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आने वाले दिनों में मौसम के हाल को देखते हुए कृषि वैज्ञानिकों जारी की एडवाइजरी
आने वाले दिनों में मौसम के हाल को देखते हुए कृषि वैज्ञानिकों जारी की एडवाइजरी

कृषि वैज्ञानिकों के अनुसार किसानों को निम्न कृषि कार्य करने की सलाह दी जाती है।

  • आने वाले पांच दिनों में लू (गर्म हवा) की संभावना को ध्यान में रखते हुए सब्जियों, सब्जियों की नर्सरी, जायद फसलों तथा फलों के बगीचों में हल्की सिंचाई नियमित अंतराल पर करें। नर्सरी व वृक्षों को लू से बचाने हेतू अवरोधकों के उपयोग की सलाह दी जाती है।
  • रबी फसल की कटाई के बाद खाली खेतो की गहरी जुताई कर जमीन को खुला छोड़ दें ताकि सूर्य की तेज धूप से गर्म होने के कारण इसमें छिपे कीडो के अण्ड़े तथा घास के बीज नष्ट हो जायेंगे।
  • अनाज को भंडारण में रखने से पहले भंडारघर की सफाई करें तथा अनाज को सुखा लें। दानों में नमी 12 प्रतिशत से ज्यादा नही होनी चाहिए। भंडारघर को अच्छे से साफ कर लें। छत या दीवारों पर यदि दरारें है तो इन्हे भरकर ठीक कर लें। बोरियों को 5 प्रतिशत नीम तेल के घोल से उपचारित करें। बोरियों को धूप में सुखाकर रखें। जिससे कीटों के अंडे तथा लार्वा तथा अन्य बीमारियाँ आदि नष्ट हो ज
  • ग्रीष्मकाल हरी खाद के लिए सनई, ढैंचा की बुवाई कर सकते हैं। सनई की बीज दर 60-70 और ढैंचा की 50-60 कि.ग्रा. प्रति हैक्टर है। अच्छे अंकुरण के लिए खेत में पर्याप्त नमी होनी आवश्यक है।
  • ग्वार, मक्का, बाजरा आदि चारा फसलों की बुवाई इस सप्ताह कर सकते हैं। बुवाई के समय खेत में पर्याप्त नमी होनी आवश्यक है। बीजों को 3-4 से.मी. गहराई पर डाले और पंक्ति से पंक्ति की दूरी 25-30 से.मी. रखें।
  • किसान अरहर और कपास की बुवाई के लिए खेतों को तैयार करें तथा बीज किसी प्रमाणित स्रोत से ही खरीदें।
  • तापमान अधिक रहने की संभावना को देखते हुए, किसान तैयार सब्जियों की तुड़ाई सुबह या शाम को करें तथा इसके बाद इसे छायादार स्थान में रखें।
  • इस मौसम में बेलवाली फसलों व सब्जियों में न्युनतम नमी बनाएं रखें अन्यथा मृदा में कम नमी होने से परागण पर असर हो सकता है जिससे फसल उत्पादन में कमी आ सकती है। इस मौसम में सब्जियों की फसल में हल्की सिंचाई कम अंतराल पर करें।
  • भिंडी की फसल में तुड़ाई के बाद युरिया @ 5-10 कि.ग्रा. प्रति एकड़ की दर से डाले तथा माईट कीट की निरंतर निगरानी करते रहें। अधिक कीट पाये जाने पर ईथियाँन @1.5-2 मि.ली./लीटर पानी की दर से छिड़काव करें। इस मौसम में भिंडी की फसल में हल्की सिंचाई कम अंतराल पर करें।
  • बैंगन तथा टमाटर की फसल को प्ररोह एवं फल छेदक कीट से बचाव हेतु ग्रसित फलों तथा प्रोरहों को इकट्ठा कर नष्ट कर दें। यदि कीट की संख्या अधिक हो तो स्पिनोसेड़ कीटनाशी 48 ई.सी. @ 1 मि.ली./4 लीटर पानी की दर से छिड़काव करें।