तरन तारन ज़िला भारत के पंजाब राज्य का एक ज़िला है। ज़िले का मुख्यालय तरन तारन साहिब है।

आत्मनिर्भर भारत अभियान के अंतर्गत खाद्य प्रसंस्करण सूक्ष्म इकाइयों को बढ़ावा देने के लिए भारत सरकार द्वारा प्रधानमंत्री सूक्ष्म खाद्य उद्योग उन्नयन योजना का आरंभ किया गया है। इस योजना के अंतर्गत असंगठित क्षेत्र के इकाईयों को एकत्र कर उन्हें आर्थिक और विपणन की दृष्टि से मजबूत किया जाएगा। 

नाशपाती उत्पाद को किया गया चयनित
एक जिला एक उत्पाद के अंतर्गत जिले को नाशपाती के लिए चयनित किया गया है। जिसकी यूनिट लगाने पर मार्केटिग, पैकेजिग, फाइनेंशियल मदद, ब्रांडिग की मदद इस योजना के अंतर्गत किसानों को मिलेगी

देश के कुल भूभाग में दो फीसदी से कम क्षेत्रफल के बावजूद 50 फीसदी गेहूं और 40 फीसदी चावल की पैदावार करने वाले पंजाब के किसानों ने नाशपाती की पैदावार में भी नाम कमाया है। पंजाब नाशपाती की पैदावार में दूसरे नंबर पर आ गया है। पहले स्थान पर जम्मू-कश्मीर है।

भारत सरकार के फूड प्रोसेसिंग विभाग की ओर से एक जिला-एक उत्पाद को लेकर प्रधानमंत्री फार्मलाइजेशन आफ माइक्रो फूड प्रोसेसिंग इंटरप्राइसेज (पीएमएफएमई) स्कीम की जानकारी देने लिए विभागों व उद्यमियों के साथ डीसी कुलवंत सिंह धूरी ने बैठक की।

स्टेट नोडल एजेंसी पंजाब एग्रो इंडस्ट्रीज कारपोरेशन की ओर से रजनीश तुली ने बताया कि जिले से संबंधित उत्पाद नाख (नाशपाती) का एक जिला-एक उत्पाद के तहत चयन किया गया है। सरकार द्वारा फूड प्रोसेसिंग से संबंधित पहले से चल रहे माइक्रो यूनिटों व स्कीम के तहत चयनित नाख की प्रोसेसिंग शुरू करने वाले नए छोटे उद्यमियों को प्रोत्साहित करने हेतु इस स्कीम की शुरूआत की गई है। अगर कोई व्यक्ति इस उत्पाद की प्रोसेसिंग का यूनिट लगाना चाहता है तो उसे स्कीम के तहत 35 फीसद सब्सिडी मुहैया करवाई जाएगी। अगर कोई ग्रुप बनाकर काम करता है तो यह सब्सिडी 50 फीसद तक भी दी जा सकती है।

पंजाब में नाशपाती की कुल पैदावार में से 70 फीसदी जालंधर, अमृतसर और तरनतारन में हो रही है। पैदावार बढ़ाने के लिए विभाग द्वारा किसानों को उन्नत किस्म के पौधे मुहैया करवाए जा रहे हैं। पंजाब एग्रीकल्चर यूनिवर्सिटी में भी बेहतर पौधों के लिए रिसर्च की जा रही है। यूनिवर्सिटी की नर्सरी पौधे तैयार कर किसानों को दिए जा रहे हैं। फल उत्पादक किसानों को ट्रेनिंग, जमीन की टेस्टिंग, पौधों और मशीनरी की सप्लाई के लिए अमृतसर में सर्विस सेंटर बनाया गया है।

नाशपाती (Pear) एक फल है। नाशपाती भी सेब से जुड़ा एक उप-अम्लीय फल है, लेकिन इसमें शर्करा अधिक तथा अम्ल कम पाया जाता है। यह सयंमी क्षेत्रों का महत्वपूर्ण फल है। तह रोज़ेसी प्रजाति से  संबंध रखता है। इसको समुंद्र तल से 1,700-2,400 मीटर की ऊंचाई पर उगाया जाता है। यह फल प्रोटीन और विटामिन का मुख्य स्त्रोत है| कई तरह की जलवायु और मिट्टी के अनुकूल होने के कारण नाशपाती की खेती भारत के उप-उष्ण से सयंमी क्षेत्रों में की जा सकती है।

नाशपाती मौसमी फल की गिनती में आता है और इस फल को खाने के काफी फायदे भी होते हैं। इसमे प्रचूर मात्रा में फाइबर होता है। इसके अलावा इसमें आयरन भी भरपूर होता है, जिसके सेवन में हिमोग्लोबिन बढ़ जाता है। इसके सेवन से बैड कोलेस्ट्ऱल की मात्रा भी कम होती है। यही वजह है कि लोग इसका खाना पसंद करते हैं और बाजार में इसकी मांग भी रहती है।

नाशपाती की खेती के लिए बलूई दोमट और गहरी मिट्टी की जरूरत होती है। कुल मिलाकर कहे तो नाशपाती की खेती के लिए ऐसी मिट्टी चाहिए होती है जिससे आसानी से पानी निकल जाये। इसके पौधे चिकनी और ज्यादा पानी वाले मिट्टी में भी उगाये जा सकते हैं।