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Arhar (अरहर)

Basic Info


अरहर हमारे देश की प्रमुख दलहनी फसल है जो मुख्यतः ख़रीफ़ मौसम में उगाई जाती है। खरीफ की दलहनी फसलों में अरहर (तुअर) प्रमुख है। यह एक महत्वपूर्ण फसल है और प्रोटीन का स्त्रोत है। यह फसल ऊष्ण और उप ऊष्ण क्षेत्रों में उगाई जाती है। अरहर की फसल दालों के उत्पादन के साथ-साथ वातावरण से नाइट्रोजन को मिट्टी के अंदर एकत्रित करती रहती है, जिससे भूमि की उर्वरता में भी सुधार होता है। अरहर की लंबे समय तक जीवित रहने वाली किस्में मिट्टी में 150-200 किलोग्राम वायुमंडलीय नाइट्रोजन स्थिर करती हैं और मिट्टी की उर्वरता और उत्पादकता बढ़ाती हैं।

अरहर की बुआई शुष्क क्षेत्रों में किसानों द्वारा प्राथमिकता से की जाती है। अरहर की खेती (Arhar Ki Kheti) असिंचित क्षेत्रों में फायदेमंद साबित हो सकती है क्योंकि इसकी गहरी जड़ों और उच्च तापमान की स्थिति में पत्तियों को मोड़ने की क्षमता के कारण यह शुष्क क्षेत्रों में सबसे उपयुक्त फसल है।

भारत विश्व में दलहनी फसलों के क्षेत्रफल एवं उत्पादन में प्रथम स्थान पर है। भारत देश में अरहर को अरहर, तुर, तुअर, रेड ग्राम, व पिजन पी के नाम से जाना जाता है। अरहर का जन्म स्थान वैज्ञानिक भारत व दक्षिण अफ़्रीका मानते हैं। हम भारतवासियों के लिए यह बड़े गर्व की बात है। घर घर में प्रोटीन का मुख्य स्रोत के लिए मशहूर अरहर हमारे देश का पौधा है। महाराष्ट्र, उत्तर प्रदेश, गुजरात, मध्य प्रदेश, कर्नाटक एवं आन्ध्र प्रदेश देश के प्रमुख अरहर उत्पादक राज्य हैं।

अरहर की दाल (तुअर की दाल) में लगभग 20-21 प्रतिशत प्रोटीन पाया जाता है और इस प्रोटीन की पाचनशक्ति भी अन्य प्रोटीन की तुलना में बेहतर होती है। चूँकि दालें प्रोटीन का एक मजबूत स्रोत हैं, इसलिए इन्हें भारतीयों के आहार में शामिल किया जाता है।

अरहर की दाल में पाएं जाने वाले पोषक तत्व

प्रति 100 ग्राम अरहर की दाल में ऊर्जा - 343 किलो कैलोरी, कार्बोहाइड्रेट - 62.78 ग्राम, फाइबर - 15 ग्राम, प्रोटीन - 21.7 ग्राम, विटामिन जैसे; थियामिन (बी1) 0.643 मिलीग्राम, राइबोफ्लेविन (बी2) (16%) 0.187 मिलीग्राम, नियासिन (बी3) 2.965 मिलीग्राम और खनिज जैसे; इसमें कैल्शियम 130 मिलीग्राम, आयरन 5.23 मिलीग्राम, मैग्नीशियम 183 मिलीग्राम, मैंगनीज 1.791 मिलीग्राम, फास्फोरस 367 मिलीग्राम, पोटेशियम 1392 मिलीग्राम, सोडियम 17 मिलीग्राम, जिंक 2.76 मिलीग्राम आदि पोषक तत्व उपलब्ध होते हैं जो मानव स्वास्थ्य के लिए फायदेमंद होते हैं।

Frequently Asked Questions

Q1: अरहर किस मौसम में उगाया जाता है?

Ans:

अरहर की फसल गर्मी, बरसात और सर्दियों के मौसम, अप्रैल-ग्रीष्म, जून-खरीफ या बरसात, सितंबर-रबी या सर्दियों के मौसम में सफलतापूर्वक उगाई जाती है।

Q3: भारत में अरहर दाल की खेती कहाँ होती है?

Ans:

भारत के पास विश्व के उत्पादन और एकड़ का ¾ हिस्सा है। अरहर फसल महाराष्ट्र, आंध्र प्रदेश और गुजरात में बड़े पैमाने पर उगाई जाती है।

Q5: क्या अरहर दाल (तुअर दाल) स्वास्थ्य के लिए अच्छा है?

Ans:

विटामिन, खनिज और फाइबर के समृद्ध स्रोत के रूप में, छोले कई तरह के स्वास्थ्य लाभ प्रदान कर सकते हैं, जैसे पाचन में सुधार, वजन प्रबंधन में सहायता और कई बीमारियों के जोखिम को कम करना। इसके अतिरिक्त, छोले प्रोटीन में उच्च होते हैं और शाकाहारी भोजन के लिए एक उत्कृष्ट प्रतिस्थापन बनाते हैं।

Q2: अरहर की फसल क्या है?

Ans:

अरहर, एक खरीफ मौसम की फसल, जिसे आमतौर पर लाल चना, अरहर या अरहर के रूप में भी जाना जाता है। यह देश में चने और प्रमुख खरीफ फसल के बाद दूसरी महत्वपूर्ण दलहन फसल है। भारत दुनिया में 80% और 67% क्रमशः उत्पादन और उत्पादन के साथ दुनिया में क्षेत्रफल और उत्पादन में प्रथम स्थान पर है।

Q4: किस फसल को गरीबों का भोजन कहा जाता है?

Ans:

दालें गरीबों के भोजन के रूप में जानी जाती हैं क्योंकि वे पोषण से भरपूर और कम लागत वाली होती हैं। इसलिए, अधिकांश निम्न-आय वाली आबादी इस पौष्टिक फसल को अपने मुख्य भोजन के रूप में उपयोग कर सकती है।

Q6: अरहर की फसल के लिए कौन सी मिट्टी अधिक उपयुक्त हैं?

Ans:

यह फसल सभी प्रकार की मिट्टी में अच्छी तरह से उगती है लेकिन दोमट से बलुई दोमट मिट्टी उपयुक्त होती है। यह फसल मध्य-पहाड़ियों में ढीली भूमि में भी अच्छा करती है।