Bitter gourd (करेला)
Basic Info
करेला हमारे देश के लगभग सभी प्रदेशों में एक लोकप्रिय सब्जी है| इसके फलों का उपयोग रसेदार, भरवाँ या तले हुए शाक के रूप में होता है| करेला केवल सब्जी ही नहीं बल्कि गुणकारी औषधि भी है| इसके कडवे पदार्थ द्वारा पेट में उत्पन्न हुए सूत्रकृमि तथा अन्य प्रकार के कृमियों को खत्म किया जा सकता है| इसे इसके औषधीय, पोषक, और अन्य स्वास्थ्य लाभों के कारण जाना जाता है। क्योंकि इसकी बाज़ार में बहुत अधिक मांग होती है इसलिए करेले की खेती काफी सफल है। करेले को मुख्यत: जूस बनाने के लिए और पाक उद्देश्य के लिए प्रयोग किया जाता है। यह विटामिन बी 1, बी 2 और बी 3, बिटा केरोटीन, जिंक, आयरन, फासफोरस, पोटाशियम, मैगनीज़, फोलेट और कैलशियम का उच्च स्त्रोत है।
Frequently Asked Questions
Q1: करेला खेती के लिए कौन सा मौसम और समय अनुकूल होता है?
Ans:
आप जानते है करेला एक गर्म मौसम की फसल, करेला साल भर उगाया जा सकता है, बशर्ते यह है कि अत्यधिक ठंड की स्थिति में सामने न आए। करेला उगाने का सबसे अच्छा मौसम अप्रैल - मई और जुलाई - सितंबर के बीच होता है।Q3: करेले के फल की तुड़ाई कब की जाती है?
Ans:
आप जानते है करेला के फलों की तुडाई करेले की बुवाई के लगभग 60 से 65 दिनों के बाद आरम्भ हो जाती है| फल तुडाई के लिए फलों के रंग, आकार व साईज आदि को भी ध्यान में रखा जाता है|Q5: भारत में करेला किन राज्यों में उगाया जाता हैं?
Ans:
करेला उगाने वाले महत्वपूर्ण राज्य छत्तीसगढ़, तेलंगाना, महाराष्ट्र, गुजरात, राजस्थान, मध्य प्रदेश, पंजाब, तमिलनाडु, केरल, कर्नाटक, आंध्र प्रदेश, पश्चिम बंगाल, ओडिशा, असम उत्तर प्रदेश और बिहार हैं।
Q7: करेला का सेवन स्वास्थ्य के लिए किस प्रकार लाभदायक है?
Ans:
करेला विटामिन और खनिजों का एक समृद्ध स्रोत है। इसमें आयरन, मैग्नीशियम, पोटेशियम और विटामिन ए और सी जैसे होते हैं। इसमें पालक से दोगुना कैल्शियम और ब्रोकली के बीटा-कैरोटीन होता है। करेले में विभिन्न एंटी-ऑक्सीडेंट और एंटी-इंफ्लेमेटरी यौगिक मौजूद होते हैं।
Q2: करेले की खेती में उर्वरक की मात्रा कितनी होनी चाहिए?
Ans:
उर्वरक देते समय ध्यान दे बुवाई के समय नाइट्रोजन की आधी मात्रा, सल्फर और पोटाश की पूरी मात्रा देना चाहिए। शेष नाइट्रोजन की आधी मात्रा टॉप ड्रेसिंग के रूप में बुवाई के 30-40 दिन बाद देना चाहिए।
Q4: करेला की फसल के लिए उपयुक्त भूमि कौन सी होती है?
Ans:
करेला की फसल को पूरे भारत में अनेक प्रकार की भूमि में उगाया जाता है| लेकिन इसकी अच्छी वृद्धि और खेती के लिए अच्छे जल निकास युक्त जीवांश वाली दोमट मिट्टी सर्वोत्तम होती है|Q6: करेले में कड़वेपन का क्या कारण हैं?
Ans:
करेले की मूल प्रकृति एक अल्कलॉइड मोमोर्डिसिन की उपस्थिति के कारण होती है जो इसे कड़वा स्वाद देती है।