Sorghum (ज्वार)
Basic Info
भारत में बाजरा के बाद ज्वार मोटे अनाज वाली दूसरी महत्वपूर्ण फसल है। जिसका धान्य फसलों में चॉवल, गेहूं, मक्का और बाजरा के बाद पांचवा स्थान है। उच्च तापमान तथा सूखा सहनशीलता के कारण यह फसल अधिक तापमान और बारानी क्षेत्रों की कम उर्वरता वाली मिटटी में आसानी से उगायी जा रही है। गहरे जड तंत्र के कारण ज्वार मिटटी की निचली परतों से जल का अवशोषण कर लेता है, इस क्षमता के कारण इसको कम वर्षा वाले क्षेत्रों में आसानी से उगाया जा सकता है। ज्वार की फसल मुख्यत: महाराष्ट्र, कर्नाटक, मध्यप्रदेश, आन्ध्रप्रदेश, हरियाणा और राजस्थान में उगायी जाती है।
Frequently Asked Questions
Q1: भारत में सोरघम किसे कहा जाता है?
Ans:
सोरघम, (सोरघम बाइकलर), जिसे महान बाजरा, भारतीय बाजरा, मिलो, दुर्रा, ओरशेलु, ग्रास परिवार का अनाज अनाज का पौधा (पोएसी) और इसके खाद्य स्टार्च बीज कहा जाता है। भारत में सोरघम को पश्चिम अफ्रीका में ज्वार, चोलम या जोना के रूप में जाना जाता है, गिनी मकई के रूप में, और चीन में काओलियांग के रूप में।Q3: सोरघम की बीज दर क्या है?
Ans:
सोरघम या ज्वार की खेती में बीज दर और बुवाई प्रति हेक्टेयर 35-40 किलोग्राम बीज की दर पर्याप्त है और बुवाई 25 पंक्ति की @ पंक्ति-दर-पंक्ति दूरी से की जानी चाहिए।Q5: ज्वार कौन सी फसल होती है?
Ans:
ज्वार एक प्रमुख फसल है। ज्वार कम वर्षा वाले क्षेत्र में अनाज तथा चारा दोनों के लिए बोई जाती हैं। ज्वार जानवरों का महत्वपूर्ण एवं पौष्टिक चारा हैं। भारत में यह फसल लगभग सवा चार करोड़ एकड़ भूमि में बोई जाती है।
Q2: सोरघम को परिपक्व होने में कितना समय लगता है?
Ans:
आम तौर पर यह 15 से 20 दिनों के बाद मकई लगाने के बाद या 15 मई से जून के बीच शुरू होता है। जून की शुरुआत के बाद रोपण के रूप में अनाज की पैदावार कम हो जाती है। अधिकांश संकरों को परिपक्वता तक पहुंचने के लिए 90-120 दिनों की आवश्यकता होती है, इसलिए आपातकालीन फसल के रूप में देर से रोपण की सिफारिश नहीं की जाती है।Q4: भारत में ज्वार का सबसे बड़ा उत्पादक राज्य कौन सा है?
Ans:
भारत में तमिलनाडु ज्वार का सबसे बड़ा उत्पादक राज्य है।