सोयाबीन की उत्पादकता में वृद्धि हेतु कार्य योजना, जानिए सोयाबीन की कटाई, गहाई और भण्डारण से जुड़ी जानकारी
सोयाबीन की उत्पादकता में वृद्धि हेतु कार्य योजना, जानिए सोयाबीन की कटाई, गहाई और भण्डारण से जुड़ी जानकारी
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Soybean Farming: सोयाबीन की उत्पादकता में वृद्धि हेतु कार्य योजना
  • गर्मी में गहरी जुताई करें जिससे कीट के शंकु सतह पर आकर तापमान से नष्ट हो जाएँ।
  • जहाँ तक संभव हो तम्बाकू इल्ली विरोधी किस्मों की बुवाई करें।
  • सिफारिशानुसार बीज दर (80 किलो प्रति हैक्टेयर) का प्रयोग करें एवं उचित पौध संख्या हेतु कतार से कतार की दूरी 30-45 सेमी. रखें।
  • स्किप रो बिजाई (प्रत्येक दस पंक्तियों के बाद एक पंक्ति खाली छोड़े, जिससे सिंचाई, दवा का छिड़काव व कीट सर्वेक्षण में सुविधा रहे) करें।
  • खेत एवं आस-पास की सफाई तथा खरपतवार का प्रबन्धन करें।
  • फसल चक्र में सोयाबीन के अलावा अन्य फसलें जैसे ज्वार, धान, अरहर, मक्का, मूंग, उड़द आदि का समावेश करें।
  • खड़ी फसल में यूरिया का छिड़काव नहीं करें।
  • बोने से पूर्व बीज की अंकुरण क्षमता जाँच लें।
  • बीज को पहले फफूंदनाशक दवा से तत्पश्चात कल्चर से उपचारित कर तुरन्त बो दें।
  • उर्वरकों का प्रयोग अवश्य करें उर्वरकों को बीज के साथ कभी न मिलायें।
  • बुवाई ठीक समय पर करें
  • उन्नत किस्मों का बीज काम लें।
  • खरपतवार नाशक दवा का प्रयोग अवश्य करें। 
  • बुवाई के समय फोरेट का प्रयोग करें।
  • फलियो का हरापन समाप्त होते ही तथा पत्तियों पीली पड़ते ही फसल काट लें।
  • फसल काटने के 2-3 दिन बाद थ्रेशर से धीमी गति पर गहाई करें। 
सोयाबीन की कटाई
सोयाबीन की फसल की कटाई पत्तियों के पीली पड़ते ही करनी चाहिये। काटी गई फसल को खलिहान में पहुँचाना आवश्यक है। देरी से कटाई करने पर फलियाँ चटकने से दाने झड़ने की संभावना बढ़ जाती है। कटाई के समय दानों में नमी 15-17 प्रतिशत तक रहनी चाहिये।

सोयाबीन की गहाई
चूंकि कटाई के समय नमी की मात्रा अधिक रहती है अतः खलिहान में भी फसल उलटते-पलटते फफूंद लग जायेगी जिससे बीज अंकुरण क्षमता कम हो जायेगी एवं दाना भी खराब हो जायेगा। फसल को 2-3 दिन सुखाकर थ्रेशर से धीमी गति (300-400 आर.पी.एम.) पर गहाई करें। गहाई के समय इस बात का ध्यान रखें कि बीज का छिलका न उतरे एवं बीज में दरार न पड़े। थ्रेशर की गति को कम करने के लिये बड़ी पुली लगाएं। बहुत अधिक सूखी फसल की गहाई से दाना अधिक टूटता है। 

सोयाबीन का भण्डारण
  • बीज का भण्डारण दानों को 3-4 दिन अच्छी तरह सुखाकर ही करें। भण्डारण बोरियों में करें एवं ठण्डे और हवादार स्थान पर रखें।
  • यदि फसल बीज के लिये तैयार की गई है तो उसकी गहाई प्रेशर से न करें वरना अंकुरण क्षमता प्रभावित हो सकती है।