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Moong (मूंग)

Basic Info

भारत में मूंग ग्रीष्म एवं खरीफ दोनों मौसम की कम समय में पकने वाली एक मुख्य दलहनी फसल है। इसके दाने का प्रयोग मुख्य रूप से दाल के लिए किया जाता है, जिसमे 24-26% प्रोटीन, 55-60% काब्रोहाइड्रेट एवं 1.3% वसा होता है। दलहनी फसल होने के कारण इसकी जड़ो में गठानें पाई जाती है जो की वायुमंडलीय नत्रजन का मृदा में स्थिरीकरण (38-40कि.ग्रा. नत्रजन प्रति हैक्टेयर) एवं फसल की खेत से कटाई उपरांत जड़ो एवं पत्तियों के रूप में प्रति हैक्टेयर 1.5 टन जैविक पदार्थ भूमि में छोड़ा जाता हैं जिससे भूमि में जैविक कार्बन का अनुरक्षण होता है एवं मृदा की उर्वराशक्ति बढ़ाती हैं।

Frequently Asked Questions

Q1: क्या मूंग खरीफ की फसल है?

Ans:

चावल, मक्का, उड़द, मूंग दाल और बाजरा जैसी दालें खरीफ की प्रमुख फसलों में से हैं। जो उत्तर पश्चिमी मानसून के मौसम में बोए जाते हैं, जो अक्टूबर से शुरू होते हैं, उन्हें रबी या सर्दियों की फसल कहा जाता है। इन फसलों को सर्दियों की शुरुआत में बोया जाता है जो पूर्वोत्तर मानसून के साथ मेल खाता है।

Q3: किस मिट्टी में मूंग दाल उगती है?

Ans:

मूंग की दाल दोमट और लाल लेटराइट मिट्टी में विकसित होती है। उड़द की दाल आमतौर पर पृथ्वी की रेत में विकसित होती है। मसूर की दाल रेतीली मिट्टी वाले क्षेत्र में एक नियम के रूप में खोजी गई।

Q5: क्या मुंग दाल सेहत के लिए अच्छी होती है?

Ans:

मूंग की फलियाँ पोषक तत्वों और एंटीऑक्सीडेंट से भरपूर होती हैं, जो स्वास्थ्य लाभ प्रदान कर सकती हैं। वास्तव में, वे हीट स्ट्रोक से रक्षा कर सकते हैं, पाचन स्वास्थ्य में सहायता कर सकते हैं, वजन घटाने को बढ़ावा दे सकते हैं और "खराब" एलडीएल कोलेस्ट्रॉल, रक्तचाप और रक्त शर्करा के स्तर को कम कर सकते हैं।

Q2: मूंग भारत में कहां उगा है?

Ans:

मूंग की दाल भारत के विभिन्न हिस्सों जैसे आंध्रप्रदेश, पश्चिम बंगाल, अंडमान और निकोबार, गुजरात, झारखंड, कर्नाटक, महाराष्ट्र, ओडिशा, तमिलनाडु, यू.पी.।

Q4: हरे चने को उगने में कितना समय लगता है?

Ans:

हरे चने बुवाई के 60-90 दिनों के भीतर परिपक्व हो जाते हैं, जो पर्यावरणीय कारकों के साथ-साथ किस्म पर निर्भर करते हैं। कटाई तब की जानी चाहिए जब अधिकांश फली काली हो गई हो।

Q6: गर्मी में मूंग की खेती के लिए अनुकूल समय कौन सा हैं?

Ans:

ग्रीष्मकालीन मूंग की खेती के लिए अनुकूल समय मार्च से अप्रैल तक है। खरीफ की बुवाई के लिए पंक्ति में 30 सेमी और पौधे से पौधे की दूरी 10 सेमी का प्रयोग करें। रबी की बिजाई के लिए पंक्ति में 22.5 सेमी और पौधे से पौधे की दूरी 7 सेमी रखें। बीज को 4-6 सें.मी. की गहराई पर बोयें।