चमत्कारी फल है सी-बकथॉर्न, जानिए इसके उपयोग और औषधीय लाभ के बारे में
चमत्कारी फल है सी-बकथॉर्न, जानिए इसके उपयोग और औषधीय लाभ के बारे में
Android-app-on-Google-Play

Sea-buckthorn : सी-बकथॉर्न एक चमत्कारी, अमृत तुल्य आयुर्वेदिक फल है। यह एक झाड़ी होती है जो नारंगी-पीले रंग के खाने योग्य बेरों का उत्पादन करती है। यह बहुत ऊंचाई पर उत्पन्न होने वाला एक पादप है। इसे हिमालयन बेरो भी कहते हैं। औषधि बनाने के लिए इसकी पत्तियों, फूलों और फलों का उपयोग किया जाता है। यह पौधा मुख्य रूप से हिमाचल प्रदेश और उत्तराखंड के ऊंचाई वाले पहाड़ी इलाकों में पाया जाता है। सो बकथॉनं बेरी को वंडर बेरी, लेह बेरी और लाख गोल्ड के नाम से भी जाना जाता है। इस फल में ऐसे पोषक तत्व पाए जाते हैं जो बाकी फलों और सब्जियों में नहीं मिलते हैं। इसमें प्रो- विटामिन जैसे ए, बी-2 और सी के अलावा ओमेगा ऑयल भी होता है। यह फल 43 डिग्री तापमान से लेकर +40 डिग्री के तापमान पर विकास कर लेता है। इसी अनोखे गुण से हम इसे ठंडे रेगिस्तान का फल कहते हैं। यह पर्यावरण में नाइट्रोजन गैस सन्तुलन को स्थिर रखता है और पहाड़ी क्षेत्र में भूमि क्षरण को रोकता है।

सी -बकथॉन एक ऐसा आयुर्वेदिक फल है जिसमें हमारे शरीर की हर जरूरी पोषक तत्व की भरपूर मात्रा होती है; जैसे कि ओमेगा फैटी एसिड 3, 6, 7 और 9 आदि इसमें पर्याप्त मात्रा में एंटीऑक्सीडेंट्स पाया जाता है। इसके अलावा इसमें विटामिन - सी, ई, अमीनो अम्ल, लिपिड, बीटा कैरोटीन, लाइकोपिन के अलावा प्रो-विटामिन, खनिज और बॉयोलॉजिकल एक्टिव तत्व पाए जाते हैं। यह इम्यून सिस्टम को मजबूत बनाने के लिए एक उत्तम फल है। 

डीआरडीओ भी कर रहा है शोध
वर्ष 2010 में पर्यावरण मंत्रालय और डिफेंस रिसर्च एंड डेवलपमेंट ऑर्गनाइजेशन (डीआरडीओ) ने एक विशाल राष्ट्रीय पहल की शुरुआत की थी। हिमाचल प्रदेश के स्पीति गांव के लोग भारी बर्फबारी की वजह से पूरे छह माह तक बाहरी दुनिया से कटे रहते हैं। ऐसे में उन्हें एक ऐसे विकल्प की तलाश थी जो उन्हें मुश्किल समय के साथ नियमित तौर पर रोजगार मुहैया करवाता रहे। शोध संस्थानों द्वारा एक ऐसी पद्धति की खोज की गई है जिसके द्वारा एसिडिक एसिड की सबसे ज्यादा मात्रा वाले इस फल का जूस तैयार किया गया। इस फल का जूस सियाचिन या द्रास या फिर कारगिल जैसे इलाकों में जमता नहीं है। इस पेटेंट टेक्नोलॉजी को सहायता ग्रुप, कुछ एनजीओ और स्थानीय उद्यमियों को ट्रांसफर किया गया।
इसके बाद कुछ और उत्पाद जैसे- हर्बल टी, एंटी-ऑक्सीडेंट सप्लीमेंट, सीप्रिकॉट जूस, जैम, जैली, सी-बकथोर्न ऑयल सॉफ्ट जैल कैप्सूल, यूवी प्रोटेक्टिव ऑयल, बेकरी प्रॉडक्ट्स और जानवरों का चारा तैयार किया गया।

सी-बकथॉर्न का उपयोग
  • सी-बकथॉर्न ड्राई बेरीज
  • सी-बकथॉर्न एक्स्ट्रेक्ट सॉफ्ट जैल, कैप्सूल
  • सी-बकथॉर्न इम्यूनिटी बूस्टर जूस
  • सी-बकथॉर्न ब्यूटी केयर प्रॉडक्टस
  • सी-बकथॉर्न का ऑयल लिक्विड एक्स्ट्रेक्ट
  • एनर्जी ड्रिंक
  • सीप्रिकॉट जूस
  • जैम, जैली
                    सी-बकथॉर्न ड्राई बेरीज

                            सी-बकथॉर्न जैम

सी- बकथॉर्न के औषधीय लाभ
  • सी- बकथॉर्न की चाय में विटामिन डी, एंटीऑक्सीडेंट, प्रोटीन, अमीनो अम्ल, फैटी एसिड और मिनरल्स आदि पोषक तत्व होते हैं और यह ब्लड प्रेशर के मरीजों के लिए फायदेमंद होती है। यह चाय ब्लड कॉलेस्ट्रॉल कम करती है और इम्यूनिटी को बढ़ाने के लिए बहुत फायदेमंद है।
  • इसका सेवन करने से यह शरीर की वृद्धि, विकास और शरीर को स्वस्थ रहता है।
  • अन्य कोशिकीय संरचनाओं के लिए निर्माण ब्लॉक के रूप में काम करता है।
  • ठंडे शरीर में इंसुलेशन देता है।
  • सी-बकथॉन की पत्तियों और फूलों का उपयोग गठिया, गाउट, स्किन समस्या, गैस्ट्रोइंटेस्टाइनल अल्सर जैसी बीमारियों के उपचार में किया जाता है।
  • यह एथलीट को बेहतर प्रदर्शन में भी मदद करता है। एथलीटों की सहनशक्ति बढ़ाने के साथ-साथ प्रतियोगिता के बाद उन्हें दोबारा स्वस्थ रखता है।
  • शोधकर्ताओं के अनुसार, इसमें मौजूद फॉस्फेटिडाइलेसेरिन (पीएस) शरीर के ऊतकों को टूटने से बचाता है। 
  • मानसिक तनाव को दूर करता है।
  • कैंसर में फायदेमंद।
  • डायबिटीज में लाभप्रद ।
  • मांसपेशियों को मजबूत बनाता है।
  • थायरॉइड को कंट्रोल करता है।
  • लीवर को हृष्टपुष्ट रखता है। 
  • इसमें पाया जाने वाला एंटीऑक्सीडेंट ब्रेन ट्यूमर के विकास को रोकता है।
  • रेडियोप्रोटेक्टिव गुण होने के कारण शरीर को विकिरण से बचाता है।
  • रोग प्रतिरोधक क्षमता बढ़ाता है। 
  • वजन नियंत्रण करने में सहायक।
  • बाल, नाखून और स्किन को स्वस्थ रखता है। 
  • आंखों को स्वस्थ रखता है। 
  • एल्जाइमर से निजात दिलाने में मददगार है।
  • सिरोसिस, एक्जिमा, झाइयां और मुहांसों में भी फायदेमंद है।
स्त्रोत :- ICAR फल-फूल। 
लेखक :- कुलदीप कुमार शुक्ला, सम्पूर्णा नन्द सिंह लवकुश पाण्डेय, जितेन्द्र कुमार शुक्ला और कुलदीप