चने की इस नई किस्म की कटाई हार्वेस्टर से कर पाएंगे किसान, जानिए वैज्ञानिकों के द्वारा विकसित चने की किस्म के बारे में
चने की इस नई किस्म की कटाई हार्वेस्टर से कर पाएंगे किसान, जानिए वैज्ञानिकों के द्वारा विकसित चने की किस्म के बारे में
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Gram Farming : वर्तमान समय में रबी की फसल की बुवाई चल रही है। वहीं, कई किसानों ने गेहूं, सरसों और जौ सहित अन्य फसलों की बुवाई की है। लेकिन कई किसान ऐसे हैं जो अभी तक अपनी पूरी जमीन पर रबी की फसल नहीं बो पाए हैं। ऐसे में इन किसानों के लिए अभी चना बोने का अच्छा मौका है। दरअसल, बाजार में चने की एक नई किस्म आ गई है। इस नई किस्म की खासियत यह है कि यह कम कीमत में बंपर पैदावार देती है। ऐसे में चना की इस नई किस्म की खेती कर किसान अधिक मुनाफा कमा सकते है।

चना एक प्रमुख दलहनी फसल है, जिसकी खेती रबी के मौसम में की जाती है। इसकी खेती उत्तर प्रदेश, कर्नाटक, मध्य प्रदेश, महाराष्ट्र, राजस्थान और बिहार में बड़े पैमाने पर की जाती है। चने के गुणों के कारण इसे दालों का राजा भी कहा जाता है। मध्य प्रदेश चना का प्रमुख उत्पादक राज्य है, जहां अक्टूबर-नवंबर के बीच चना बोया जाता है। इससे चने की बंपर पैदावार प्राप्त होती है। इस साल किसानों के लिए चना की खेती करना आसान हो जाएगा।

दरअसल वैज्ञानिकों ने चने की एक नई किस्म विकसित की है, जो पोषण के लिहाज से कहीं ज्यादा फायदेमंद होगी। साथ ही यह किसानों के लिए बड़ी आय का जरिया बनेगा। इस नए चने की खेती से किसानों का आधे से ज्यादा तनाव खत्म हो जाएगा, जहां चने की कटाई में कई दिन लग जाते थे. वहीं अब हार्वेस्टर से नई किस्म की कटाई की जा सकेगी। आइए जानते हैं चने की नई किस्म जवाहर चना 24 की विशेषताओं के बारे में।

जवाहर चना 24 (Jawahar Chana 24)
आमतौर पर चना की लंबाई सिर्फ 45 से 50 सेमी तक ही होती है, लेकिन जवाहर लाल नेहरू कृषि विश्वविद्यालय के वैज्ञानिकों ने चना की एक खास किस्म ​ईजाद की है। ये है जवाहर चना-24, जिसकी कटाई हार्वेस्टर से की जा सकेगी। इस मामले में पौध जनक और आनुवांशिक विभाग की प्रोफेसर एवं अखिल भारतीय चना समन्वित परियोजना ​जबलपुर की प्रभारी डॉ. अनिता बब्बर ने मीडिया रिपोर्ट्स के हवाले से बताया कि वो काफी लंबे समय से चने की इस नई किस्म पर काम कर रही हैं. सबसे बड़ी खासियत ये है कि चना की ये किस्म यांत्रिक कटाई के लिए भी अनुकूल है।
मीडिया रिपोर्ट्स के मुताबिक, जवाहर चना 24 की भूसी को हार्वेस्टर मशीन से भी काटा जा सकता है। ऐसे में अब किसानों को इसकी कटाई की टेंशन नहीं है। पहले जहां किसान चने की कटाई के लिए एक दिन का समय लेते थे। वहीं, अब इस नई किस्म के चने की कटाई हार्वेस्टर मशीन से कुछ ही घंटों में की जा सकती है। ऐसे में किसानों को मजदूरों पर होने वाले खर्च से भी राहत मिलेगी। साथ ही फसलों की बर्बादी भी कम होगी।

यह किस्म 110 से 115 दिनों में पककर तैयार हो जाती है 
वैज्ञानिकों का कहना है कि जवाहर चना 24 की कटाई हार्वेस्टर के जरिए भी की जा सकती है। अधिक लम्बाई के पौधे बीच में टूट जाते हैं। वहीं, इस पौधे की ऊंचाई करीब 65 सेंटीमीटर होती है। तक, जिसका घेटिया ऊपर बताए अनुसार पौधे में मौजूद है। जवाहर चना 24 का पौधा कम फैलता है। साथ ही यह किस्म 110 से 115 दिनों में पककर तैयार हो जाती है। इसकी औसत उपज 20 से 25 क्विंटल प्रति हेक्टेयर दर्ज की गई है। इस किस्म का दाना सामान्य किस्मों की तुलना में बड़ा, आकर्षक और भूरे रंग का होता है। इसके पौधे का तना भी मोटा, मजबूत और तेज हवाओं को सहन करने वाला होता है। इतना ही नहीं, यह किस्म सूखा, सड़न और उगटा रोग के प्रति भी बहुत सहिष्णु है।

इन राज्यों में हो सकती है बुवाई
चने की इस किस्म (Gram Variety) की बुवाई मध्य प्रदेश, महाराष्ट्र , राजस्थान , गुजरात, छत्तीसगढ़ और उत्तर प्रदेश के बुंदेलखंड क्षेत्र में रहने वाले किसान कर सकते है।