौसम में जारी रहता है। दिन की शुरुआत में स्प्रे करें, और गर्म मौसम के दौरान अनुप्रयोगों से बचें। रोपण से पहले बीजों का उपचार भी किया जा सकता है।
Description:
फाइटोफ्थोरा प्रजातियां ज्यादातर खट्टे पेड़ों में मौजूद हैं। वे मिट्टी में लगातार बीजाणुओं के रूप में प्रतिकूल परिस्थितियों से बच सकते हैं। Zoospores संक्रामक एजेंट हैं जो सिंचाई या बारिश के पानी में जड़ों तक ले जाते हैं। 
Organic Solution:
पक्षियों को नियंत्रित किया जा सकता है| ततैया के घोंसले को बाहर निकालकर नष्ट कर देना चाहिए। फलों की पैकिंग और भंडारण में विशेष देखभाल की आवश्यकता होती है क्योंकि फलों के बीच कवक फैल सकता है।
Chemical Solution:
Difenoconazole और fenhexamid के आधार पर कवकनाशी के दो अनुप्रयोगों में से एक हो सकता है प्रभावी है।
Description:
यह एक जीवाणु रोग है और साइट्रस लीफ माइनर की मदद से फैलता है। सिट्रस कैंकर यह एक ऐसी बीमारी है जो सिट्रस को प्रभावित करने वाली प्रजाति है जो एक्सथोमोनस एक्सोनोपोडिस है। संक्रमण से नींबू, संतरे और अंगूर सहित खट्टे पेड़ों की पत्तियों, तनों और फलों पर घाव हो जाते हैं। जबकि मनुष्यों के लिए हानिकारक नहीं है|
Organic Solution:
स्प्रे द्वारा तांबे पर आधारित जीवाणुनाशक का उपयोग बैक्टीरिया नियंत्रण किया जाता है। कैंकर खट्टे पेड़ों की जीवन शक्ति को काफी प्रभावित करता है, जिससे पत्तियां और फल समय से पहले गिर जाते हैं।
Chemical Solution:
रोगग्रस्त फसलों के उन्मूलन के बाद दूषित क्षेत्र को 1.5 किलो धातु तांबा प्रति 1 एमएल पानी (0.15% धातु तांबा) के आधार पर तांबा फफूंदनाशक के साथ छिड़काव करना चाहिए।

Orange (संतरा) Crop Types

You may also like

No video Found!

Frequently Asked Questions

Q1: संतरे की खेती की शुरुआत किस प्रकार कर सकते है?

Ans:

संतरे की खेती के लिए अनुकूल अपनी मिट्टी तैयार करें, जैसे कि 5.8 से 7.3 के बीच ph प्रबंधन, अधिक फल उत्पादन के लिए सभी आवश्यक कार्बनिक खाद डाल कर अपनी मिट्टी को समृद्ध बनाएं। तथा अपने खेत की मिट्टी का परीक्षण करवाकर आवश्यक पोषक तत्व की पूर्ति करें।

Q3: संतरे के पेड़ का जीवनकाल कितना रहता है?

Ans:

आप जानते है संतरे के पेड़ की औसत उम्र 50 साल है। यह नींबू, नारंगी और यहां तक कि बौना खट्टे पेड़ों पर लागू होता है। फलों का उत्पादन आम तौर पर 2 और 5 साल के बीच शुरू होता है।

Q2: संतरे के पेड़ का किस प्रकार से तेजी से विकास किया जा सकता हैं?

Ans:

संतरे के पेड़ के लिए धूप बहुत जरूरी है,संतरे के पेड़ों को फूलने के लिए पूरी धूप और अच्छी तरह से सूखा मिट्टी चाहिए। पानी, उर्वरक, खनिज की कमी, छंटाई, ठंडा संरक्षण।

Q4: भारत में सबसे ज्यादा संतरे का उत्पादन कहाँ होता है?

Ans:

आप जानते है संतरे का उत्पादन सबसे ज्यादा तेलांगना में होता है, 25.57 लाख टन तक संतरे का उत्पादन होता है। आंध्रप्रदेश में 13.16 लाख टन, महाराष्ट्र में 4.61, मध्यप्रदेश में 1.11 और कर्नाटक में . 32 लाख टन संतरे का उत्पादन होता है।