प्रधानमंत्री कृषि सिंचाई योजना के तहत किसानों को सरकार दे रही 75 प्रतिशत तक की सब्सिडी
प्रधानमंत्री कृषि सिंचाई योजना के तहत किसानों को सरकार दे रही 75 प्रतिशत तक की सब्सिडी
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Pradhan Mantri Krishi Sinchai Yojana: भारत सरकार ने पानी की एक-एक बूंद की कीमत समझाते हुए प्रधानमंत्री कृषि सिंचाई योजना बनाई है, जिसका मकसद हर खेत में पानी पहुंचाना है। इसका ध्यान जल संसाधनों के इष्टतम उपयोग पर है ताकि बाढ़ और सूखे के कारण होने वाले नुकसान को रोका जा सके। ऐसा करने से उपलब्ध संसाधनों का कुशल उपयोग होगा और साथ ही किसानों को अधिक उपज प्राप्त होगी। आज के हालात में बिहार और झारखंड के किसानों को ऐसी और भी योजनाओं की जरूरत है।

पिछले कई दशकों से सरकार के तमाम प्रयासों के बावजूद, अधिकांश कृषि योग्य भूमि अभी भी बारिश पर निर्भर है। खराब मानसून के कारण फसल अच्छी नहीं होती है। ऐसी स्थिति में किसानों की कृषि आय कम हो जाती है। किसानों की स्थिति में बदलाव लाने के लिए सरकार ने कई बड़े फैसले लिए हैं। मानसून पर कृषि की निर्भरता को कम करने और हर खेत को पानी उपलब्ध कराने के लिए प्रधानमंत्री कृषि सिंचाई योजना लागू की गई है। प्रधानमंत्री कृषि सिंचाई योजना केंद्र और राज्य सरकारों द्वारा समन्वित एक योजना है। इसकी शुरुआत प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी ने 1 जुलाई 2015 को की थी। इस योजना के तहत अगले पांच साल के लिए 50 हजार करोड़ रुपये का बजट आवंटित किया गया है।

प्रधानमंत्री कृषि सिंचाई योजना भारत सरकार द्वारा चलाई जा रही है। योजना के तहत सरकार उन सिंचाई उपकरणों और योजनाओं पर भारी सब्सिडी दे रही है, जिनमें पानी, खर्च और श्रम की बचत होती है। योजनान्तर्गत विभिन्न फसलों में ड्रिप एवं स्प्रिंकलर सिंचाई प्रणाली को प्रभावी ढंग से अपनाने को प्रोत्साहित किया जा रहा है। इस सिंचाई पद्धति को अपनाकर 40-50 प्रतिशत पानी की बचत की जा सकती है साथ ही उत्पादन में 35-40 प्रतिशत की वृद्धि और उपज की गुणवत्ता में सुधार किया जा सकता है।

जानिए, सरकार ने 2022-23 के लिए किस फसल के कितने उत्पादन का लक्ष्य रखा है
भारत सरकार के संचालन दिशानिर्देश 2017 के अनुसार बागवानी, कृषि एवं गन्ना फसल में अधिक दूरी एवं कम दूरी वाली फसलों के 14 विभिन्न लेटरेल स्पेसिंग के आधार पर उपयुक्त फसलों में ड्रिप सिंचाई पद्धति को लगाकर उन्नतिशील उत्पादन एवं जल संचयन किया जा सकता है। छिड़काव (स्प्रिंकलर) सिंचाई मटर, गाजर, मूली, विभिन्न प्रकार की पत्तेदार सब्जियां, दालें, तिलहन फसलें। अन्य कृषि फसलें। औषधीय एवं सुगंधित फसलों में मिनी स्प्रिंकलर, माइक्रो स्प्रिंकलर, सेमी परमानेंट पोर्टेबल एवं लार्ज वैक्यूम स्प्रिंकलर (रेंगान) द्वारा सिंचाई प्रबंधन आसानी से किया जा सकता है।

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