product_image


प्रधानमंत्री सूक्ष्म खाद्य उन्नयन योजना के तहत एक जिला एक उत्पादन के तहत विदिशा जिले का चयन प्याज फसल के लिए हुआ है। जिले में वर्तमान में 802 हेक्टेयर में प्याज का रकबा है। इस रकबे में 17 हजार 750 मैट्रिक टन प्याज का उत्पादन होता है। जिले में प्याज उत्पादन से जुड़ी पांच इकाइयां स्थापित करने का लक्ष्य मिला है। 

शरबती गेहूं के लिए प्रसिद्ध विदिशा जिला अब प्याज की पैदावार के लिए पहचान बनाने वाला है। जिले के किसान उन्नत बीजों के साथ नासिक की प्याज को टक्कर दे रहे है। जिले में इस बार 800 हेक्टेयर में तीन लाख 20 हजार क्विंटल की पैदावार हुई है। इससे उत्साहित प्रशासन प्याज की राष्ट्रीय स्तर पर मार्केटिंग की योजना बना रहा है।

मध्य प्रदेश में प्याज की पैदावार के लिए मालवा क्षेत्र को जाना जाता है। यहां के खंडवा, शाजापुर, रतलाम, इंदौर, उज्जैन जिलों में प्याज की खेती होती है लेकिन विदिशा जिले में पिछले पांच साल में प्याज की खेती किसानों को भाने लगी है। इसी को देखते हुए जिला प्रशासन ने प्याज को एक जिला एक उत्पाद में शामिल कर लिया है जिसमें किसानों को खेती की सुविधा के साथ-साथ बाजार भी उपलब्ध कराने की व्यवस्था होगी।

उद्यानिकी विभाग के संयुक्त संचालक केएल व्यास बताते हैं कि विदिशा जिले की जलवायु और मिट्टी प्याज की खेती के लिए अनुकूल है। बीते पांच वर्षों में प्याज का रकबा 400 हेक्टेयर से बढ़कर 800 हेक्टेयर हो गया है। आगामी वर्षो में यह रकबा दो हजार हेक्टेयर हो जाएगा। इस बार जिले में किसानों ने प्याज की बंपर पैदावार हासिल की है।

व्यास का कहना है कि देश में सबसे अधिक और अच्छा प्याज नासिक का माना जाता है, लेकिन अब गुणवत्ता के मामले में विदिशा का प्याज भी नासिक की बराबरी कर रहा है। जिले में भीमा गहरे लाल किस्म के प्याज की खेती होती है। इसकी खासियत होती है कि यह प्याज एक वर्ष तक खराब नहीं होता है। वहीं स्वाद भी अच्छा होता है। यही प्याज नासिक में भी होता है। नासिक से प्याज उत्तर प्रदेश जाता है लेकिन अब विदिशा से भी भोपाल के व्यापारी प्याज उत्तर प्रदेश भेजने लगे हैं। इसमें परिवहन का खर्च बच रहा है। वहीं किसानों को भी अच्छे भाव मिल रहे हैं।

प्याज को राज्य सरकार की एक जिला एक उत्पाद में शामिल किया गया है। इसके तहत जिले में प्याज की खेती को बढ़ावा दिया जाएगा, वहीं किसानों को बाजार भी उपलब्ध कराया जाएगा। जिले में फूड प्रोसेसिंग यूनिट भी शुरू कराई जा रही है, जिसमें प्याज का पेस्ट, सॉस, पावडर बनाएं जाएंगे। इसकी मार्केटिंग राष्ट्रीय स्तर पर कराई जाएगी। इससे किसानों को भी फायदा होगा।