किसान वर्मीकम्पोस्ट के व्यवसाय से कमा सकता है अच्छा मुनाफा, जानिए व्यवसाय से जुड़ी जानकारी
किसान वर्मीकम्पोस्ट के व्यवसाय से कमा सकता है अच्छा मुनाफा, जानिए व्यवसाय से जुड़ी जानकारी
Android-app-on-Google-Play

Vermi Compost Business: वर्तमान समय में देश के ग्रामीण इलाकों में नए व्यवसाय की अपार संभावनाएं विकसित हो रही है। किसानों को आर्थिक रूप से सशक्त बनाने के लिए सरकार नए-नए व्यवसायों को भी बढ़ावा दे रही है। इस बीच गांवों में वर्मीकम्पोस्ट का कारोबार फलने-फूलने लगा है। वर्मी कम्पोस्ट व्यवसाय एक कम लागत वाला, अच्छा लाभदायक व्यवसाय है, महिलाएं, युवा, किसान, पशुपालन और उद्यमी आसानी से कम लागत और कम जगह में शुरू करके इस व्यवसाय को रोजगार और आय का एक अच्छा स्रोत बना सकते हैं। सरकार जैविक खेती को बढ़ावा देने के लिए कई तरह की योजनाएं चला रही है, जिसमें किसानों को जैविक खेती करने पर सब्सिडी भी दी जाती है। पशुपालक व किसान वर्मीकम्पोस्ट बनाकर जरूरतमंद किसानों को अच्छे दामों पर बेचकर अच्छा मुनाफा कमा रहे हैं।

किसान कैसे अधिक मुनाफा कमा सकता है केंचुए की खाद बनाकर
अगर आप वर्मी कम्पोस्ट का बिजनेस शुरू करना चाहते हैं तो सबसे पहले आपको जमीन की जरूरत है चाहे जमीन कोई भी हो यानी जमीन उपजाऊ हो या बंजर इससे कोई फर्क नहीं पड़ता। अगर आपके पास खुद की जमीन नहीं है तो आप लीज पर जमीन लेकर इस बिजनेस को शुरू कर सकते हैं। भूमि का चयन करते समय इस बात का ध्यान रखना चाहिए कि भूमि के पास पानी की अच्छी व्यवस्था हो। वर्मी कम्पोस्ट तैयार करने के लिए समय-समय पर सिंचाई की आवश्यकता होती है।
आपको बता दें कि वर्मीकम्पोस्ट बनाने के लिए ऐसी जगह का चुनाव करें जहां सूर्य की सीधी किरणें न पड़े और जहां छाँव रहे। यह स्थान गीला और नरम होना चाहिए। ध्यान रहे कि जिस स्थान पर केंचुए का उत्पादन किया जा रहा हों उस स्थान पर सूर्य की किरणें सीधे न पड़ें। सबसे पहले मिट्टी की मोटी परत के ऊपर पानी छिड़क कर मिट्टी को 50 से 60 प्रतिशत नम कर लें। फिर इसे 1000 केंचुए प्रति वर्ग मीटर की दर से मिट्टी में छोड़ दें। इसके बाद थोड़ी-थोड़ी दूरी पर 8 से 10 स्थानों पर मिट्टी की मोटी परत पर गाय का गोबर या गोबर के कंडे डालें और फिर उस पर सूखे पत्ते, घास या तिनके की 3 से 4 इंच मोटी परत बिछा दें।
30 दिनों के बाद बेड के ऊपर ढके हुए बोरे, खजूर या नारियल के पत्तों को हटा दिया जाता है और 60:40 के अनुपात में वानस्पतिक कचरे को या सूखे वानस्पतिक पदार्थों के साथ मिलाकर दो से तीन इंच मोटी परत बिछा दी जाती है। इसके ऊपर गाय के गोबर की 8 से 10 छोटी-छोटी ढेरियां रख दी जाती हैं। गड्ढा भरने के 45 दिन बाद केंचुआ खाद तैयार हो जाती है। अब आप इस खाद को किसानों को बेचकर अच्छा मुनाफा कमा सकते हैं। विशेषज्ञों के अनुसार रासायनिक खाद की तुलना में वर्मीकम्पोस्ट के प्रयोग से खेती में लागत कम आती है और उपज भी बढ़ती है।

किसानों से कर रही है गोबर और गोमूत्र की खरीदी राज्य सरकारें
बता दें कि कई राज्य सरकारों ने भी किसानों से गोबर खरीदना शुरू कर दिया है। इसका इस्तेमाल ईंधन और वर्मीकम्पोस्ट बनाने में करते हैं। इसके बदले में वह किसानों को अच्छा पैसा भी देता है। इनके अलावा सरकार किसानों से गोमूत्र भी खरीद रही है। वे इसका इस्तेमाल फसलों के लिए जैविक कीटनाशक बनाने में करते हैं।