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गेहूं के खरपतवारों पर नियंत्रण

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गेहूं के खरपतवारों पर नियंत्रण
गेहूं के खरपतवारों पर नियंत्रण

गेहूं की फसल में प्रमुख खरपतवार जैसे गेहूं का मामा, कृष्णनील, मेधा, बथुआ, चटरी मटरी, हिरनखुरी, सैंजी, अंकरी, अंकरा, जंगली जई, जंगली पालक, जंगली गाजर आदि हैं। फसलों में सर्वाधिक नुकसान खरपतवारों द्वारा होता है। इसलिए खरपतवारों का समय से नियंत्रण बहुत ही आवश्यक है। सामान्यतः खरपतवार फसलों को प्राप्त होने वाली 47 प्रतिशत नाइट्रोजन 42 प्रतिशत फॉस्फोरस, 50 प्रतिशत पोटाश 24 प्रतिशत मैग्नीशियम एवं 39 प्रतिशत कैल्शियम तक का उपयोग कर लेते हैं संकरी एवं चौड़ी पत्ती वाले खरपतवारों के नियंत्रण के लिये सल्फोसल्फ्यूरॉन 75 डब्ल्यू.पी. की 33.0 ग्राम या टाइसोप्रोट्रॉन + मैटसल्फ्यूरॉन मिथाइल 75 डब्ल्यू.पी. + 20 डब्ल्यू.पी. की 1.0-1.3 कि.ग्रा. 20 ग्राम या सल्फोसल्फ्यूरॉन 25 प्रतिशत मैटसल्फ्यूरॉन मिथाइल 5 प्रतिशत + की 40 ग्राम या क्लोडिनाफॉप 15 प्रतिशत + मैटसल्फ्यूरॉन मिथाइल 1 प्रतिशत वेस्टा 15 डब्ल्यू.पी. की मात्रा 600-800 लीटर पानी में घोलकर पहली सिंचाई के बाद, परन्तु 30 दिनों की अवस्था से पूर्व प्रति हैक्टर छिड़काव करें।