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टोंक (Tonk) भारत के राजस्थान राज्य के टोंक ज़िले में स्थित एक नगर व लोकसभा क्षेत्र है।

टोंक, राजस्थान (भारत) में सरसों आधारित उत्पाद को एक जिला एक उत्पाद के तहत चयनित किया गया। 

राजस्थान राज्य में रबी की फसलों में सरसों एक महत्वपूर्ण फसल है। सरसों की खेती आम तौर पर समस्त राजस्थान में की जाती हैं। राजस्थान शुष्क प्रदेश होने की वजह से यहा पर सिंचाई के अभाव में सरंक्षित नमी में भी इसकी खेती आसानी से जाती है. इसीलिए सिंचाई की सुविधा के अभाव में भी इस फसल की उपज अच्छी होती है. इस फसल से कम सिंचाई सुविधा एवं कम लागत में दूसरी फसलों के मुकाबले सर्वाधिक आय प्राप्त होती है. सिंचित क्षेत्रो में 3-4 सिंचाई में सरसों की फसल की अच्छी उपज प्राप्त होती है।

सरसों क्रूसीफेरी (ब्रैसीकेसी) कुल का द्विबीजपत्री, एकवर्षीय शाक जातीय पौधा है। इसका वैज्ञानिक नाम ब्रेसिका कम्प्रेसटिस है। पौधे की ऊँचाई 1 से 3 फुट होती है। इसके तने में शाखा-प्रशाखा होते हैं। प्रत्येक पर्व सन्धियों पर एक सामान्य पत्ती लगी रहती है। पत्तियाँ सरल, एकान्त आपाती, बीणकार होती हैं जिनके किनारे अनियमित, शीर्ष नुकीले, शिराविन्यास जालिकावत होते हैं। इसमें पीले रंग के सम्पूर्ण फूल लगते हैं जो तने और शाखाओं के ऊपरी भाग में स्थित होते हैं। फूलों में ओवरी सुपीरियर, लम्बी, चपटी और छोटी वर्तिकावाली होती है। सरसों के तेल में चरपराहट का कारण आइसोथायो सायनेट होता है। फलियाँ पकने पर फट जाती हैं और बीज जमीन पर गिर जाते हैं।प्रत्येक फली में 8-10 बीज होते हैं। उपजाति के आधार पर बीज काले अथवा पीले रंग के होते हैं। इसकी उपज के लिए दोमट मिट्टी उपयुक्त है। सामान्यतः यह दिसम्बर में बोई जाती है और मार्च-अप्रैल में इसकी कटाई होती है। भारत में इसकी खेती पंजाब, राजस्थान, उत्तर प्रदेश, बिहार, पश्चिम बंगाल और गुजरात में अधिक होती है।