पशु पोषण के लिए संकर हाथी घास की उन्नत खेती, जानिए इसकी खेती के तौर तरीकों के बारे में
पशु पोषण के लिए संकर हाथी घास की उन्नत खेती, जानिए इसकी खेती के तौर तरीकों के बारे में
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Napier Grass Farming: संकर हाथी घास अर्थात नेपियर एक बीज पत्रीय तथा बहुवर्षीय चारा प्रदान करने वाली घास है। यह सुपाचक होती है। इसका चारा गुणवत्तापूर्ण होता है। इसकी जड़ों को एक बार रोपण करके, उचित प्रबंधन के द्वारा इस घास से कई वर्षों तक हरा चारा प्राप्त किया जा सकता है। इस घास से बाजरे जैसा पौष्टिक एवं रसीला चारा प्राप्त होता है। इसके साथ ही यह नेपियर की तरह अधिक कल्ले उत्पादन में सक्षम होने के कारण एक महत्वपूर्ण चारा घास है। अपने इन्हीं गुणों के कारण यह घास किसानों के बीच काफी लोकप्रिय होती जा रही है। 

भूमि एवं उसकी तैयारी
संकर हाथी घास शीघ्र बढ़ती है तथा अधिक उत्पादन देती है। यह भूमि से काफी मात्रा में पोषक तत्व अवशोषित करती है। इसीलिए इसके लिए उचित जल निकास, अच्छी उर्वरता वाली दोमट भूमि उपयुक्त होती है। इस घास से एक बार रोपण करके 7-8 वर्षों तक हरा चारा प्राप्त किया जा सकता है। इसके लिए एक जुताई मृदा पलट हल से तथा उसके बाद दो तीन जुताइयां हैरो कल्टीवेटर से करके भूमि तैयार कर लेनी चाहिए। इस घास के स्थापित होने के बाद प्रतिवर्ष फावड़े से गुड़ाई करते रहना चाहिए, जिससे इसमें खरपतवारों पर नियंत्रण पाया जा सके।

खाद एवं उर्वरक
वैसे तो उर्वरकों का प्रयोग मृदा की जांच करवाने के बाद ही करना चाहिए। परंतु सामान्यतः सड़ी हुई 20-25 टन गोबर की खाद का प्रयोग रोपण से एक माह पूर्व करना चाहिए। रोपाई के समय 60-70 कि.ग्रा. नाइट्रोजन, 50 कि.ग्रा. फॉस्फोरस तथा 40-50 कि.ग्रा. पोटाश का प्रयोग करना चाहिए। इसके पश्चात प्रत्येक कटाई के बाद 30-40 कि.ग्रा. नाइट्रोजन का प्रयोग प्रति हैक्टर की दर से करना चाहिए।

उन्नत प्रजातियां
आईजीएफआरआई 3 6. 7 एवं 10, एनवी-21, सीओ 1 2 3 यशंवत इत्यादि उन्नत प्रजातियां हैं।

रोपाई का समय
संकर हाथी घास का बीज, अंकुरण क्षमता में सक्षम नहीं होता है। इसकी रोपाई जड़दार कल्लों द्वारा की जाती है। इसकी रोपाई का उपयुक्त समय फरवरी के अंत से लेकर जुलाई-अगस्त तक रहता है, परंतु पानी की पूर्ण व्यवस्था होनी चाहिए। यदि सिंचाई के साधन नहीं हैं तो इसकी रोपाई वर्षा प्रारंभ होने के बाद ही करनी चाहिए। रोपण के लिए जड़युक्त कल्ले 100x50 सें.मी. की दूरी पर प्रयुक्त किये जाते हैं। इस तरह एक हैक्टर के लिए 20,000 टुकड़ों की आवश्यकता पड़ती है। 

सिंचाई
यदि रोपाई फरवरी में की गयी हो तो रोपाई के तुरंत बाद एक सिंचाई तथा उसके 10 दिनों बाद दूसरी सिंचाई करनी चाहिए। गर्मी के दिनों में 10-12 दिनों के अंतराल पर सिंचाई करनी चाहिए। प्रत्येक कटाई के बाद फसल में सिंचाई अवश्य करनी चाहिए। 

निराई-गुड़ाई
रोपाई के बाद खरपतवार नियंत्रण के लिए एक-दो गुड़ाई करनी चाहिए अथवा एट्राजीन 3-4 कि.ग्रा. प्रति हैक्टर की दर से 600-800 लीटर पानी में घोलकर प्रयोग किया जा सकता है। लगातार कटाई करने से धीरे-धीरे शुष्क कल्लों की संख्या बढ़ने लगती है। 

कटाई
संकर नेपियर घास की पहली कटाई 60 दिनों बाद तत्पश्चात प्रत्येक कटाई 40-40 दिनों बाद करनी चाहिए। अधिक उपज प्राप्त करने हेतु कल्लों को जमीन से 10-15 सें.मी. ऊपर से काटना चाहिए। पूरे वर्ष में इस घास की 6-8 कटाई की जा सकती है।

उपरोक्त विधि से संकर हाथी घास से अधिकतम हरा चारा प्राप्त किया जा सकता है। चारे के साथ-साथ इन्हीं पौधों से जड़ें निकालकर किसान या तो किसी दूसरे खेत में घास रोपित कर सकते हैं या फिर इन्हीं जड़ों को दूसरे किसानों को बेच भी सकते हैं और अतिरिक्त मुद्रा अर्जित कर सकते हैं।