चने की खेती के लिए उपयोगी सलाह
- चने की अधिक उपज देने वाली और कीट सहिष्णु किस्मों का उपयोग JG 315, JG 74, JG 322, JG 14, JG 11, JG 130, JG 16, JAKI 92-18, JG 63, JG 412, JG 226, JG 36, PBG 1, BG 267, जीएनजी146, आरवीजी 201, आरवीजी 202।
- बुवाई के लिए काबुली चना JGK 1, JGK 2, JGK 3, KAK 2 और गुलाबी चने की किस्म JGG 1 की अधिक उपज देने वाली किस्मों का उपयोग करें। बीज और पानी की बचत के लिए रिज और फरो विधि या उठाई हुई क्यारी विधि का उपयोग करके नवंबर के पहले पखवाड़े में बुवाई करनी चाहिए।
- चना+धनिया/सरसों की अंतरफसल 8:2 के अनुपात में करनी चाहिए।
- मृदा जनित रोगों के प्रबंधन के लिए ट्राइकोडर्मा कल्चर @ 5 किग्रा / हेक्टेयर में वर्मीकम्पोस्ट मिलाकर बुवाई से पहले मिट्टी में डालना चाहिए।
- 5 ग्राम राइजोबियम और 5 ग्राम पीएसबी कल्चर के साथ थायोफैनेट-मिथाइल + पायरोक्लोस्ट्रोबिन 2 मिली + 1.0-ग्राम बोरॉन + 1.0-ग्राम मोलिब्डेनम से बीज उपचार करें।
- 5 ग्राम ट्राइकोडर्मा कल्चर + 5 ग्राम राइजोबियम और 5 ग्राम पीएसबी कल्चर से जैविक बीज उपचार करना चाहिए।
- फली बेधक के प्रबंधन के लिए प्रति हेक्टेयर 50 बर्ड पर्चर, 10 फेरोमन ट्रैप और 1 लाइट ट्रैप लगाना।
- कीट के प्रकोप के प्रारंभिक चरण में 750 मिली बैसिलस थुरिंजिनेसिस, 500 मिली एनपीवी, 750 मिली मेटारिज़ियम एनिसोप्लिया और 1 लीटर / हेक्टेयर ब्यूवेरिया बेसियाना का प्रयोग करना चाहिए।