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मौसम पर आधारित कृषि सम्बंधी सलाह, जानिए कृषि वैज्ञानिकों के अनुसार किसानों को निम्न कृषि कार्य करने की सलाह
मौसम पर आधारित कृषि सम्बंधी सलाह, जानिए कृषि वैज्ञानिकों के अनुसार किसानों को निम्न कृषि कार्य करने की सलाह

कोरोना (कोविड़-19) के गंभीर फैलाव को देखते हुए किसानों को सलाह है कि तैयार सब्जियों की तुड़ाई तथा अन्य कृषि कार्यों के दौरान भारत सरकार द्वारा दिये गये दिशा निर्देशों, व्यक्तिगत स्वच्छता, मास्क का उपयोग, साबुन से उचित अंतराल पर हाथ धोना तथा एक दूसरे से सामाजिक दूरी बनाये रखने पर विशेष ध्यान दें।

विशेष सलाह
प्रयाप्त नमी तथा तेज हवा को देखते हूए किसानों को सलाह है कि वे सभी फसलों व सब्जियों में सिंचाई कुछ दिनों तक न करें, क्योंकि फसलों में अभी प्रयाप्त नमी है।

गेहूँ की फसल में रतुआ रोग की निगरानी करें 
मौसम को ध्यान में रखते हुए गेहूँ की फसल में रोगों, विशेषकर रतुआ की निगरानी करते रहें। काला, भूरा रतुआ आने पर फसल में डाइथेन एम-45 @ 5 ग्राम या कार्बनडीज़्म @ 1.0 ग्राम अथवा प्रोपिकोनेजोल @ 1.0 ग्राम/लीटर पानी में मिलाकर छिड़काव करें।

चने की फसल में फली छेदक कीट की निगरानी करें 
चने की फसल में फली छेदक कीट की निगरानी हेतु फीरोमोन प्रपंश @ 3-4 प्रपंश प्रति एकड़ उन खेतों में लगाएं जहां पौधों में 30-40% फूल खिल गये हों। “T” अक्षर आकार के पक्षी बसेरा खेत के विभिन्न जगहों पर लगाए।

सब्जी फसलों में चेपा के आक्रमण की निगरानी करें
तापमान तथा आर्द्रता को ध्यान में रखते हुए किसान सब्जी फसलों में चेपा के आक्रमण की निगरानी करें। यदि कीटों क़ी सख्याँ अधिक हो तो नियंत्रण के लिए सब्जियों में इमिडाक्लोप्रिड @ 0.25-0.5 मि.ली./ लीटर पानी की दर से सब्जियों की तुडाई के बाद छिडकाव करें। सब्जियों की फसलों पर छिड़काव के बाद एक सप्ताह तक तुड़ाई न करें। बीज वाली सब्जियों पर चेपा के आक्रमण पर विशेष ध्यान दें।

मूंग और उड़द की बुवाई हेतु किसान उन्नत बीजों की बुवाई प्रारम्भ करें
मूंग और उड़द की फसलों की मार्च में बुवाई हेतु किसान उन्नत बीजों की बुवाई प्रारम्भ करें। मूंग– पूसा विशाल, पूसा 9531, पी.डी एम-11, एस एम एल-668; उड़द– पंत उड़द-19, पंत उड़द-30, पंत उड़द-35, पी डी यू-1। बुवाई से पूर्व बीजों को फसल विशेष राईजोबीयम तथा फास्फोरस सोलूबलाईजिंग बेक्टीरिया (PSB) से अवश्य उपचारित करें।

भिंडी की बुवाई हेतु उन्नत किस्मों का करें चयन
इस सप्ताह तापमान बढ़ने की संभावना को देखते हुए किसानों को सलाह है कि भिंडी की बुवाई हेतु ए-4, परबनी क्रांति, हिसार उन्नत, पंजाब पदमनी, अर्का अनामिका आदि किस्मों की बुवाई हेतु खेतों में गोबर की सड़ी खाद डालकर पलेवा कर तैयार करें। बीज की मात्रा 8-10 कि.ग्रा./एकड़ की व्यवस्था करें।

सब्जियों की खेती के लिए विशेष सलाह
फ्रेंच बीन (कंटेन्डर) सब्जी लोबिया (पूसा सुकोमल) इत्यादि की सीधी बुवाई हेतु वर्तमान तापमान अनुकूल है क्योंकि बीजों के अंकुरण के लिए यह तापमान उपयुक्त हैं। किसान उन्नत बीजों को किसी प्रमाणित स्रोत से ही प्राप्त करें।

मौसम को ध्यान में रखते हुए किसान टमाटर, मिर्च की रोपाई समतल क्यारियों पर कर सकते हैं। तथा कद्दूवर्गीय सब्जियों के तैयार पौधों की रोपाई नाली की मैडो के मध्य पर करें।

प्याज की फसल में थ्रिप्स कीट की करें रोकथाम 
इस मौसम में प्याज की समय से बोयी गई फसल में थ्रिप्स के आक्रमण की निरंतर निगरानी करते रहें। कीट के पाये जाने पर इमिडाक्लोप्रिड @ 0.5 मिली./ ली. पानी किसी चिपकने वाले पदार्थ जैसे टीपोल आदि (1.0 ग्रा. प्रति एक लीटर घोल) में मिलाकर छिड़काव करें।

टमाटर के फलों को फली छेदक कीट से बचाव 
टमाटर के फलों को फली छेदक कीट से बचाव हेतु किसान खेत में पक्षी बसेरा लगाए। वे कीट से नष्ट फलों को इकट्ठा कर जमीन में दबा दें। साथ ही फल छेदक कीट की निगरानी हेतु फिरोमोन प्रपंश @ 2-3 प्रपंश प्रति एकड़ की दर से लगाएं तथा ल्योर को 15 दिनो बाद बदल देवे।

बैंगन की फसल को प्ररोह एवं फल छेदक कीट से बचाव
बैंगन की फसल को प्ररोह एवं फल छेदक कीट से बचाव हेतु ग्रसित फलों तथा प्रोरहों को इकट्ठा कर नष्ट कर दें। यदि कीट की संख्या अधिक हो तो स्पिनोसेड कीटनाशी 48 ई.सी. @ 1 मि.ली./ 4 लीटर पानी की दर से छिडकाव करें।
मौसम को ध्यान मे रखते हुए किसानों को सलाह है कि गेंदे की तैयार पौध की रोपाई करें तथा ग्रीष्मऋतु के लिये पौध (नर्सरी) तैयार करें।

बेबी कॉर्न की उन्नत किस्म
इस तापमान में मक्का चारे के लिए (प्रजाति– अफरीकन टाल) तथा लोबिया की बुवाई की जा सकती है। बेबी कार्न की एच एम-4 किस्म की भी बुवाई शृरू कर सकते हैं।

आम के बगीचों में करें कीट की निगरानी
आम के बगीचो में यदि गुच्छा रोग दिखाई दे तो पुष्प गुच्छ को काट कर नष्ट कर देवे एवं फुदका कीट की निगरानी करें।