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उज्जैन (उज्जयिनी) भारत के मध्य प्रदेश राज्य का एक प्रमुख शहर है जो क्षिप्रा नदी या शिप्रा नदी के किनारे पर बसा है। यह एक अत्यन्त प्राचीन शहर है। यह महान सम्राट विक्रमादित्य के राज्य की राजधानी थी । उज्जैन को कालिदास की नगरी के नाम से भी जाना जाता है। यहाँ हर 12 वर्ष पर सिंहस्थ महाकुंभ मेला लगता है। भगवान शिव के 12 ज्योतिर्लिंगों में एक महाकाल इस नगरी में स्थित है। उज्जैन मध्य प्रदेश के सबसे बड़े शहर इन्दौर से 45 कि॰मी॰ पर है। उज्जैन के प्राचीन नाम अवन्तिका, उज्जयनी, कनकश्रन्गा आदि है। उज्जैन मंदिरों की नगरी है। यहाँ कई तीर्थ स्थल है।

खाने में स्वाद का जायका बढ़ाने वाले उज्जैन के प्याज का चयन शासन की एक जिला, एक उत्पाद योजना अंतर्गत हुआ है। कारण, यहां अच्छे किस्म के प्याज की बंपर पैदावार होना है। उद्यानिकी विभाग ने कहा है कि वह किसान एवं युवाओं को बैंक से आसानी से कर्ज दिलाकर सूक्ष्‌म खाद्य प्रसंस्करण उद्योग स्थापित करवाएगी। प्याज का पेस्ट, मसाला बनवाया जाएगा। इसके कई खाद्य पदार्थ भी बनवाए जाएंगे। ऐसे खाद्य पदार्थ जो कई महीनों भी खराब न हों।

विभागीय रिपोर्ट के अनुसार उज्जैन के प्याज की देशभर में मांग रहती है। यही वजह है कि यहां पर हर साल प्याज का रकबा बढ़ता जा रहा है। प्याज, मसाला फसलों में शुमार है। जिले में तकरीबन 12 हजार किसान 15,700 हेक्टेयर से ज्यादा जमीन पर प्याज की बुआई करते हैं। उत्पादन साढ़े तीन लाख टन के आसपास होता है। सर्वाधिक उत्पादन बड़नगर, खाचरौद, तराना में होता है। जिले में प्याज का भंडारण करने को 210 वेयर हाउस हैं, पर प्याज के खाद्य पदार्थ बनाने, या प्याज को पेस्ट या पाउडर के रूप में प्रसंस्करित करने का एक भी उद्योग नहीं है। ऐसे उद्योग उज्जैन में खुलते हैं तो नए नया बाजार खड़ा होगा। पोहे की तरह प्याज का भी उज्जैन ब्रांड बनेगा।

उद्यानिकी फसलों के उत्पादन में उज्जैन प्रदेश में अग्रणी हो गया है। मसाला फसलों की बात करें, तो उज्जैन का प्याज उत्पादन में मध्यप्रदेश मे नंबर वन है। गुणवत्ता तथा स्वाद के कारण तैयार मसाला बेचने वाली मल्टी नेशनल कंपनियों में प्याज पहली पसंद है। क्षेत्र में पैदा हाने वाले लहसुन की भी खासी मांग रहती है। कुल मिलाकर मसालों में उज्जैन के उत्पादन बहुत ही महत्व मिलने लगा है। एक समय था जब कृषि के क्षेत्र में उज्जैन का मालवी गेहूं और फिर सोयाबीन की देशभर में पहचान थी। अब उज्जैन के आलू के साथ मसाले मसलन प्याज, लहसुन, अदरक, धनिया, हल्दी, मिर्च और मैथी जैसे उत्पाद की देशभर में मांग होने लगी है। इसमें प्याज, लहसुन, धनिया, मिर्च सबसे अव्वल हैं। उज्जैन जिला प्याज उत्पादन में प्रदेश में प्रथम और लहसुन पैदावार में प्रदेश में तीसरा स्थान है।