पपीते की खेती और सीड की विशेषता बताते, सफल किसान
पपीते की खेती और सीड की विशेषता बताते, सफल किसान
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आज के आधुनिक कृषि विज्ञान का पहला शब्द है, विज्ञान यानि विपरीत ज्ञान, यह हमारे प्राचीन कृषि ज्ञान के आगे "वि" लगाकर बनाया गया विज्ञान, ज्ञान तो ज्ञान है अपने पूर्वजों से ज्ञात है, ज्ञान कभी अज्ञात नहीं हो सकता, पपीतों के अच्छे व स्वस्थ अंकुरण क्षमता हेतु बीज बनाने के लिऐ फलों को सुती कपडे से ढक कर पेडों पर ही परिपक्व करे, परिपक्व होने पर लकडी की चम्मच से बीज निकाल कर मिट्टी की थाली मे गाय के गोबर से बने सूखे कंडे की राख बिछा कर बीजों को फैलाये बीजों को अच्छे से राख मे लपेट देवे धुप मे बीजो को सुखाये, राख बीजों की नमी को सोख लेगी वहीं तेज धुप मे सुखाने पर बीजों की अंकुरण क्षमता प्रभावित नही होगी, बीज अति संवेदनशील जीवित प्रक्रिया है बीजों को जालीदार सुती कपडे की थैली मे ही रखे, अति ज्वलनशील थायरम से कभी बीजों को उपचारित ना करे।

देशी माटी देशी खाद, देशी बीज देशी स्वाद...

किसान - @राजकुमार राठौर, सिहोर, मध्यप्रदेश