कृषि में ड्रोन की बढ़ती भूमिका, ड्रोन के माध्यम से कीटनाशक व खरपतवारनाशक रसायनों का छिड़काव
कृषि में ड्रोन की बढ़ती भूमिका, ड्रोन के माध्यम से कीटनाशक व खरपतवारनाशक रसायनों का छिड़काव
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कीटनाशक व खरपतवारनाशक रसायनों का छिड़काव: ड्रोन का प्रयोग खेत में निश्चित मात्रा में कीटनाशकों के छिड़काव के लिये किया जा सकता है। इस प्रकार कीटनाशकों का छिड़काव पारंपरिक मशीनों की तुलना में लगभग पांच गुना तेजी से किया जा सकता है। इससे किसानों को कीटनाशक के संपर्क में आने से रोका जा सकता है। चीन ने ड्रोन का प्रयोग कीटनाशकों के छिड़काव के लिए आरंभ कर दिया है। हमारे देश में भी ड्रोन द्वारा कीटनाशकों के छिड़काव पर अनुसंधान बड़े व्यापक रूप में हो रहा है। भाकृअनुप द्वारा वित्तपोषित परियोजना में भारतीय कृषि अनुसंधान संस्थान, नई दिल्ली के कृषि अभियांत्रिकी संभाग में इस तरह का अनुसंधान चल रहा है।

विकसित कीटनाशक छिड़कावक ड्रोन चार कि.ग्रा. का वजन उठाने की क्षमता रखता है। इसकी उड़ान क्षमता 10 मिनट की है। है। यह एक उड़ान में लगभग 0.07 हैक्टर के क्षेत्र में छिड़काव कर सकता है।

इन फसलों के लिए अति उपयोगी है ड्रोन 
ड्रोन कृषि प्रबंधन के संचालन के लिए पारंपरिक हवाई वाहनों की अपेक्षा, उच्च परिशुद्धता और कम ऊंचाई की उड़ान भरकर छोटे आकार के खेतों में कार्य करने की क्षमता रखता है। ड्रोन, खेतों के हालात जानने के लिए डाटा एकत्रण और उनका विश्लेषण करने व ऐसे कार्यों में विभिन्न अवयवों व घटकों के उचित और सटीक रूप से प्रबंधन में सहायक सिद्ध हो सकता है। ऐसी परिस्थितियां जहां परंपरागत मशीनों का उपयोग करना चुनौतीपूर्ण है, उदाहरण के लिए गीले धान का खेत, गन्ना, मक्का व कपास की फसल, नारियल और चाय बागान, बागवानी इत्यादि में ड्रोन की उपयोगिता बहुत महत्वपूर्ण व उपयोगी है। टेक्नोलॉजी के विकास के साथ-साथ, ड्रोन के कल-पुर्जे सस्ते और दक्षपूर्ण होंगे। इनसे लंबे अंतराल के लिए हवा में सस्ती उड़ान भरी जा सकेगी। इनका उपयोग कृषि प्रबंधन में आर्थिक रूप से भी फायदेमंद होगा। कृषि कार्यों में मशक्कत और इसे कम आमदनी का जरिया मानकर युवा पीढ़ी का खेती से मोह भंग हो रहा है। ये अच्छी सुख-सुविधाओं और ऊंची पगार की नौकरियों के लिए शहरों की ओर विस्थापित हो रहे हैं।

ड्रोन की भविष्य में अति आवश्यकता
ड्रोन नई तकनीकी से परिपूर्ण होने के कारण युवा पीढ़ी को अवश्य ही आकर्षित करेगा और खेती की तरफ कदम बढ़ाने के लिये प्रोत्साहित करेगा। इसकी भविष्य में अति आवश्यकता है। इस तरह बहुआयामी क्षमताओं से परिपूर्ण ड्रोन कृषि उत्पादन में प्रबंधन के लिए बहुपयोगी और लाभप्रद साबित होगा। ड्रोन पर भारत के साथ-साथ कई अन्य देशों में गहन अनुसंधान लगातार जारी है। इसको कृषि के विभिन्न कार्यों में दक्षता व सरलता से प्रयोग में लाया जा सकेगा। वह दिन दूर नहीं जब ड्रोन का रिमोट किसान के हाथ में होगा और मोबाइल की तरह इसे अपने जीवन में तेजी से अपनाकर इससे भरपूर फायदे के लिए खेतों पर चलाते हुए नजर आयेंगे।

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